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विभिन्न भावों और राशियों में ग्रह/Planets in different houses and signs

planet in different houses

इस बात को कोई नहीं टाल सकता है कि इस युनिवर्स में मौजूद सभी ग्रह पृथ्वी पर मौजूद जीवित प्राणियों पर लग भग एक समान प्रभाव डालते हैं। हर ग्रह की अपनी एक खासियत है और वह उसी के अनुसार व्यक्ति या मानव पर अपना असर छोड़ते हैं। ऐसे ही पृथ्वी की भी अपनी शक्ति है जिसे गुरुत्वाकर्षण/gravitational forces कहते हैं। इसी प्रकार आपकी जन्म कुंडली में अलग-अलग भाव का अलग अलग महत्व होता है और जब कोई ग्रह इन भावों में विराजमान होते हैं तो यह स्थिति अनुकूल और प्रतिकूल दोनों परिणाम दे सकते हैं। 

ज्योतिष में विभिन्न भावों और राशियों में ग्रहों का प्रभाव | Effects of Planets in different houses and signs in Astrology

अधिक्तर लोगों को इस बात का ज्ञात ही नहीं होता है कि उनकी कुंडली में मौजूद ग्रहों की नकारात्मक स्थिति के कारण उनके जीवन में परेशानी उत्पन्न होती है। लेकिन वैदिक ज्योतिष का ज्ञान रखने वाले लोगों को ज्ञात होता है कि ज्योतिष में नकारात्मक स्थिति में मौजूद ग्रहों से हानी होती है और वह इसके दूर करने के उपायों की खोज में निकल पड़ते हैं।

लेकिन इस संबंध में मेरे विचार और विधि थोड़ी अलग है। कैसे? वह ऐसे कि ग्रह का स्थान आपके पिछले जन्म के कर्मों आधारित होता है। ब्रह्मा जी को कुंडली के रचयिता कहा जाता है। कुंडली व्यक्ति के विशेष समय, तिथि और जन्म के स्थान पर आधारित होती है। लेकिन इस बात में पूर्णत सच्चाई है कि जन्म कुंडली आपके पिछले जन्म के कर्मों की बैलेंस शीट है, जिसका हिसाब इस जन्म में होगा।

ज्योतिष में ग्रह, भावों और राशियों में कैसे व्यवहार करते हैं/ How do planets behave in different houses and signs in Astrology

ग्रहों का व्यवहार इस बात पर निर्भर करता है कि आपके पिछले जन्म के कर्म कैसे थे। आपने पिछले जन्म में कैसे भी कर्म किए हो, लेकिन सर्वशक्तिमान ब्रह्मा जी आपको इस जन्म में कर्म सुधार/Karma correction से अपने पिछले कर्मों को सुधारने का मौका देते हैं। इसलिए आपको ग्रहों के व्यवहार को लेकर चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। इसके बदले आपको प्रयास करना चाहिए कि कैसे आपकी राशि के विभिन्न भावों में इन ग्रहों के व्यवहार और प्रभाव को कैसे बनाए रखें।

  1. बुरे कर्म से खराब ग्रहों की युति मिलती है।

  2. नेक कर्म से अनुकूल ग्रहों की युति मिलती है।

  3. सबसे पहले आपको यह जानना चाहिए कि प्रत्येक कुंडली में नकारात्मक और सकारात्मक दोनों ग्रह होते हैं, इसलिए किसी भी बात को सुनकर अत्यंत खुश और दुखी नहीं होना चाहिए।

  4. यहां एक और तथ्य यह है कि कोई भी ग्रह संयोजन (नकारात्मक या सकारात्मक) आपको स्वयं परिणाम नहीं दे सकता। आपकी स्वतंत्र इच्छा या आपके इस जन्म के कर्म ही आपको मिलने वाले परिणाम के लिए जिम्मेदार होते हैं।

  5. अंत में, ग्रह गोचर/Planetary transit हैं जो विभिन्न भावों और राशियों में इन ग्रहों के प्रभाव को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

ज्योतिष के अनुसार विभिन्न राशियों में ग्रहों का परिणाम/ Results of planets in different signs as per Astrology

राशि दो प्रकार की होती है, एक चंद्र राशि और दूसरी सूर्य राशि। भारतीय वैदिक ज्योतिष के अनुसार, बेहतर सटीकता के लिए चंद्र राशि को अधिक महत्व दी जाती है। वैदिक ज्योतिष के नियमों के अनुसार, किसी व्यक्ति के जन्म की तारीख, समय और स्थान के आधार पर एक व्यक्ति की राशि का पता लगाया जाता है। जैसा कि मैंने पहले बताया है कि कुंडली में मौजूद सभी गणना किसी व्यक्ति के पिछले जन्म के कर्मों का प्रत्यक्ष परिणाम होता है। इसी कारण एक ग्रह किसी एक राशि के लिए अच्छा हो सकता है और वहीं दूसरी राशि के लिए वही ग्रह सबसे खराब। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि किसी एक राशि में ग्रहों की नियुक्ति सीधे तौर पर स्वयं के कर्मों के आधार पर होती है। यहां आपको एक बात और समझनी होगी कि ग्रह अपने प्राकृतिक परिणामों को नहीं बदल सकते। बल्कि यह विशेष संकेत होते हैं जो इस बात के लिए जिम्मेदार होते हैं कि किसी विषेश ग्रह से उसे किस प्रकार के परिणाम मिल सकते हैं।

