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कार पार्किंग और गैरेज हेतु वास्तु

कार पार्किंग हेतु वास्तु

वाहन की कार्य क्षमता लंबे समय तक बेहतर बनाए रखने के लिए गैरेज के लिए उचित वास्तु के नियमों का प्रयोग करना चाहिए। अनावश्यक खर्चों से बचने के लिए कार को सही तरह से उचित दिशा में रखना चाहिए। नीचे दिए गए नियमों और दिशानिर्देशों के माध्यम से संबंधित वास्तु के बारे में विस्तृत जानकारी देने की कोशिश की गई है :

गैरेज के वास्तु नियम/ Vastu tips for Garage

गैरेज का स्थान आप की सबसे पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। उचित रूप से, कार के गैरेज को घर के उत्तर-पश्चिम या दक्षिण-पूर्व में होना चाहिए। 

यदि उत्तर-पश्चिम में स्थित गैरेज के पश्चिम में कार का स्थान होता है, तो अत्यधिक यात्राओं पर जाने के लिए तैयार रहना पड़ सकता है। 

गैरेज के वास्तु नियम/ Vastu tips for Garage

गैरेज का स्थान आप की सबसे पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। उचित रूप से, कार के गैरेज को घर के उत्तर-पश्चिम या दक्षिण-पूर्व में होना चाहिए। 

यदि उत्तर-पश्चिम में स्थित गैरेज के पश्चिम में कार का स्थान होता है, तो अत्यधिक यात्राओं पर जाने के लिए तैयार रहना पड़ सकता है। 

यदि कार दक्षिण-पश्चिम कोने में पार्क होती है, तो उसकी देखरेख की कम आवश्यकता हो सकती है। 

गैरेज के फर्श की सतह पर ढलान उत्तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए।

गैरेज का आकार ऐसा होना चाहिए कि उसमें कार खड़ी करने के बाद कम से कम २फीट चलने की जगह बनी रहे, जिससे गैरेज में प्रकाश और हवा का संचार बना रह सके। 

कार पार्किंग के वास्तु नियम/ Vastu tips for Car Parking

कार का शेड मुख्य भवन या परिसर की दीवार से लगा हुआ नहीं होना चाहिए। 

उत्तर-पूर्व दिशा में कार खड़ी करना करने की सख्त मनाही होती है क्योंकि उत्तर-पूर्व दैवीय शक्तियों का केंद्र बिंदु होने के कारण, उस जगह कार खड़ी करने से इन शक्तियों के मार्ग में रुकावट आ सकती है। हालांकि, बेसमेंट के गैरेज में उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में पार्किंग की जा सकती है। 

कार पार्किंग के वास्तु नियम/ Vastu tips for Car Parking

कार का शेड मुख्य भवन या परिसर की दीवार से लगा हुआ नहीं होना चाहिए। 

उत्तर-पूर्व दिशा में कार खड़ी करना करने की सख्त मनाही होती है क्योंकि उत्तर-पूर्व दैवीय शक्तियों का केंद्र बिंदु होने के कारण, उस जगह कार खड़ी करने से इन शक्तियों के मार्ग में रुकावट आ सकती है। हालांकि, बेसमेंट के गैरेज में उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में पार्किंग की जा सकती है। 

याद रखें कि दक्षिण-पश्चिम में गैरेज का मतलब होता है- कार का कभी-कभार प्रयोग में आना। कार के कभी- कभी ही पार्किंग क्षेत्र से बाहर निकलने पर बार-बार मरम्मत कराने की आवश्यकता हो सकती है। 

कार पार्क करते समय, कार का अग्रभाग उत्तर या पूर्व में होना चाहिए, जिससे कार कभी भी अत्यधिक गर्म नहीं होती है।

 यदि दक्षिण या पश्चिम की ओर कार का अग्रभाग हो तो कार में आग लगने के खतरे का सामना करना पड़ सकता है।

 उचित रूप से गैरेज के दरवाजे का अग्रभाग उत्तर या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए तथा दरवाजे की ऊंचाई मुख्य द्वार की दीवार से अधिक नहीं होनी चाहिए। साथ ही इसमें कोई रुकावट न होकर, आसानी से खुलना चाहिए।

गैरेज का दरवाजा खुलने वाला मार्ग साफ होना चाहिए, जिससे कार के संचालन में आसानी हो सके। 

गैरेज के लिए सफेद, पीले या कोई भी हल्के रंग शुभ माने जाते हैं। 

गैरेज में किसी भी तरह के बेकार सामान या ज्वलनशील पदार्थों का संग्रह नहीं करना चाहिए। नहीं तो, गैरेज में अनावश्यक नुकसान होने की संभावना बनी रहती है।

बरामदे का वास्तु /Vastu for Portico

जगह की कमी की स्थिति में यदि गैरेज का निर्माण संभव नहीं होता है, तो ऐसे में कार खड़ी करने के लिए बरामदे/पोर्टिको का निर्माण करना उत्तम होता है। 

पोर्टिको के वास्तु के अनुसार, उत्तर या पूर्व मुखी भूखंडों में पोर्टिको का स्थान उत्तर-पूर्व के उत्तर या पूर्व में होना चाहिए। 

जब कार पार्क करने की बात आती है तो उत्तर मुखी कार व्यवसायियों के लिए शुभ होती है, जबकि पूर्व मुखी कार राजनेताओं, प्रशासकों और सरकारी अधिकारियों के लिए अच्छी होती है। 

वास्तु पर किसी भी तरह के विशेष मार्गदर्शन के लिए आप ले सकते हैं :

कार पार्किंग के वास्तु पर ऑनलाइन विवरण, 

ज्योतिषीय सत्र/ astrological session के लिए हमारी सलाह। 

इसके अतिरिक्त आप जान सकते हैं कि ज्योतिष/ astrology वास्तु द्वारा घर, शयनकक्ष, अध्ययन कक्ष, पूजा घर, शौचालय बैठक, रसोई घर आदि के लिए कैसे मदद करता है। 

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