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ज्योतिष में स्वास्थ्य समस्याएं और चिकित्सा समस्याएं
अच्छी सेहत और अच्छी समझ एक जिंदगी के दो सबसे बड़े वरदान है – पब्लियस सायरस
कुछ जीव जंतुओं को छोड़ कर सभी जीवित जीवों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती है। लेकिन एक है कि – एहतियात इलाज से बेहतर है। चिकित्सा विज्ञान का इस क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण योगदान होता है, लेकिन ज्योतिष/health astrology भी इस क्षेत्र में अहम किरदार निभाता है। आपके मन में कुछ सवाल उठ रहे होंगे कि – स्वास्थ्य समस्याओं में भविष्यवाणी कैसे मदद कर सकती है? How can health prediction help in health issues? क्या ज्योतिष किसी व्यक्ति के जीवन में स्वास्थ्य समस्याओं की भविष्यवाणी कर सकता है? Can astrology predict health problems in a person’s life? इसका जवाब बहुत सरल है। हां, ज्योतिष की सहायता से सेहत और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का पता आसानी से लगाया जा सकता है। लेकिन दोनों में एक जगह फर्क है कि ज्योतिष में स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का पता समय से पहले लगा कर उसका समाधान किया जाता है। और जब हम चिकित्सा या चिकित्सक की बात करते हैं तो लोग उनके पास रोग के आ जाने के बाद जाते हैं। इसलिए इस बात में दो राय नहीं है कि ज्योतिष भी उतना ही जरूरी होता है जितना चिकित्सा।
स्वास्थ्य के विषय में ज्योतिषीय भविष्यवाणी - ज्योतिष स्वास्थ्य के विषय में कैसे काम करता है? Health Astrology predictions - How Astrology works in Health issues?
हम जानते हैं कि जन्मतिथि के आधार पर भविष्यवाणी/Health prediction as per birth date करके अपनी सेहत में सुधार लाना स्वास्थ्य समस्याओं और चिकित्सा मामलों का अग्रिम संकेत है। यदि आपको समय से पहले आपकी कुंडली के अनुसार आपके रोग का संकेत मिल जाए, तो आप उस स्थिति से निपटने के लिए तैयार हो जाएंगे या फिर कुछ ऐसे एहतियातन कदम उठाएंगे कि जिससे आप आने वाली समस्याओं से बच सकें। चलिए आपको समझते हैं कि कैसे ज्योतिष स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से निपटने में कारगर साबित हो सकता है? how health astrology works in health issues? ज्योतिष एक विज्ञान है और कुंडली एक उपकरण, जिससे अच्छे और बुरे सेहत के बारे में भविष्यवाणी की जाती है। ज्योतिष में कुंडली/Natal Chart के बारह भाव/Twelve Houses से बनती है। यही कुंडली के बारह भाव मानव जीवन के सभी पहलुओं के बारे बताते हैं जिसमें सेहत भी है। कुंडली के यह बारह भाव काल पुरुष कुंडली के भाग हैं। इन सभी भावों में पहला भाव/First House मन, व्यक्तित्व और व्यक्ति का चेहरा को दर्शाता है, दूसरा भाव/Second House आवाज़ को दर्शाता है। तीसरा भाव/Third House हाथ और छाती का संकेत देता है, चौथा भाव/Fourth House हृदय को दर्शाता है। यदि इन भावों पर किसी दूसरे भाव का दुष्प्रभाव पड़ता है तो यह जातक के बुरी सेहत को दर्शाता है। वैदिक ज्योतिष/Vedic Astrology में छठा भाव/Sixth House सेहत के लिए होता है। लाभकारी और पीडित ग्रह का छठे भाव पर प्रभाव एक निर्णायक कारक साबित हो सकता है।
अनुभवी ज्योतिषी की सलाह मानें तो हर दो साल में एक बार हर व्यक्ति को सेहत के संबंध में कुंडली/Horoscope का आकलन करना चाहिए। इस उम्र सीमा में बदलाव हो सकता है लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि जातक की उम्र क्या है, वह कौन सा कार्य करता है, उसकी वर्तमान स्थिति कैसी है, और समग्र स्वास्थ्य जोखिम। चलिए समझते हैं कि ज्योतिष से सेहत के विषय में कैसे संकेत मिलते हैं।
स्वास्थ्य के विषय में ज्योतिषीय भविष्यवाणी - ज्योतिष स्वास्थ्य के विषय में कैसे काम करता है? Health Astrology predictions - How Astrology works in Health issues?