क्या कुंडली में कोई भाव सबसे महत्वपूर्ण हो सकता है/ Can any house in horoscope be most important

यह भी एक बहुत ही अतार्किक लेकिन अक्सर पूछे जाने वाला प्रश्न है कि क्या कोई ज्योतिषीय भाव सबसे महत्वपूर्ण हो सकता है या कुंडली के 12 भावों में से कौन सा भाव कम या ज्यादा महत्वपूर्ण हो सकता है। यह प्रश्न ही गलत है। आपकी जन्म कुंडली के सभी भाव एक दूसरे से परस्पर संबंध रखते हैं और उनका आपके जीवन पर एक समान प्रभाव पड़ता है। लेकिन उनका महत्व व्यक्ति के जीवन के विभिन्न चरणों में अलग अलग होता है। इसको और गंभीरता से समझने के लिए कुंडली में प्रत्येक घर के महत्व के बारे में पढ़ सकते हैं।

ज्योतिष में विभिन्न भावों में ग्रहों का महत्व/ Results of planets in different houses in a horoscope in Astrology 

हर व्यक्ति की कुंडली में भाव और ग्रह दोनों की स्थिति एक समान नहीं होती। जैसे हर व्यक्ति के हस्तरेखा अलग अलग होती है, वैसे ही भावों और राशियों में ग्रहों की स्थिति और उनसे मिलने वाले परिणाम भी अलग अलग होते हैं। इसके पीछे का ठोस कारण यह है कि हर व्यक्ति अपने पिछले जन्म में जो कार्य करता है, उसी के अनुसार उसकी कुंडली बनती है। हर व्यक्ति के कर्म कभी भी एक समान नहीं होते, इसलिए सबकी कुंडली एक जैसी नहीं होती। यदि कुंडली अलग है तो यह बात भी साफ है कि भविष्य में मिलने वाले परिणाम भी अलग अलग होंगे, जिसे इस जन्म में कर्म सुधार करके परिणामों में थोड़ा बहुत बदलाव किया जा सकता है। 

ज्योतिष में कुंडली के अलग-अलग भावों और राशियों में अलग-अलग ग्रहों के परिणामों का वर्णन करने के लिए कुछ दिशा-निर्देश निश्चित किए गए हैं। इसे अधिक सटीकता से समझने के लिए मैंने नीचे विभिन्न राशियों पर कुछ ग्रहों के प्रभाव के बारे में बताया है।

ज्योतिष में विभिन्न भावों और राशियों में सूर्य/ Sun in different houses and signs

सूर्य सत्ता, पिता, सरकार, राजनीतिक आकांक्षा, शक्ति और प्रसिद्धि का ग्रह माना जाता है। एक राशि में सूर्य की खराब स्थिति व्यक्ति के पिछले जन्म में शक्तियों के दुरुपयोग को दर्शाता है। किसी भी राशि या इसके विभिन्न भावों में प्रतिकूल सूर्य की स्थिति व्यक्ति को अभिमानी और उपरोक्त मोर्चों या विषयों पर ढीला बना सकता है। ज्योतिष में विभिन्न भावों और राशियों में सूर्य/Sun in different houses and signs के बारे में आप हमारी वेबसाईट से पढ़ सकते हैं।

ज्योतिष में विभिन्न भावों और राशियों में चंद्रमा/ Moon in different houses and signs

चंद्रमा भावनाओं, मां, मन और बदलते स्वभाव का ग्रह है। जिस व्यक्ति की राशि में अच्छा चंद्रमा होता है, वह निर्णय, सौहार्दपूर्ण व्यवहार और मां के साथ संबंधों के लिए दृढ़ मन वाला होता है, लेकिन चंद्रमा की खराब स्थिति इसके विपरीत होती है। विभिन्न भावों और राशियों में चंद्रमा/moon in different signs and houses पर अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।

ज्योतिष में विभिन्न भावों और राशियों में बृहस्पति/ Jupiter in different houses and signs

बृहस्पति एक शुभ ग्रह की सूची में आता है जो गुरु, ज्ञान और बच्चों को संकेत देता है। बृहस्पति भी दो राशि यानी धनु और मीन राशि का स्वामी है। किसी भी राशि या घर में, एक बुरा बृहस्पति यह दर्शाता है कि व्यक्ति के मन में शिक्षकों, बड़ों या बच्चों के प्रति कोमल भावना नहीं रहेगी। बृहस्पति आमतौर पर कर्क राशि में उच्च का और मकर राशि में नीच का होता है। विभिन्न भावों और राशियों में बृहस्पति/Jupiter in different signs and houses के बारे में और पढ़ें।

