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धन, करियर और अच्छे स्वास्थ्य के लिए ज्योतिष उपाय/ Astrology Remedies for Money, Career and Good Health

मनुष्य हमेशा सुख और शांति की तलाश में रहते हैं इसलिए वह आमतौर पर अंधेरे, निराशा और उदासी से भरे पलों को चकमा देने की कोशिश करता है। हालांकि हर समय का हल ऐसा नहीं हो पाता। अतः, बिन बुलाए कई प्रकार के दुःख, उदासीनता और कष्टों से सभी को गुजरना पड़ता है जिससे कई समस्याएँ, संकट और विपत्तियाँ जीवन में अत्यधिक हलचलों को उत्पन्न करती हैं। इन दुखों के पीछे का कारण 'कर्म या पूर्व कर्म' हो सकते हैं। यह सत्य है कि पारंपरिक ज्योतिष 'कर्म' के प्रामाणिक दर्शन पर निर्भर करता है। कुंडली में ग्रहों की स्थिति, अवधि और प्रभाव एक स्पष्ट व्यवस्था या परिस्थितिजन्य मेल प्रतीत नहीं होता है। यह अंततः पिछले कर्मों या कर्म को दर्शाता है। जहां, शुभ ग्रह शुभ कर्मों को दर्शाते हैं वहीं, अशुभ ग्रह नकारात्मक कर्मों का प्रतीक होते है। ग्रहों को यहां लाभकारी, अशुभ और तटस्थ जैसी तीन महत्वपूर्ण श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है। कोई भी ग्रह स्वयं से सकारात्मक या नकारात्मक नहीं होता बल्कि इनकी स्थिति, स्थान और परिस्थितियां एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है जो व्यक्ति के लिए लाभकारी या हानिकारक होने या न होने का निर्णय करती हैं। कई बार शुभ ग्रह बेहद कमजोर दिखाई देते हैं इसलिए इनसे प्रभावी रूप से प्रभावशाली और आशावादी परिणाम प्राप्त करने के लिए, इन्हें सशक्त बनाने की आवश्यकता होती है तथा  निराशावादी परिणामों को कम करने के लिए अशुभ ग्रहों को शांत करने की आवश्यकता होती है। वैदिक ज्योतिष की विशेषता है कि यह कमजोर लाभकारी ग्रहों को सुदृढ़ करने और अशुभ ग्रहों को प्रसन्न करने वाले उपायों का एक संपूर्ण संग्रह प्रदान करता है।

उपाय किसलिए कार्य करते हैं?/ Why do Remedies work?

भाग्य का निर्माण पिछले कार्मिक चक्रों द्वारा किया जाता है। समाधान या उपचार, किसी व्यक्ति को आगे बढ़ने या कुछ करने से दूर रहने में मदद करते हैं। यह विशेष क्रिया या निष्क्रियता भी अपने आप में कर्म प्रतीत होती है।

इसलिए, जब कोई भी किसी भी उपाय के साथ आगे बढ़ना शुरू करता है, तो वह अतीत में किए गए बुरे कर्मों को निष्प्रभावी करने का पूरा प्रयास करता है। हालांकि, जब कोई व्यक्ति कमजोर लाभकारी ग्रहों को सशक्त बनाने का प्रयास करता है, तो वह अच्छे कर्म करके आगे बढ़ने का प्रयास करता रहता है। भाग्य कर्म से तय होता है इसलिए, आप आगे बढ़ने और कोई भी उपचारात्मक उपाय करने की अपनी स्वतंत्रता का आनंद ले सकते हैं।

मोटे तौर पर, ज्योतिषीय उपचारों को निम्नानुसार वर्गीकृत किया जा सकता है/ Astrological Remedies can be broadly classified as follows