हम जानते हैं कि जन्मतिथि के आधार पर भविष्यवाणी/Health prediction as per birth date करके अपनी सेहत में सुधार लाना स्वास्थ्य समस्याओं और चिकित्सा मामलों का अग्रिम संकेत है। यदि आपको समय से पहले आपकी कुंडली के अनुसार आपके रोग का संकेत मिल जाए, तो आप उस स्थिति से निपटने के लिए तैयार हो जाएंगे या फिर कुछ ऐसे एहतियातन कदम उठाएंगे कि जिससे आप आने वाली समस्याओं से बच सकें। चलिए आपको समझते हैं कि कैसे ज्योतिष स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से निपटने में कारगर साबित हो सकता है? how health astrology works in health issues? ज्योतिष एक विज्ञान है और कुंडली एक उपकरण, जिससे अच्छे और बुरे सेहत के बारे में भविष्यवाणी की जाती है। ज्योतिष में कुंडली/Natal Chart के बारह भाव/Twelve Houses से बनती है। यही कुंडली के बारह भाव मानव जीवन के सभी पहलुओं के बारे बताते हैं जिसमें सेहत भी है। कुंडली के यह बारह भाव काल पुरुष कुंडली के भाग हैं। इन सभी भावों में पहला भाव/First House मन, व्यक्तित्व और व्यक्ति का चेहरा को दर्शाता है, दूसरा भाव/Second House आवाज़ को दर्शाता है। तीसरा भाव/Third House हाथ और छाती का संकेत देता है, चौथा भाव/Fourth House हृदय को दर्शाता है। यदि इन भावों पर किसी दूसरे भाव का दुष्प्रभाव पड़ता है तो यह जातक के बुरी सेहत को दर्शाता है। वैदिक ज्योतिष/Vedic Astrology में छठा भाव/Sixth House सेहत के लिए होता है। लाभकारी और पीडित ग्रह का छठे भाव पर प्रभाव एक निर्णायक कारक साबित हो सकता है।
अनुभवी ज्योतिषी की सलाह मानें तो हर दो साल में एक बार हर व्यक्ति को सेहत के संबंध में कुंडली/Horoscope का आकलन करना चाहिए। इस उम्र सीमा में बदलाव हो सकता है लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि जातक की उम्र क्या है, वह कौन सा कार्य करता है, उसकी वर्तमान स्थिति कैसी है, और समग्र स्वास्थ्य जोखिम। चलिए समझते हैं कि ज्योतिष से सेहत के विषय में कैसे संकेत मिलते हैं।
आप आउटलुक इंडिया / द वीक्स / हिंदुस्तान टाइम्स में स्वास्थ्य संबंधी भविष्यवाणियों पर मेरे नवीनतम साक्षात्कार को नीचे दिए गए हमारे समाचार अनुभाग से पढ़ सकते हैं।
जन्मतिथि के आधार पर सेहत कि भविष्यवाणी/Health prediction by date of birth
इस वाक्य का अर्थ है: आपकी जन्म कुंडली/Birth Chart में उन सभी भावों और ग्रहों का आकलन करना जो आपके लिए सेहत की समस्या खड़ी कर सकती हैं। किसी विशिष्ट रोग के लिए भविष्यवाणी करने के लिए जन्मतिथि की जरूरत पड़ती है। हम ज्योतिषीय संयोजन से उन ग्रहों और भावों का भी पता लगा सकते हैं जो आपके खराब सेहत के लिए जिम्मेदार होते हैं। अब मैं उन कारकों को करीब से समझाने का प्रयास करुंगा जिससे जन्मतिथि के आधार पर हर व्यक्ति की सेहत के लिए भविष्यवाणी/health prediction by on date of birth की जा सकती है।
ज्योतिष में ग्रह और रोग/Planets and Diseases in Astrology
