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समय का पहिया चलता जा रहा है, और आपके अधिकतर दोस्त अपने जीवन साथी के साथ सफल वैवाहिक जीवन व्यतीत कर रहे हैं। अब बस आपकी बारी है। चिंता न करें अगर शादी में देरी आपकी चिंता है, तो विवाह में देरी के कारणों को जानने के लिए आप सही पेज पर पहुंच गए हैं। क्या आपको लगता है कि आपके विवाह में सच में देरी हुई है? यदि हां, तो इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं।

वह दिन गए जब बच्चा बड़ा होता है और परिवार वाले उस बच्चे की शादी करने का फैसला लेते हैं। ऐसा ज्यादातर महिलाओं के साथ होता था। लेकिन अब यह स्थिति बदल गई है और आज के दौर में पुरुष और महिलाएं एक ही पायदान पर खड़े हैं और दोनों ही अब विवाह का निर्णय लेने में सक्षम हैं।

समय का पहिया चलता जा रहा है, और आपके अधिकतर दोस्त अपने जीवन साथी के साथ सफल वैवाहिक जीवन व्यतीत कर रहे हैं। अब बस आपकी बारी है। चिंता न करें अगर शादी में देरी आपकी चिंता है, तो विवाह में देरी के कारणों को जानने के लिए आप सही पेज पर पहुंच गए हैं। क्या आपको लगता है कि आपके विवाह में सच में देरी हुई है? यदि हां, तो इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं।

वह दिन गए जब बच्चा बड़ा होता है और परिवार वाले उस बच्चे की शादी करने का फैसला लेते हैं। ऐसा ज्यादातर महिलाओं के साथ होता था। लेकिन अब यह स्थिति बदल गई है और आज के दौर में पुरुष और महिलाएं एक ही पायदान पर खड़े हैं और दोनों ही अब विवाह का निर्णय लेने में सक्षम हैं।

सर्वश्रेष्ठ जीवन साथी की तलाश की धारणा और उन्हें चुनने की प्रक्रिया अब बदल गई है। लेकिन कभी-कभी हमारे अपने कुछ निजी कारण और जीवनसाथी को लेकर हमारे मन में बहुत सारी कल्पनाएं विवाह में देरी का कारण बन सकती हैं। यहीं पर मैं एक बात और कहना चाहता हूं कि आपके पास अच्छे रिश्ते आते होंगे लेकिन आपने खुद ही इसे मना किया होगा। विवाह में देरी के अन्य कारणों में से एक करियर भी हो सकता है। करियर में आगे बढ़ना ठीक है, लेकिन करियर को सुदृढ़ बनाने के लिए अपने विवाह को बली का बकरा नहीं बनाया जा सकता। 

Click on “Delay in Marriage” to read this page in English.

सर्वश्रेष्ठ जीवन साथी की तलाश की धारणा और उन्हें चुनने की प्रक्रिया अब बदल गई है। लेकिन कभी-कभी हमारे अपने कुछ निजी कारण और जीवनसाथी को लेकर हमारे मन में बहुत सारी कल्पनाएं विवाह में देरी का कारण बन सकती हैं। यहीं पर मैं एक बात और कहना चाहता हूं कि आपके पास अच्छे रिश्ते आते होंगे लेकिन आपने खुद ही इसे मना किया होगा। विवाह में देरी के अन्य कारणों में से एक करियर भी हो सकता है। करियर में आगे बढ़ना ठीक है, लेकिन करियर को सुदृढ़ बनाने के लिए अपने विवाह को बली का बकरा नहीं बनाया जा सकता। 

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कुंडली में विवाह के लिए विशिष्ट समय निर्धारित है। जब भी हम अपनी कुंडली के अनुसार विवाह के लिए सबसे उत्तम समय से चूक जाते हैं तो हमें अगले उत्तम समय के लिए प्रतीक्षा करनी पड़ती है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे – ग्रहों की स्थिति, सामाजिक-आर्थिक कारण, किसी के द्वारा उत्पन्न कारण या अन्य कुछ और। यदि आपकी कुंडली में विवाह में देरी है, तो इसके कारण होने वाले परिणामों का भी पता चल सकता है लेकिन आपको यह समझना होगा कि ज्योतिष में विवाह में देरी के कारण के साथ उत्तम समाधान भी मौजूद हैं।

यदि आप सोच रहे हैं कि आपकी शादी में देरी क्यों हो रही है, तो एक ज्योतिषी आपकी जन्म कुंडली के माध्यम से इसका कारण जानने में मदद कर सकता है। आपकी शादी में देरी का सही कारण जानने से आपको इससे बाहर आने में मदद मिल सकती है और यह सुनिश्चित हो सकता है कि आप शादी करने के अवसर से चूक न जाएं।