1. मंत्र/ Mantras

ये प्राचीन संस्कृत मंत्र हैं, जो ऊर्जा-आधारित ध्वनियां होती हैं जो कई कंपनों और प्रतिध्वनियों की क्षमता से सुनिश्चित होते हैं। सभी मंत्र एक विशिष्ट ग्रह से जुड़े होते हैं जो संबंधित ग्रह के अमिट प्रतिनिधि प्रतीत होते हैं और इन प्रभावशाली विभिन्न मंत्रों का जाप किया जाता है। 

2. यंत्र/ Yantra

यंत्र, ज्यामितीय और गणितीय ग्राफिक्स, संकेत, प्रतीक और चित्र होते हैं। हालाँकि, इन सभी चिह्नों और प्रतीकों की प्रत्येक चीज़ का विशिष्ट माप होना चाहिए। ये यंत्र भी अलग-अलग तरह से अलग-अलग ऊर्जाओं और कंपनों के साथ प्रतिध्वनित होते हैं। ग्रहों के यंत्रों को उचित दिशा में रखना चाहिए, तभी यह सकारात्मक और आशावादी ऊर्जा देते हैं। यह जीवन से नकारात्मकता और निराशावाद को मिटाने में बेहद मददगार साबित हो सकते हैं।

3. उपचारात्मक उत्पाद/ Remedial Products

विभिन्न सशक्त ज्योतिषीय उपचारों में रत्न, रुद्राक्ष, क्रिस्टल, ताबीज़ और जड़ी-बूटियों सहित विभिन्न उत्पादों का उपयोग किया जाता है। ये सभी उत्पाद नकारात्मकता को दूर करने और सकारात्मकता को आमंत्रित करने में अत्यधिक सहायक रहते हैं तथा अशुभ ग्रहों के सभी बुरे प्रभावों को भी दूर करते हैं।

4. सेवा/ Service

ज्योतिष में, यह उपाय का दूसरा सर्वोत्तम तरीका माना जाता है। इसे गरीबों और जरूरतमंदों और उनकी जीवन शैली के उत्थान के लिए दान या भेंट लाभकारी माना जाता है। अलग-अलग ग्रहों के लिए, अलग-अलग तरह के दान निर्दिष्ट किए गए हैं।

5. व्यवहार और आदतों में बदलाव/ Change of attitudes and habits

अपने कर्मों को सुधारने के लिए, यह कर्मों को समृद्ध या बढ़ाने का सबसे प्रभावी और प्रभावशाली उपाय या तरीका होता है। इसमें व्यक्ति, अच्छी आदतें और सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करके गलतियों में सुधारा भी जा सकता है। जन्मकुंडली में ग्रहों का स्थान, स्थिति और संरेखण के कारण, कई बार प्रतिकूल परिस्थितियां गड़बड़ियां उत्पन्न करती हैं।

इस तरह की परिस्थितियों में, यह सुझाव दिया जाता है कि व्यक्ति को अच्छी आदतों का पालन और आदर करना चाहिए और बुरी आदतों और दृष्टिकोणों को छोड़ देना चाहिए, जो अंततः संरेखण या स्थिति का परिणाम होता है। प्रत्येक को सद्गुणों और नैतिक सिद्धांतों को सीखना चाहिए तथा धैर्यपूर्वक, क्रोध जैसे सभी बुरे गुणों का त्याग करना चाहिए। साथ ही, नमक और चीनी का सेवन भी बंद कर देना चाहिए।

6. उपवास/ Fasting

जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि स्वयं को भोजन या कुछ अन्य मनपसंद चीजों का सेवन करने से रोकना ही उपवास है। इस तरह से किया गया कोई भी स्वैच्छिक प्रतिबंध या किसी इच्छा का बलिदान जिसे करके प्रसन्नता का अनुभव हो, वह बुरे प्रभावों को निष्प्रभावी करने के लिए एक प्रभावशाली उपाय के रूप में कार्य करता है और ग्रहों के आशावादी परिणामों को सशक्त बनाता है।