हर व्यक्ति की कुंडली में कुछ संकेत दिए गए हैं जो यह बताते हैं कि किसी व्यक्ति को सेहत से जुड़ी परेशानी होगी कि नहीं। इसी प्रकार कुछ ग्रहों के संयोजन है जो जातक को होने वाली बीमारियों का भी संकेत दे सकता है। इसकी अनदेखी के बजाय आपको और भी ज्यादा सतर्कता से निर्णय लेना चाहिए। सेहत हमेशा से हर व्यक्ति की प्राथमिकता होनी चाहिए। जैसे चिकित्सकों के पास हर बीमारी को ठीक करने के लिए अलग अलग उपकरण होते हैं, उसी प्रकार ज्योतिष में भी कुछ उपकरण है जो सामान्य स्वास्थ्य मामलों और विशिष्ट रोगों के लक्षणों का पता लगा सकते हैं। आपकी जन्म कुंडली में कुछ ग्रह और भाव होते हैं जो रोगों और चिकित्सा मामलों के बारे में बताते हैं। इसी प्रकार विभिन्न विशिष्ट बीमारियों के सह-संबंधित लक्षणों का पता आपकी कुंडली के आकलन से लगाया जा सकता है। इस लेख में मैं दोनों ही कारकों के बारे बताने वाला हूं।
जन्म कुंडली/Natal Chart में यह भाव सेहत से जुड़ी परेशानियों के बारे में बताता है।
आइए देखते हैं कि विभिन्न घर और राशि किस बीमारी का संकेत मिलता है।
शरीर के अंग जैसे सिर, चेहरे और चेहरे की हड्डियां, मस्तिष्क और मस्तिष्क की रक्त वाहिकाएं से जुड़ी समस्याओं के बारे में पहला भाव/First House यानी मेष संकेत देते है।
जन्म कुंडली/Natal Chart में यह भाव सेहत से जुड़ी परेशानियों के बारे में बताता है।
आइए देखते हैं कि विभिन्न घर और राशि किस बीमारी का संकेत मिलता है।
शरीर के अंग जैसे सिर, चेहरे और चेहरे की हड्डियां, मस्तिष्क और मस्तिष्क की रक्त वाहिकाएं से जुड़ी समस्याओं के बारे में पहला भाव/First House यानी मेष संकेत देते है।
दूसरे भाव/Second House से वाणी, दांत, आंख, गर्दन और हड्डियों, गले, रक्त वाहिकाओं और गले और गर्दन से जुड़ी नसों से संबंधित रोग के बारे में पता चलता है।
तीसरा भाव/Third House को कंधे, कॉलर, हाथ और संबंधित हड्डियां, फेफड़े, श्वास संबंधी समस्याएं के लिए देखा जाता है।
चौथे भाव/Fourth House से छाती, स्तन, पसलियां, पेट और भोजन की आदतों से होने वाली बीमारियां, पाचन तंत्र के संबंध में परेशानी का पता चलता है।
पांचवें घर/Fifth House से दिल, दिमाग और रीढ़ की हड्डी से संबंधित समस्या का पता चलता है।
आंत्र, पेट, आंत, गुर्दे, और पेट से संबंधित समस्या के लिए छठा भाव/Sixth House जिम्मेदार होता है।
कमर, त्वचा, नाक उदर गुहा के लिए सातवें भाव/Seventh House का आकलन किया जाता है।
आठवें भाव/Eighth House से यौन और मूत्राशय संबंधित समस्याओं के बारे में पता चलता है।
कूल्हों, नसों और जांघों, और धमनी प्रणाली से संबंधित समस्या के बारे में जानने के लिए नौवां भाव/Ninth House
हथेलियों, जोड़ों, घुटनों, हड्डियों से संबंधित बीमारियों के लिए दसवां भाव/Tenth House होता है।
ग्यारहवें भाव/Eleventh House से पैर, टखने, रक्त परिसंचरण के बारे में पता चलता है।
बारहवां भाव या मीन राशि से पैर, पैर की अंगुली, बाईं आंख और अस्पताल में भर्ती और मृत्यु के बारे में पता चलता है। बारहवें भाव से जीवन के सबसे बड़े नुकसान को देखा जा सकता है।