मुझे यकीन है, कि आपने अभी तक विवाह में देरी के योग के लिए कैलकुलेटर/Delay in marriage calculator का प्रयोग कर लिया होगा क्योंकि इस विषय में जिज्ञासा होना आम बात है।

चलिए आगे बढ़ते हैं। आपने कैलकुलेटर से देखा कि क्या आपका विवाह हो सकता है, और यदि आपको कुंडली में विवाह का योग नहीं मिलता है तो आपको घबराने की आवश्यकता नहीं है। शांत रहे और मुझे इस समस्या का समाधान निकालने का मौका दें। यदि आपको नौ मैरिज योग/No marriage yoga परिणाम के रूप में मिलता है, तो घबराना या परेशान होना इसका समाधान नहीं है। इसके बदले आप सकारात्मकता की ओर देखें। यदि आपको इस विषय में कोई भी संकेत मिलता है तो यह आपके लिए अच्छा है, क्योंकि ज्योतिष की सहायता से इसे हल किया जा सकता है।

मुझे यकीन है, कि आपने अभी तक विवाह में देरी के योग के लिए कैलकुलेटर/Delay in marriage calculator का प्रयोग कर लिया होगा क्योंकि इस विषय में जिज्ञासा होना आम बात है।

चलिए आगे बढ़ते हैं। आपने कैलकुलेटर से देखा कि क्या आपका विवाह हो सकता है, और यदि आपको कुंडली में विवाह का योग नहीं मिलता है तो आपको घबराने की आवश्यकता नहीं है। शांत रहे और मुझे इस समस्या का समाधान निकालने का मौका दें। यदि आपको नौ मैरिज योग/No marriage yoga परिणाम के रूप में मिलता है, तो घबराना या परेशान होना इसका समाधान नहीं है। इसके बदले आप सकारात्मकता की ओर देखें। यदि आपको इस विषय में कोई भी संकेत मिलता है तो यह आपके लिए अच्छा है, क्योंकि ज्योतिष की सहायता से इसे हल किया जा सकता है।

विवाह के लिए कौन सा भाव जिम्मेदार है/ Which house is seen for delay in marriage

क्या आप जानना चाहते हैं की आपका विवाह कब होगा और आपके विवाह में देरी की मुख्य वजह क्या हो सकती है। नीचे कुछ भाव, ग्रह, दशा और ग्रहों के गोचर दिए गए हैं, जिनकी सहायता से विवाह में देरी के संकेत और उपायों का पता चल सकता है।

1. विवाह के लिए भाव – वैदिक ज्योतिष के अनुसार, सातवें भाव/Seventh House को विवाह के लिए एक मुख्य भाव के तौर पर देखा जाता है। इसके साथ ही दूसरे/Second House और ग्यारहवें भाव/Eleventh House को भी देखा जाता है। दूसरा भाव/Second House परिवार और परिवार में एक सदस्य के जुड़ने का संकेत भी देता है। ग्यारहवां भाव/Eleventh House दोस्ती का भाव होता है और यह जीवन साथी के रूप में एक सच्चे दोस्त और जीवन साथी को दर्शाता है। इसके साथ ही, ग्यारहवां भाव व्यक्ति की इच्छाओं, आशाओं, और कामनाओं को पूर्ण करता है। प्रेम विवाह की संभावना के लिए पांचवें भाव/Fifth House का भी आकलन करना अनिवार्य होता है।

2. विवाह के लिए ग्रह – शुक्र और बृहस्पति विवाह के दो मुख्य कारक है। पुरुष की कुंडली में शुक्र उसके जीवनसाथी के बारे में बताता है और वहीं महिला की कुंडली में बृहस्पति उसके होने वाले जीवनसाथी के बारे में संकेत देता है। इसके साथ-साथ, इनसे पड़ने वाले प्रभाव को भी देखा जाता है।

  • दूसरे, सातवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी

  • जिस भाव का स्वामी सप्तम भाव में हो उस भाव का स्वामी

  • सातवें स्वामी की नवमांश राशि

  • सप्तम भाव में स्थित ग्रह

  • जब ग्रह सप्तमेश की युति करें

  • प्रेम विवाह के मामले में पंचम भाव के स्वामी

  • उपरोक्त ग्रहों के नक्षत्र स्वामी।

3. दशा – विवाह तभी संपन्न हो सकता है जब दशा ऊपर बताए गए ग्रहों की दशा में हो और उसका समर्थन करें।

