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रुद्राक्ष क्या है?/ What is Rudraksha?
रुद्राक्ष एक प्रकार के फल का बीज या गिरी होती है। इस प्रकार के वृक्ष पहाड़ी क्षेत्रों में पाए जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के नेत्रों की जल ग्रंथियों से हुई है। रुद्राक्ष की पौराणिक कथा यह है, कि भगवान शिव ने जब अपने नेत्र खोले थे, तो उनके आंसू से रुद्राक्ष के वृक्षों की उत्पत्ति हुई थी। रुद्राक्ष दो शब्दों से मिलकर बना है- 'रुद्र' और 'अक्ष'। 'रूद्र' और 'अक्ष' का अर्थ भगवान शिव के नाम और आंसुओं से होने के कारण रुद्राक्ष को भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है। इसी कारण यह कहा जाता है कि जो रुद्राक्ष धारण करते हैं वह भगवान शिव के दिल के पास रहते हैं।
आध्यात्मिक दृष्टि से कुंडली/Kundali के अनुसार, रुद्राक्ष बहुत उपयोगी साबित होते हैं। इसे धारण करने वालों को सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। रुद्राक्ष भगवान शिव का ऐसा वरदान है जो शारीरिक और सांसारिक कष्टों को दूर करता है। बहुत से बाजार में उपलब्ध नि:शुल्क रुद्राक्ष सॉफ्टवेयरों की अपनी विशेषताएं हैं जिन से प्रत्येक यह जान सकता है कि निशुल्क रुद्राक्ष गणना यंत्र/calculator का प्रयोग जन्मतिथि के अनुसार करके रुद्राक्ष को कैसे चुनना है।
रुद्राक्ष धारण करने के लाभ और प्रभाव/ Effects and benefits of wearing Rudraksha
जन्मतिथि के अनुसार रुद्राक्ष/Rudraksh as per birth date धारण करने से यह नकारात्मक ऊर्जाओं के विरुद्ध एक कवच की तरह कार्य करता है। एक तरफ जहां रुद्राक्ष कई बाहरी प्रभावों से किसी व्यक्ति के लिए कवच का कार्य करता है, वहीं दूसरी तरफ इसके प्रयोग से दूसरों को नुकसान भी पहुंचाया जा सकता है। रुद्राक्ष की शक्ति भगवान शिव की शक्ति को दर्शाती है, जो अधिकतम देने के लिए जाने जाते हैं। जन्मतिथि के अनुसार, उचित रूप से चयनित रुद्राक्ष व्यक्ति के वक्षस्थल से लगाकर पहनने पर तत्काल राहत दे सकता है तथा गलत तरीके से चुने गए रुद्राक्ष से गंभीर बीमारियां हो सकती है और यह स्थिति मृत्यु तक भी जा सकती है। इसलिए कुंडली के अनुसार उचित रुद्राक्ष का चुनाव करना आवश्यक होता है।
रुद्राक्ष नकारात्मक ऊर्जा और शत्रुओं से रक्षा करता है। हानि पहुंचाने वाले ये शत्रु प्रत्यक्ष व्यक्तिगत शत्रु या अप्रत्यक्ष नकारात्मक ऊर्जाएं हो सकती हैं। ये नकारात्मक ऊर्जाएं हमारे स्वास्थ्य, एकाग्रता, इच्छाशक्ति या इरादों को भी प्रभावित कर सकती हैं। उचित रुद्राक्ष पहनना इन सभी दुष्प्रभावों से बचाता है। सही रुद्राक्ष पहनने से ज्यादा महत्वपूर्ण उचित रुद्राक्ष का चुनाव करना होता है। इसलिए उचित रुद्राक्ष के लिए, ऑनलाइन रुद्राक्ष गणना यंत्र का प्रयोग करके अपने लिए उचित रुद्राक्ष का चुनाव किया जा सकता है।
शास्त्रों में बताया गया है, रुद्राक्ष भगवान शिव के मन के बहुत करीब होता है। यही कारण है कि लोग विभिन्न तरह की विपत्तियों को दूर करने और सुखमय जीवन के लिए रुद्राक्ष धारण करते हैं। व्यक्ति पर उचित रुद्राक्ष धारण करने से अत्यधिक सकारात्मक और आध्यात्मिक प्रभाव पड़ता है। रुद्राक्ष धारण करने के महत्वपूर्ण लाभों को नीचे बताया गया है :