जन्म कुंडली में विशिष्ट रोगों के संकेत/Indications of Specific diseases in birth chart
आपको बीमारियों और भाव के बारे में ज्यादातर जानकारी दे दी गई है। चलिए अब आपको इस विषय को और विस्तार से समझाते हैं और इसके लिए कुछ ज्योतिषीय कारण और समाधान बताते हैं। आपकी कुंडली/Birth Chart में कुछ संकेत होते हैं जो विशिष्ट रोगों का संकेत देते हैं। चलिए इसे समझते हैं।
जन्म कुंडली में त्वचा से जुड़ी समस्या/Indication of Skin problem in Birth Chart
त्वचा से जुड़ी समस्या छोटी और बड़ी दोनों हो सकती हैं। हम सभी को पता है कि त्वचा मानव शरीर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसके रास्ते शरीर के हानिकारक तत्व बाहर निकलते हैं। आपकी त्वचा को देखकर एक अच्छा चिकित्सक आपकी वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति बता सकती है। यदि आपको त्वचा से जुड़ी समस्या है तो आपकी त्वचा को देखकर आसानी से पता लगाया जा सकता है। उभरा हुए पैच या उभरी हुई त्वचा या त्वचा पर खुजली कुछ सामान्य लक्षण है।
जन्म कुंडली में विशिष्ट रोगों के संकेत/Indications of Specific diseases in birth chart
आपको बीमारियों और भाव के बारे में ज्यादातर जानकारी दे दी गई है। चलिए अब आपको इस विषय को और विस्तार से समझाते हैं और इसके लिए कुछ ज्योतिषीय कारण और समाधान बताते हैं। आपकी कुंडली/Birth Chart में कुछ संकेत होते हैं जो विशिष्ट रोगों का संकेत देते हैं। चलिए इसे समझते हैं।
जन्म कुंडली में त्वचा से जुड़ी समस्या/Indication of Skin problem in Birth Chart
त्वचा से जुड़ी समस्या छोटी और बड़ी दोनों हो सकती हैं। हम सभी को पता है कि त्वचा मानव शरीर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसके रास्ते शरीर के हानिकारक तत्व बाहर निकलते हैं। आपकी त्वचा को देखकर एक अच्छा चिकित्सक आपकी वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति बता सकती है। यदि आपको त्वचा से जुड़ी समस्या है तो आपकी त्वचा को देखकर आसानी से पता लगाया जा सकता है। उभरा हुए पैच या उभरी हुई त्वचा या त्वचा पर खुजली कुछ सामान्य लक्षण है।
ज्योतिषी आपकी कुंडली/Kundali देखकर इस समस्या के बारे में आपको समय से पहले सूचित किया जा सकता है, जिससे आप एहतियातन कदम उठा कर अपनी मदद कर सके।
आप इस लिंक पर क्लिक करके निःशुल्क कैलकुलेटर का प्रयोग कर सकते हैं। इसके प्रयोग से आप विषय में और जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
त्वचा से जुड़ी समस्या में बुध और शनि की भूमिका
जैसा कि हम जानते हैं, त्वचा मानव शरीर का सबसे बड़ा हिस्सा माना जाता है। इसका वजन 6 से 9 पाउंड के बीच होने की संभावना है और यह दो वर्ग गज के क्षेत्र तक फैल सकता है। त्वचा बाहरी दुनिया और आंतरिक अंगों को अलग करते हैं। यह आपके शरीर को बैक्टीरिया और वायरस से दूर रखती है साथ में यह आपके शरीर के तापमान को बनाए रखने में सहायता करता है।