ज्योतिष में विभिन्न भावों और राशियों में शुक्र/ Venus in different houses and signs

शुक्र सांसारिक आकर्षण, विलासिता, सौंदर्य और स्त्री का प्रतीक है। आसान भाषा में हम यह भी कह सकते हैं शुक्र की बुरी दशा दर्शाती है कि व्यक्ति ने अपने पिछले जीवन में मुख्य रूप से अपने पत्नी या प्रेमी के साथ दुर्व्यवहार किया होगा या भौतिकवादी सुविधाओं का दुरुपयोग किया होगा। शुक्र की अच्छी स्थिति का अर्थ है कि व्यक्ति ने सुंदरता और स्त्री का सम्मान किया होगा और पिछले जन्मों में विवेकपूर्ण तरीके से भौतिकवादी चीजों का आनंद लिया होगा। आप हमारी वेबसाईट से विभिन्न भावों और राशियों में शुक्र का प्रभाव/Venus in different signs and houses के बारे में और पढ़ें।

ज्योतिष में विभिन्न भावों और राशियों में मंगल/ Mars in different houses and signs

मंगल को लाल ग्रह और आक्रामकता का ग्रह कहा जाता है। यह पराक्रम, उग्रता और छोटे भाई का भी प्रतिनिधित्व करता है। मंगल को आमतौर पर पाप ग्रह के रूप में जाना जाता है, लेकिन कर्क और सिंह लग्न के लिए, यह लोगों को समृद्धि और धन प्रदान करने वाला योगकारक बन जाता है। विभिन्न भावों और राशियों में मंगल ग्रह/Mars in different signs and houses के बारे में और पढ़ें।

ज्योतिष में विभिन्न भावों और राशियों में केतु/ Ketu in different houses and signs

केतु ग्रह को संकुचन और आध्यात्मिकता के लिए जाना जाता है। यह राहु ग्रह के विपरीत कार्य करता है, जो व्यक्ति को अधिक सांसारिक आकर्षणों की ओर आकर्षित करता है। एक अनुकूल केतु का अर्थ यह है कि व्यक्ति ने पिछले जन्म में सभी अच्छे सिद्धांतों का सम्मान किया होगा और अपने पूर्ण जीवन में सिर्फ अच्छे कर्म किए होंगे। एक प्रतिकूल केतु व्यक्ति को अमानवीय गतिविधियों में शामिल होने और लोगों का शोषण करने के लिए शक्ति का दुरुपयोग करने के लिए प्रेरित कर सकता है। जब केतु अपनी खराब स्थिति में होते है, तो बड़े आध्यात्मिक गुरुओं और शीर्ष राजनेताओं/नौकरशाहों पर गहरी मुसीबतों का पहाड़ गिरने की संभावना होती है। विभिन्न भावों और राशियों में केतु/Ketu in different signs and houses के बारे में और पढ़ें।

ज्योतिष में विभिन्न भावों और राशियों में शनि/ Saturn in different houses and signs

सभी ग्रहों में से सबसे ज्यादा भयभीत करने वाला ग्रह शनि ग्रह होता है। इसके साथ साथ यह ग्रह ज्योतिष में एक अहम भूमिका निभाता है। वैदिक ज्योतिष/Vedic Astrology के अनुसार, यह कर्म, सेवकों, श्रम और शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। जिन लोगों ने अपने पिछले जन्मों में इन सबका दुरुपयोग किया होगा या इस संबंध में कोई गलत/अनैतिक कार्य किया होगा, तो उनका शनि नकारात्मक होगा, और इसी के कारण वह अपने वर्तमान जन्म में नियमित रूप से इन सबके लिए दंड सहित सभी दुखों का सामना करेगा। लेकिन एक सकारात्मक शनि उनके वर्तमान जन्म को बहुत सफल जीवन में बदल सकता हैं और भरपूर समृद्धि, अधिकार, प्रशासनिक कौशल और उच्च पद प्रदान करने वाला साबित हो सकते हैं। विभिन्न भावों और राशियों में शनि/ Saturn in different signs and houses के बारे में और पढ़ें।

ज्योतिष में विभिन्न भावों और राशियों में बुध/ Mercury in different houses and signs

बुध ग्रह बुद्धि, समझ और हास्य का ग्रह माना जाता है। सूर्य के सबसे निकट ग्रह बुध है, और आमतौर पर यह एक शुभ ग्रह माना जाता है। बुध दो राशियों मिथुन और कन्या का स्वामी है। एक अच्छा बुध जातक को उत्कृष्ट विश्लेषणात्मक कौशल और शोध कौशल प्रदान करता है। लेकिन कमजोर बुध व्यक्ति के मन में अनिर्णय और भ्रम की स्थिति भी विकसित करता है। मजबूत बुध वाले लोग वाणिज्य, बिजनेस और बैंकिंग क्षेत्रों में उच्च सफलता प्राप्त कर सकते हैं। विभिन्न भावों और राशियों में बुध/Mercury in different signs and houses के बारे में और पढ़ें।

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