4. गोचर/Transit – प्रथम/First House और सातवें भाव/Seventh House या उनके स्वामी को प्रभावित करने वाला शनि और बृहस्पति का दोहरा गोचर विवाह के समय के बारे में संकेत देता है।

ऊपर दिए गए ग्रहों, ग्रह दशा और गोचर के आकलन से आपको विवाह में देरी/Delayed marriage के लिए कई चमत्कारी समाधान मिल जाएंगे।

हालांकि, शादी में देरी के मुद्दों से निपटना मुश्किल है और केवल विशेषज्ञों द्वारा ही इसका प्रयास किया जाना चाहिए। कुछ व्यक्तियों ने जल्दी विवाह के उपाय खोजने का प्रयास किया है लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

विवाह में देरी के कारण

कुंडली में विवाह में देरी के कारणों/reasons for delay in marriage को जानने के लिए जन्म कुंडली में सातवें भाव को देखा जाता है। यह स्वाभाविक रूप से विवाह में देरी का संकेत दे सकता है। इस बात को नीचे एक टेबल के जरिए समझने का प्रयास किया गया है:

पुरुष के लिए विवाह की अनुमानित आयु   स्त्री के लिए विवाह की अनुमानित आयु:

विवाह में देरी के कारण

कुंडली में विवाह में देरी के कारणों/reasons for delay in marriage को जानने के लिए जन्म कुंडली में सातवें भाव को देखा जाता है। यह स्वाभाविक रूप से विवाह में देरी का संकेत दे सकता है। इस बात को नीचे एक टेबल के जरिए समझने का प्रयास किया गया है:

पुरुष के लिए विवाह की अनुमानित आयु   स्त्री के लिए विवाह की अनुमानित आयु:

सातवें भाव के स्वामी

पुरुष के लिए संभावित उम्र

स्त्री के लिए संभावित उम्र

चंद्रमा

27

26

बृहस्पति

30

29

सूर्य

32

30

शनि

33

30

यदि कुंडली/Horoscope में सातवें भाव के स्वामी/Seventh House lord किसी शुभ प्रभाव में हो तो ऊपर दी गई उम्र 2 साल तक कम हो जाती है। लेकिन यदि सप्तमेश या सातवें भाव के स्वामी/Seventh House lord नकारात्मक या प्रतिकूल प्रभाव में हो तो उक्त आयु को 2 से 3 वर्ष और बढ़ा सकती है।

यदि विवाह में देरी के लिए जिम्मेदार ग्रह का पता चल जाए, तो विवाह में देरी के लिए ज्योतिषीय उपाय प्रभावी ढंग से काम कर सकते हैं।

लेकिन किसी भी परिणाम पर पहुंचने से पहले मैं आपको सलाह दूंगा कि आप “नो मैरिज योग कैलकुलेटर” ‘No marriage Yoga calculator’ का प्रयोग अवश्य करें। इससे आपको काफी बातें समझ आ जाएंगी।

विवाह में देरी के योग

जन्म कुंडली में कई योग होते हैं जिसके परिणामस्वरूप विवाह में देरी हो सकती है। यहां कुछ संकेत दिए गए हैं जो जन्म कुंडली के आधार पर वास्तविक जीवन के मामलों में देखे गए हैं:

  • जन्म कुंडली में राहु के साथ सूर्य की युति व्यक्ति के विवाह में देरी का संकेत दे सकती है, खासकर जब यह विवाह के भावों से जुड़ा हो।

विवाह में देरी के योग

जन्म कुंडली में कई योग होते हैं जिसके परिणामस्वरूप विवाह में देरी हो सकती है। यहां कुछ संकेत दिए गए हैं जो जन्म कुंडली के आधार पर वास्तविक जीवन के मामलों में देखे गए हैं:

  • जन्म कुंडली में राहु के साथ सूर्य की युति व्यक्ति के विवाह में देरी का संकेत दे सकती है, खासकर जब यह विवाह के भावों से जुड़ा हो।

  • राहु के साथ मंगल की युति या तो सातवें भाव में हो या सातवें भाव के स्वामी पर दृष्टि डाले।

  • यदि किसी जन्म कुंडली में सातवें/Seventh house lord और आठवें भाव के स्वामी/Eighth House lord की अदला-बदली हो रही हो। यदि सप्तमेश/Seventh House lord अष्टम भाव/Eighth House में हो और अष्टमेश/Eighth House lord सप्तम भाव में हो तो विवाह में बहुत देर हो सकती है।