जलन, खून जमना, या त्वचा में सूजन कुछ लक्षणों को उत्पन्न करती हैं जैसे – त्वचा का लाल हो जाना, त्वचा में सूजन, जलन, और खुजली। चिड़चिड़ापन, एलर्जी, और आनुवंशिक मेकअप और कुछ बीमारियां जैसे प्रतिरक्षा प्रणाली की समस्या जिल्द की सूजन, पित्ती और अन्य त्वचा के रोग की स्थिति उत्पन्न कर सकती है। कुछ त्वचा की समस्या जैसे मुंहासे आपकी सुंदरता को प्रभावित कर सकते हैं। कभी कभी त्वचा में कुछ प्रकार के कैंसर भी हो सकते हैं। ज्योतिष/Medical Astrology इन सभी कारकों को आसानी से पता लगा सकता है। बुध और शनि वह ग्रह हैं तो हर प्रकार की त्वचा की समस्या के बारे में जानकारी दे सकते हैं।
ल्गन – व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के बारे में बताता है।
दूसरा भाव/Second House – दूसरा भाव/Second House चेहरे को दर्शाता है, और आपके चेहरे पर मुंहासे या कोई अन्य दाग का भी पता इस भाव से लग सकता है।
छठा भाव/Sixth House – यह भाव किसी बीमारी या उसकी शुरुआत को दर्शाता है।
शनि – शनि त्वचा का प्राकृतिक संकेतक है। उम्र से संबंधित परेशानी, एक्जिमा, और कुछ असाध्य रोगों का इस भाव से पता चल सकता है।
चंद्रमा – इस ग्रह से खून में किसी हानिकारक तत्व की मौजूदगी और खून की कमी के बारे में संकेत देता है।
शुक्र – यह ग्रह जातक के खूबसूरती को दर्शाता है।
बुध – जीवन में तनाव और त्वचा से जुड़ी समस्या के बारे में बुध ग्रह से पता चलता है।
मंगल – इस ग्रह से चकत्ते, एलर्जी, या खतरे का संकेत मिलता।
बृहस्पति – बृहस्पति ग्यारहवें भाव या ग्यारहवें भाव के स्वामी को प्रभावित करते हैं। इस ग्रह से चयापचय और विषाक्तता के संकेत मिलता है।
बुध/शनि में संकेत – शनि सतह के एपिडर्मिस के सूखने का एक कारण है और यह ग्रह अत्यधिक रक्त प्रवाह की रोकथाम के तंत्रिका संकेतों को धीमा कर देती है।
पेट से जुड़ी क्रिया/Bowel Movement
यह एक सामान्य क्रिया है जिससे आपके शरीर से हानिकारक तत्व बाहर निकलते हैं। यह शरीर के सामान्य क्रिया में आता है। लेकिन जब इस क्रिया में देरी हो या आपको शौचालय जाने की जरूरत ज्यादा पड़े तो कब्ज, दस्त, दर्दनाक निकासी या पेट फूलना जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है। पाचन क्रिया में समस्या के कारण पेट से जुड़ी क्रियाओं में बदलाव होता है। इन सभी परेशानी का हल आपकी कुंडली/Horoscope से मिल सकता है। यदि आप अपने स्वास्थ्य के सिलसिले में किसी अनुभवी ज्योतिषी/Learned Astrologer से ज्योतिषीय रिपोर्ट लेंगे तो आपको इस समस्या का समाधान मिल जाएगा।
जन्म कुंडली में मूत्र से संबंधी समस्याएं/Urination problems indications in the birth chart
ऊपर लिखित क्रिया की तरह ही मानव शरीर से मूत्र कि निकासी भी सेहत का एक महत्वपूर्ण कारक है। मूत्र से संबंधित किसी भी प्रकार का दर्द, जलन, और असहजता इस समस्या की तरफ इशारा करता है। यदि आप बार बार मूत्र के लिए बार बार शौचालय जाना पड़ता है, तो यह मधुमेह/Diabetes का संकेत हो सकता है। जब भी आप मूत्रालय जाएं, आपको अपने मूत्र के रंग पर अपना ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। यदि आपके मूत्र का रंग लाल या पीला है, या फिर रोजाना के हिसाब से आपको कम या ज्यादा मूत्र आ रहा है तो आपको स्वास्थ्य ज्योतिष रिपोर्ट/health astrology report लेने की जरूरत होगी।