रुद्राक्ष व्यक्ति के गलत कार्यों के परिणामों को कम करता है।
जन्मतिथि के अनुसार, उचित रुद्राक्ष दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं और दुर्घटनाओं से बचाता है।
यह काला जादू और ग्रहों के हानिकारक प्रभावों से भी बचाता है।
यह व्यक्ति के रक्तचाप में संतुलन बनाए रखता है।
यह रोजमर्रा के तनाव को कम करके मानसिक शांति बनाए रखता है।
इससे अवसाद या डिप्रेशन और घबराहट भी दूर रहता है।
राशि के अनुसार, उचित रुद्राक्ष व्यक्ति की शारीरिक ऊर्जा बढ़ाने और बनाए रखने में उपयोगी साबित होता है। अत्यधिक यात्रा करने वाले व्यक्तियों को अवश्य ही रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
सोते समय मानसिक शांति बनाए रखने में अधिक उपयोगी होता है।
रुद्राक्ष का अत्यधिक धार्मिक महत्व होता है। माना जाता है कि इसे पहनने या धारण करने से व्यक्ति पर भगवान शिव की कृपा बनी रहती है। यह व्यक्ति को सभी नकारात्मक ऊर्जाओं से दूर रखकर हमेशा निडर बनाए रख सकता है। रुद्राक्ष के धार्मिक महत्व को उसके मुख या चेहरे के आधार पर बेहतर तरीके से समझा जा सकता है।
मेरे लिए कौन सा रुद्राक्ष उचित है?/ Which Rudraksha is best for me?
रुद्राक्ष पहनने से व्यक्ति जीवन की सभी परेशानियों और कष्टों से दूर रह सकता है। रुद्राक्ष कई प्रकार के होते हैं, जिन्हें मतभेदों और कष्टों के अनुसार पहना जा सकता है। फिर दूसरा सवाल यह होता है कि जन्मतिथि के अनुसार रुद्राक्ष का चुनाव कैसे करें? और हमारे लिए कौन सा रुद्राक्ष उचित है?
अधिकतर लोग अपनी राशि के स्वामी ग्रह से अनजान होते हैं। परिणामस्वरूप, वह यह नहीं समझ पाते हैं कि किस मामले के लिए कौन सा रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। इस समस्या का समाधान करने के लिए, रुद्राक्ष धारण करने से संबंधित उचित जानकारी प्राप्त करने के लिए रुद्राक्ष गणना यंत्र बनाया गया है जिसके प्रयोग से प्रत्येक व्यक्ति को पता चलना चाहिए कि उसकी राशि के अनुसार कौन सा रुद्राक्ष उचित हो सकता है।
उचित रुद्राक्ष चुनने का अन्य तरीका नक्षत्रों के अनुसार रुद्राक्ष का चयन करना है। जन्म के समय नक्षत्र/Nakshatra की एक महत्वपूर्ण भूमिका होने के कारण, नक्षत्र के अनुसार रुद्राक्ष का चयन एक अच्छा विकल्प होता है।
आपके लिए उचित रुद्राक्ष के चुनाव का अन्य विकल्प है- राशि/Zodiac Sign के अनुसार रुद्राक्ष गणना यंत्र का प्रयोग करना। अपनी चंद्र राशि के बारे में कोई संदेह होने पर चंद्र राशि/Moon sign जानने के लिए मदद ली जा सकती है।
हिंदू धर्म के अनुसार, हमारा विश्वास है कि माता पार्वती और भगवान शंकर की शक्तियों पर रुद्राक्ष का अधिकार होने के कारण इसे पहनने वाले व्यक्ति को दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसे ग्रहों की स्थिति के अनुसार पहना जा सकता है। एक से चौदह मुखी रुद्राक्ष एक निश्चित ग्रह का प्रतिनिधित्व करते हैं। कुछ लोग उत्तेजित ग्रहों को शांत करने के लिए भी रुद्राक्ष रखते हैं।
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