7. आशीर्वाद/ Blessings

प्रत्येक को माता-पिता, शिक्षकों, या गुरुओं सहित बड़ों का आशीर्वाद लेना चाहिए क्योंकि यह विभिन्न कठोर ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों को कम करता है। अच्छे कर्म करने पर बुजुर्गों द्वारा दिए गए आशीर्वाद, हमारे लिए सकारात्मक कार्य करते हैं, जो व्यक्ति के अच्छे कर्म-चक्र को दर्शाता है।

8. रंग चिकित्सा/ Color therapy

प्रत्येक ग्रह का अपना विशिष्ट रंग होता है, जिसके प्रति वह प्रतिध्वनित होकर प्रतिक्रिया करता है इसलिए रंग चिकित्सा का प्रयोग ज्योतिषीय उपाय के रूप में कार्य करता है।

9. ज्योतिष में लोकोपचार/ Folk remedies in Astrology

यह एक सरल लेकिन प्रभावशाली उपाय है जिसे आमतौर पर, टोटका या उपाय के नाम से जाना जाता है जो प्रत्येक मामलों के लिए, विशेष रूप से अलग-अलग होते हैं इसलिए इनके लिए किसी विशेषज्ञ से परामर्श करना उचित रहता है। अतः, जनश्रुति के आधार पर किसी भी ऐसे सामान्य लोक-उपचारों का पालन नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसे उपचारों के प्रतिकूल प्रभाव भी हो सकते हैं।

10. धार्मिक/ 10. Religious

इसमें प्रार्थना, अनुष्ठान, देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना, हवन की अग्नि में यज्ञ, विभिन्न आध्यात्मिक स्थलों की यात्राएं करना आदि कई क्रियाएं सम्मिलित होती हैं। इसके अलावा, पूजा के लिए त्र्यंबकेश्वर मंदिर, नासिक जैसे कई भक्ति स्थल निश्चित हैं जहां पर, अशुभ ग्रहों की नकारात्मकता को निष्प्रभावी करने के लिए जाया जाता है। 

इसके अतिरिक्त, भारत की सांस्कृतिक विविधतापूर्ण  भूमि, उत्तर नोड में राहु और दक्षिण नोड स्थित केतु के हानिकारक प्रभावों को समाप्त करने के लिए, ईश्वर की आराधना और पूजा करने के लिए लोकप्रिय है। साथ ही, यह कालसर्प दोष और पितृदोष के निराशात्मक प्रभावों को कम करने के लिए उत्तम स्थान है।

11. आध्यात्मिक उपचार/ Spiritual remedies:

पूजा-अर्चना जैसे धार्मिक उपायों के अतिरिक्त, योग और ध्यान जैसे कायाकल्प करने वाले आध्यात्मिक उपाय भी हैं जो तन, मन और आत्मा को सशक्त बनाने के साथ ही, ग्रहों को भी स्थायी रूप से संतुष्ट और सशक्त बनाते हैं।

इन उपायों को करते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए तथा इन उपायों को सुनिश्चित करते समय कई बिंदुओं को ध्यान में रखना आवश्यक होता है:

हालाँकि, इन उपचारों के संबंध में कोई कठोर नियम नहीं हैं लेकिन, कुछ ऐसी बातें हैं जिन्हें प्रत्येक को ध्यान में रखना चाहिए जो कि देश, स्थान, काल और व्यक्ति विशेष की व्यक्तिगत पहचान के अनुरूप होने चाहिए। 

जैसे कि बीमार होने पर केवल आप ही दवाओं द्वारा उपचारों से गुजरते हैं ठीक वैसे ही, इन्हें प्रभावी बनाने के लिए व्यक्ति को स्वयं ही इन उपायों को करना होता है। अतः, आपकी ओर से किसी अन्य को इन कार्यों को नहीं करना चाहिए। हालांकि, शिशु, बीमार या वृद्ध लोगों से संबंधित कुछ विशेष मामलों में जो स्वयं उपाय करने में समर्थ नहीं होते हैं, वे किसी अन्य से इन्हें करने का अनुरोध कर सकते हैं। साथ ही इसमें जप करना, मन्त्रों को ध्यान से सुनना, यंत्र, रत्न और रुद्राक्ष आदि का ध्यानपूर्वक प्रयोग करने का सुझाव दिया जाता है।