खराब स्वास्थ्य के अन्य ज्योतिषीय संकेत/Other astrological indications of bad health
ऊपर दिए गए कारकों के साथ साथ और भी बहुत सारे संकेतक हैं जो आपकी कुंडली/Natal Chart में खराब सेहत को दर्शाता है। ज्योतिष इन सभी संकेतों का पता करते खराब सेहत का पता लगा सकते हैं। वैदिक ज्योतिष में बहुत सारे उपकरण है जो जातक के सेहत के बारे में बता सकते हैं। कुंडली/health horoscope का आकलन करते ज्योतिष बहुत सारे संकेतों का पता लगा सकते हैं। इन सभी को नीचे समझाया गया है –
पहले भाव की कमजोरी/Ascendant's Weakness
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लग्न में पीड़ित भाव की स्थिति।
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स्वामी की स्थिति/Position of lord
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अधिरोहण/Ascension
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लग्न का गलत प्रयोग/Presence of misuse in the Lagan
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लग्न में करतारी योग/Kartari Yoga लग्न की कमजोरी को दर्शाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि लग्न का संबंध सेहत से होता है। जब लग्न कमजोर होता है, तो यह जातक की असहजता को दर्शाता है।
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फलदीपिका के योगाध्याय में श्री मन्तेश्वर ने 38 दुर्योग (अवयोग) दिए हैं। यदि लग्न में शिष्टेश, अष्टमेश या द्वादश क्रमशः हो और लग्नेश भाव में राशि बदल ले, तो उस स्थिति में रोजाना का योग बनता है। ऐसे जातक को दुश्मन मिल सकते हैं, और जातक हमेशा क्रोधित रहेगा।
लग्न की कमजोरी/Weakness of Lagan
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लग्नेश धीमा रहे या सूर्यास्त हो।
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लग्नेश ग्रह में राशि का चिन्ह है।
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लग्नेश तीसरे स्थान पर है, अर्थात, श्रेष्ठ, आठवें/Eight House या नौवें भाव/Ninth House में हो।
यदि लग्नेश किसी पीडित ग्रह के संपर्क में आ जाए तो यह लग्न की कमजोरी को दर्शाता है। हमेशा ध्यान दें कि आपसी परिवर्तन, सत्तारूढ़ ग्रह की दृष्टि, साझा दृष्टि, और दोनों ग्रहों के बीच संबंध राशि चक्र में की हीन माना जाता है।
सेहत से जुड़ी समस्या में चंद्रमा की महत्वता
कुछ प्रश्न हैं जिनके जवाब मिलना अनिवार्य है जैसे – क्या चंद्रमा की आपके सेहत में कोई विशेष भूमिका है? चंद्रमा का आपके सेहत से जुडी समस्या में क्या महत्व है? Does Moon has specific role in health issues, what is the role of Moon in health issues? चलिए आपकी कुंडली में चंद्रमा की महत्ता के बारे में बताते हैं।