  • पुरुष की जन्म कुंडली में यदि शनि और चंद्रमा की युति हो, तो कुंडली/Natal Chart में देर से विवाह के लिए कई बाधाएं जिम्मेदार हो सकती हैं।

  • जन्मकुंडली में लग्न, सप्तम और सातवें भाव के स्वामी में से किसी एक या एक से अधिक पर शनि या स्वामी की अशुभ दृष्टि व्यक्ति के विवाह में देरी के लिए जिम्मेदार साबित हो सकते हैं।

  • कुंडली में मंगल दोष/Mangal dosha की उपस्थिति आमतौर पर किसी के भी विवाह में देरी कर सकती है।

विवाह में देरी के समाधान/Solutions for delayed marriage 

इससे पहले की हम सीधा समाधान के बारे में बात करें, आप अपने भावी जीवन साथी को अपनी जन्म तिथि/best life partner using date of birth से ढूंढ सकते हैं। चलिए अब समाधान की तरफ अग्रसर होते हैं। मैं नीचे मौजूद बिंदुओं के आधार पर आपके विवाह में देरी के संकेत के बारे में बता सकता हूं।

  • पिछले जीवन का प्रभाव या वर्तमान जीवन का अतीत कहीं बाधा तो नहीं बन रहा है।

  • कुंडली में मंगल या मांगलिक दोष।

  • परिवार के सदस्यों के भीतर से रुकावट।

  • बच्चों की शिक्षा और स्थिति का स्तर, विशेष रूप से महिलाओं के लिए।

  • विपरीत लिंग मित्र के प्रति छिपा आकर्षण।

  • दूसरी तरफ से बहुत ज्यादा उम्मीदें।

  • किसी व्यक्ति में छिपी कमजोरियां।

ऊपर दिए गए सभी कारकों का अलग-अलग चार्ट के जरिए (डी-1, डी-9 से डी-60 तक) विश्लेषण किया जा सकता है। इसके जरिए विवाह में देरी के मूल कारणों का पता लगाया जा सकता है।

विवाह में देरी का समाधान निकालना संभव है। विवाह में देरी होने की समस्याएं अधिक कठिन परिस्थितियों में और विकराल रूप ले सकती हैं। आइए कुंडली में देरी से विवाह के परिणामों का विश्लेषण करें।

विवाह में देरी के परिणाम

एक बार यदि आपने विवाह में देरी के कारण और समाधान खोज लिए, तो आप सही समय पर विवाह कर पाएंगे और कर भी लेना चाहिए। क्योंकि अगर अब विवाह के लिए सही समय निकल गया, तो आपकी परेशानी और भी बढ़ सकती है। विवाह में देरी कुछ ऐसे परिणाम लेकर आती है, जो आपके सामाजिक दायरे, आपके पड़ोस और दोस्तों के साथ मतभेद को जन्म दे सकती है। हो सकता है कि विवाह में देरी के कारण आपके ऊपर वित्तीय दबाव हो, लेकिन इसके साथ ही सामाजिक और मानसिक दबाव भी आपको काफी हद तक परेशान कर सकता है। आपके परिवार में तनाव रहे, मित्रों से सही से बातचीत ना हो और कभी-कभी आप खुद को क्रूर भावना से भी देख सकते हैं। यह सब मिलकर आपके जीवन को व्यर्थ बना सकते हैं, इसलिए आपको इसका समाधान जल्द से जल्द खोजना चाहिए। विवाह में देरी के कुछ कारण हैं जो आपके जीवन पर गहरा प्रभाव डाल सकती है।

1. विवाह में देरी के कारण अवसाद (Depression)

विवाह में देरी के परिणाम

एक बार यदि आपने विवाह में देरी के कारण और समाधान खोज लिए, तो आप सही समय पर विवाह कर पाएंगे और कर भी लेना चाहिए। क्योंकि अगर अब विवाह के लिए सही समय निकल गया, तो आपकी परेशानी और भी बढ़ सकती है। विवाह में देरी कुछ ऐसे परिणाम लेकर आती है, जो आपके सामाजिक दायरे, आपके पड़ोस और दोस्तों के साथ मतभेद को जन्म दे सकती है। हो सकता है कि विवाह में देरी के कारण आपके ऊपर वित्तीय दबाव हो, लेकिन इसके साथ ही सामाजिक और मानसिक दबाव भी आपको काफी हद तक परेशान कर सकता है। आपके परिवार में तनाव रहे, मित्रों से सही से बातचीत ना हो और कभी-कभी आप खुद को क्रूर भावना से भी देख सकते हैं। यह सब मिलकर आपके जीवन को व्यर्थ बना सकते हैं, इसलिए आपको इसका समाधान जल्द से जल्द खोजना चाहिए। विवाह में देरी के कुछ कारण हैं जो आपके जीवन पर गहरा प्रभाव डाल सकती है।