इनके दौरान, व्यक्ति को धैर्य नहीं खोना चाहिए और तुरंत परिणामों की प्रतीक्षा नहीं करनी चाहिए क्योंकि यह अतीत को दूर करने का कार्य होता है, जिसमें समय लगता है क्योंकि यह व्यक्ति द्वारा किए गए कर्मों की तीव्रता पर अत्यधिक निर्भर करता है। अतः, कर्मों की कीमत चुकाने के लिए, व्यक्ति के धैर्य की परीक्षा भी ली जा सकती है।

साथ ही, इन उपायों को पूर्ण विश्वास और भरोसा होने पर ही करना चाहिए तथा किसी के भी द्वारा सुझाव दिए जाने मात्र पर ही इन उपायों को नहीं करना चाहिए। अतः, इनके साथ किसी भी तरह का प्रयोग या एक्सपेरिमेंट न करें।

गरीबों और जरूरतमंदों को दान देने या उपकार करने के इच्छुक होने पर, सुनिश्चित करें कि इसे पूरे दिल से किया जाए क्योंकि यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि आप इसे सिर्फ इसलिए नहीं कर रहे हैं क्योंकि आप आशीर्वाद चाहते हैं, बल्कि इसलिए कि इससे आपको और दूसरे व्यक्ति को सुख और संतुष्टि प्राप्त हो। तन, मन और आत्मा के साथ तालमेल बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। अतः, इन सभी उपायों को करते समय निरंतर सकारात्मक बने रहना चाहिए।

इसके साथ ही, यह भी ध्यान रखना चाहिए कि ये उपाय आपकी किस्मत या भाग्य को बदल देंगे। आखिरकार, ये सिर्फ ऐसे बेहतर तरीके हैं जिनसे चीजों के पैटर्न और उनके पीछे के कारण को समझा जा सकता है। यह व्यक्ति को बेहतर तरीके से स्थिति का सामना करने और  कम से कम प्रभावित होने के लिए, स्वयं को बदलने और सशक्त बनाने के तरीकों का आश्वासन देता है। ये उपाय व्यक्ति को, नकारात्मक प्रभावों को बदलकर आशावान बनाए रखने में मदद करते हैं।

टोटके/ Totke

उत्तर भारत में, टोटके शब्द का व्यापक रूप से प्रयोग किया जाता है। मूल रूप से, यह एक प्रकार के उपाय या धार्मिक क्रियाएं हैं जो लोगों को अपने दैनिक मामलों और परेशानियों से छुटकारा पाने में मदद करती हैं।

पारंपरिक दृष्टिकोण से, यह एक ऐसा अद्भुत कार्यकलाप है जो व्यापार में हानि या बीमारी जैसी परेशानियों से छुटकारा पाने में मदद करता है। किसी व्यक्ति के सामने टोटका शब्द का प्रयोग करने पर, वह तुरंत इस विशेष शब्द का प्रयोग नकारात्मकता के लिए समझ जाते हैं और सोचते हैं कि इसका प्रयोग किसी का बुरा करने के लिए किया जाता है। हालाँकि, टोटका एक ऐसी मददगार पारंपरिक मान्यता है जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में हस्तांतरित होती रहती है।

मूल रूप से टोना-टोटका, प्रसिद्ध और सिद्ध साधकों, योगियों, मनीषियों के विभिन्न अनुभवों और ज्ञान पर निर्भर होते हैं, जिन्होंने विशिष्ट चीजों के बीच प्रामाणिक सह-संबंधों की खोज की। इसके अलावा, यह उन श्रृंखलाबद्ध प्रतिक्रियाओं को भी बनाता या शुरू करता है जो विशेषतः विशिष्ट पदार्थों और विचारों से उत्पन्न होते हैं। 

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