चंद्रमा को लग्न से कम नहीं समझना चाहिए। चंद्रमा खुशी और सेहत का प्रतीक है।
सेहत से जुड़ी समस्या में चंद्रमा की महत्वता
कुछ प्रश्न हैं जिनके जवाब मिलना अनिवार्य है जैसे – क्या चंद्रमा की आपके सेहत में कोई विशेष भूमिका है? चंद्रमा का आपके सेहत से जुडी समस्या में क्या महत्व है? Does Moon has specific role in health issues, what is the role of Moon in health issues? चलिए आपकी कुंडली में चंद्रमा की महत्ता के बारे में बताते हैं।
चंद्रमा को लग्न से कम नहीं समझना चाहिए। चंद्रमा खुशी और सेहत का प्रतीक है।
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यदि चंद्रमा दोस्थान में हो (छठा भाव और बारहवां भाव)
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यदि चंद्रमा कम राशि वाला हो
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यदि चंद्रमा सूर्य के साथ हो, और असवास्य के कारण कमजोर हो।
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चंद्रमा शत्रु क्षेत्र में हो
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यदि पाप दुर्योध योग में है, तो ऐसा व्यक्ति कई प्रकार की रोगों से पीड़ित हो सकता है।
त्रिशदए में क्रूर ग्रहों का आभाव
यह थोड़ा अलग है, लेकिन प्रयास ज़रूर करें। जातक की कुंडली/Kundli में तीसरे/Third House lord, छठे/Sixth House lord, और ग्यारहवें भाव के स्वामी/Eleventh House lord का पीड़ित या अनिष्टकारक होने के बावजूद भी तृतीया, श्रेष्ठ और ग्यारहवें भाव/Eleventh House में क्रूर (पाप) ग्रह की स्थिति से जातक का स्वास्थ्य और निवारक शक्ति बढ़ती है। यदि कोई त्रिशदए में कोई कठोर ग्रह नहीं होगा, तो इसके कारण जातक को कमजोरी हो सकती है या फिर उसे किसी बीमारी का सामना करना पड़ सकता है।
केंद्र या त्रिकोण में क्रूर ग्रहों की स्थिति
सभी विद्वानों ने केंद्र को विष्णु या सुख स्वास्थ्य की पुष्टि और वृद्धि का स्थान माना है। इसी प्रकार त्रिकोण भाव को लक्ष्मी या धन और सुख का स्थान माना गया है। इन स्थानों पर क्रूर ग्रहों की मौजूदगी बीमारी, दीनता, और दुख को दर्शाता है। इस बात का हमेशा ख्याल रखें कि मूल रूप से पाप ग्रह केंद्र का स्वामी होने के कारण अशुभ नहीं रहता है, लेकिन त्रिकोण में स्थित ऐसा केन्द्रित ग्रह जातक की कुंडली में राजयोग बनता है। फिर भी सच्चाई यह है कि क्रूर ग्रह केंद्र या त्रिकोण में पीड़ित हो सकता है।
अष्टमेष की कमजोरी
यदि अष्टमेष कमजोर है, सूर्य से प्रभावित है, सूर्यास्त है, जो शत्रु क्षेत्र या शत्रु ग्रह या दृष्टि के साथ हो, तो जातक को शरीर की कमजोरी हो सकती है। आठवें भाव/Eight House में सिर्फ शुभ ग्रह की मौजूदगी लग्नाधि योग को बताता है, लेकिन जब हम स्वास्थ्य की बात करते हैं, तो आठवें भाव/Eight House में कोई भी ग्रह कि मौजूदगी आपके सेहत पर कोई प्रभाव नहीं ड़ालती। यह संयोजन ऑस्टियोपोरोसिस बीमारी की जटिलता, गंभीरता और स्वास्थ्य लाभ में देरी का संकेत देता है। इस स्थिति में क्रूर ग्रह आपके सेहत के लिए लाभकारी साबित हो सकता है, और शुभ ग्रह का कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा। कुछ विद्वान सेहत के लिए अष्टमेष को लाभकारी ग्रह के नाम से भी जानते हैं।