1. विवाह में देरी के कारण अवसाद (Depression)

2. उम्र के साथ बच्चे के जन्म से संबंधित समस्या।

3. वित्तीय असंगति उम्र के साथ बढ़ती जाए।

4. उम्र के साथ अनुकूल साथी मिलने की संभावना कम हो जाना।

5. उम्र के साथ शारीरिक बीमारियां बढ़ती जाए, जो अच्छे विवाह के सुचारू रूप से चलने में बाधा बन सकती हैं।

6. विवाह में देरी एक सुखद वैवाहिक जीवन में नहीं बदल सकता।

7. विवाह में जितनी देरी होगी, उतना ही आपके अलग-अलग लोगों से संबंध स्थापित करने की संभावना बनेगी जो आपके सफल वैवाहिक जीवन के सपने को चूर-चूर कर सकती है।

8. उम्र के साथ, ऐसे कई रिश्ते आते हैं जो उस व्यक्ति के लिए बिल्कुल सही नहीं है और वह आपके विवाह में बाधा डाल सकते हैं।

इन सभी समस्याओं को एक वैदिक ज्योतिषी द्वारा आपकी कुंडली के पूर्ण विश्लेषण से संभाला जा सकता है। वैदिक ज्योतिषी आपको ऐसे उपाय बता सकते हैं जिससे विवाह भी जल्दी होगा और वैवाहित जीवन भी अच्छा होगा।

इसलिए हमेशा एक ऐसे ज्योतिषी से अपनी कुंडली दिखाएं जो आपकी कुंडली से सटीक भविष्यवाणी दे सकें।

आप यह भी पढ़ सकते हैं कि ज्योतिष कैसे लव मैरिज और कुंडली मिलान के संबंध में आपकी सहायता कर सकता है।

विशिष्ट मार्गदर्शन के लिए, आप नीचे दिए गए तरीकों से संपर्क साध सकते हैं:

पूछे जाने वाले प्रश्न

कई बार जन्म कुंडली में सप्तम भाव पर शनि,मंगल या राहु-केतु का असर होने के कारण जातक को अपनी शादी होने को लेकर एक लम्बा इंतजार करना पड़ जाता है. ऐसे में जरूरी होता है अपनी कुंडली का सही से विश्लेषण और अगर सही उपाय कर लिए जाएं तो शादी का सुख मिलने में नही होती है देरी. यदि आप अपने विवाह के कारणों को जानना चाहते हैं तो आखिर क्यों हो रही मेरी शादी में इतनी देरी पर क्लिक करें.

 

कई बार जन्म कुंडली में कुछ ग्रहों की बाधा सप्तम भाव को बांधने का कार्य करती है और इस कारण विवाह में देरी होती ही जाती है. इसलिए जरुरी है की आप ये जानें आखिर कौन से ग्रह आपके सातवें भाव को बाधा दे रहे हैं, क्योंकि कई बार कुंडली के बाधक ग्रह शादी में बनते हैं ग्रह बाधा का कारण . 

 

कुंडली में मंगल दोष तो नही है आपके विवाह में देरी का कारण? क्योंकि कई बार कुंडली में मौजूद मंगल की स्थिति जातक या जातिका के विवाह में देरी होने का मुख्य कारण बन जाती है और किसी न किसी कारण से रिश्ता आगे तक नहीं बढ़ पाता है

ज्योतिष शास्त्र अनुसार कुंडली में मौजूद, मांगलिक दोष, पितृ दोष, सर्प दोष इत्यादि कुंडली दोषों का प्रभाव व्यक्ति के जीवन में वैवाहिक सुख प्राप्ति के लिए विलम्ब का मुख्य कारण बन जाता है. ऐसे में जरूरी है कि समय रहते इन दोषों की शांति की जाए और विवाह सुख को प्राप्त किया जा सके।

जन्म कुंडली में दशा और गोचर विवाह का समय और विवाह होने से संबंधित कई संकेत देता है लेकिन रिश्तों के आने के बावजूद भी रिश्ता होते होते रह जाता है, या किसी कारण से सगाई तक हो जाने पर सगाई ही टूट जाती है ऐसे में इसका कारण जन्म कुंडली के सप्तम दूसरे और पंचम भाव पर शनि, मंगल, सूर्य इत्यादि पाप प्रभाव एवं क्रूर ग्रहों के चलते शादी में लगातार देरी होती चली जाती है।

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