ग्रहों के आत्म कारक की कमजोरी
आप सभी जानते ही होंगे कि यह भाव बलिदान का सर्वोच्च भाग है, यह किसी भी राशि में सबसे ऊपरी भाग पर होता है; जिसे आत्म कारक भी कहते हैं। यदि आत्म कारक ग्रह या आत्मा या स्वास्थ्य का प्राकृतिक कारक में सूर्य कमजोर हो, तो यह स्थिति रोग के बढ़ने की ओर संकेत करता है।
मेंदी की स्थिति/Condition of den
विद्वान मेंडी को त्रिश्दए के समान ही शुभ मानते हैं, लेकिन इसे केंद्र और त्रिकोण में अशुभ माना जाता है। मेंदी का लग्न, लग्नेश, सूर्य और चंद्रमा के साथ संयोजन बताता है कि जातक बीमार है।
लग्न के वर्ग में, लग्न और आठवें भाव/Eighth House में शुभ ग्रहों का अभाव।
इन सभी ग्रहों की स्थिति से किसी भी मानव के शरीर के बारे में पता लगाया जा सकता है। यदि ऐसे संयोजन वाले व्यक्ति किसी बीमारी से पीड़ित होते हैं तो आपको चौंकने की आवश्यकती नहीं है।
जो व्यक्ति ऊपर के बिंदुओं से ज्यादा संबंध रखता है, उसके बीमार होने की संभावना उतनी ज्यादा होती है।
इसी कारणवश आपको सलाह दी जाती है आप किसी अच्छे ज्योतिष की सहायता से अपनी कुंडली का सेहत के संबंध में आकलन करवाएं। ऐसा करने से आप सभी बीमारियों से दूर हो सकते हैं।
निष्कर्ष – जब बात हमारी सेहत की होती है, तो हमारे पास दो विकल्प होते हैं। पहला या तो सेहत खराब होने पर हम किसी चिकित्सक के पास जाएं और उनसे दवा पट्टी करवाएं। इस स्थिति में आपको महेंगे उपचार से गुजरना पड़ सकता है, जिससे आपका वित्त भी बिगड़ सकता है। दूसरा विकल्प है कि समय से पहले आप किसी अच्छे ज्योतिषी से संपर्क कर लें। वह आपको समय से पहले ही भविष्य में आने वाली समस्याओं की संभावनाओं के बारे में बता सकते हैं। आपको आपके कुछ प्रश्नों का जवाब भी उनसे मिल सकता है। जैसे – हमारी सेहत कब खराब होगी? किस अंग में समस्या हो सकती है? उस समस्या के आने से पहले कौन से एहतियातन कदम उठाए।
इस बात को कोई नकार नहीं सकता कि एहतियात इलाज से बेहतर/Prevention is better than cure है। यदि आप इस विषय में और विस्तार से जानने के इच्छुक हैं तो आप इन लेखों को पढ़ सकते हैं। आपको कैसे पता चलेगा कि कौन सी बीमारी आपको हो सकती है? मानसिक बीमारियों को बिना दवा के कैसे ठीक किया जाए? दवा के बिना अवसाद कैसे कम करें? ज्योतिष स्वास्थ्य समस्याओं की भविष्यवाणी कैसे कर सकता है? स्वास्थ्य ज्योतिष आपको चिकित्सा समस्याओं से बाहर आने में कैसे मदद करता है? How health astrology helps you to come out of medical problems? अच्छे स्वास्थ्य के लिए कौन से ग्रह जिम्मेदार होते हैं? मानव शरीर पर ग्रह और उनके प्रभाव क्या होते हैं?
किसी विशिष्ट स्वास्थ्य सहायता के लिए आप नीचे दिए गए तरीकों की सहायता ले सकते हैं।
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