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अदालती और कानूनी मामलों के लिए ज्योतिषीय कारण और समाधान
निस्संदेह, ज्योतिष/Astrology आपकी शादी, करियर, और व्यापार में आपके लिए मददगार साबित हो सकता है लेकिन यह मुकदमेबाज़ी/Litigations में भी आपके लिए कारगर साबित हो सकता है। जिन्हे ज्योतिष पर भरोसा नहीं है उन्हे इस बात को जानने की आवश्यकता है कि कॉर्ट केस ज्योतिष/Court case Astrology, मुकदमे लड़ने और जीतने में अहम भूमिका अदा करते हैं। एक अच्छे और योग्य ज्योतिषी/Astrologer आपकी जन्म कुंडली और जन्म तिथि का आंकलन करके आपके मुकदमे के संबंध में सुझाव दे सकते हैं। उन सुझावों के कारण आप सही समय पर सही निर्णय ले सकते हैं।
शनि आपकी कुंडली में कानून और उनके प्रवर्तक के रूप में काम करता है। शनि को न्यायाधीश कहना गलत नहीं होगा। आंतरिक रूप से शनि धीमा है, और यह बहुत प्रभावकारी है।
अब जरा सोचिए कि शनि की इस स्थिति के कारण आपके मुकदमे का क्या होगा। इस स्थिति में व्यक्ति के मुकदमे का परिणाम आने में अक्सर देरी होती है और हो सकता है कि वह मुकदमा हार भी जाए। आप अदालती केस जीते हुए व्यक्ति से पूछ सकते हैं कि मुकदमे की धीमी रफ्तार के कारण उनको किस मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है।
क्या ज्योतिष कोर्ट कचहरी के मामलों में संकेत दे सकता है?
आम तौर पर कोई भी कोर्ट कचहरी के मामले में नहीं घुसना चाहता। अदालत के मामले में अक्सर वही जाते हैं, जिनके पास ऐसा करने का बहुत मजबूत कारण होता है। ऐसा होने के दो ही कारण होते हैं। पहला – आपका लालच, महत्वाकांक्षा से अधिक पाने की चाह, और पूर्ववर्ती मकसद। दूसरा – आपकी जन्म कुंडली में कमजोर ग्रहों का होना। इस स्थिति के कारण आपका विपक्ष आपके ऊपर हावी हो सकता है। मैं भी ज्योतिषी हूँ और मैं आपकी जन्म कुंडली देखकर आपके परेशानियां का मूल कारण बता सकता हूँ। अगर आप भी इन समस्याओं से जूझ रहे हैं और इससे बाहर निकलना चाहते हैं, तो आपको सबसे पहले खुद को ज्योतिष/Court case Astrology पर भरोसा दिलाना होगा। इस लेख को पढकर आपको अंदाजा लग जाएगा कि आप कोर्ट कचहरी के मामले में क्यों फंस रहे हैं। चलिए इसे समझते हैं।
हर इंसान कोर्ट कचहरी के मामले में इन कारणों की वजह से नहीं फंसना चाहता:
क्या ज्योतिष कोर्ट कचहरी के मामलों में संकेत दे सकता है?
आम तौर पर कोई भी कोर्ट कचहरी के मामले में नहीं घुसना चाहता। अदालत के मामले में अक्सर वही जाते हैं, जिनके पास ऐसा करने का बहुत मजबूत कारण होता है। ऐसा होने के दो ही कारण होते हैं। पहला – आपका लालच, महत्वाकांक्षा से अधिक पाने की चाह, और पूर्ववर्ती मकसद। दूसरा – आपकी जन्म कुंडली में कमजोर ग्रहों का होना। इस स्थिति के कारण आपका विपक्ष आपके ऊपर हावी हो सकता है। मैं भी ज्योतिषी हूँ और मैं आपकी जन्म कुंडली देखकर आपके परेशानियां का मूल कारण बता सकता हूँ। अगर आप भी इन समस्याओं से जूझ रहे हैं और इससे बाहर निकलना चाहते हैं, तो आपको सबसे पहले खुद को ज्योतिष/Court case Astrology पर भरोसा दिलाना होगा। इस लेख को पढकर आपको अंदाजा लग जाएगा कि आप कोर्ट कचहरी के मामले में क्यों फंस रहे हैं। चलिए इसे समझते हैं।
हर इंसान कोर्ट कचहरी के मामले में इन कारणों की वजह से नहीं फंसना चाहता:
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न्याय मिलने पर शंका
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अक्सर अमीर लोग धन का प्रयोग करके मुकदमे को अपने पक्ष में कर लेते हैं।
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न्याय मिलने में देरी होती है।
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और अगर न्याय मिल गया तो कभी-कभी आपको ऐसा भी लग सकता है कि आपके समय और ऊर्जा की बर्बादी हुई है।
कुछ मामलों में अदालत में केस लड़ना आपके लिए अनिवार्य हो जाता है। उस स्थिति में कुछ नियम हैं जिनको ध्यान में रखकर और आपकी कुंडली का आंकलन करके आपके मुकदमे जीतने की संभावना का पता लगाया जा सकता है।
आप अदालत केस ज्योतिष के विषय में आउटलुक इंडिया / द वीक्स / हिंदुस्तान टाइम्स में मेरा नवीनतम साक्षात्कार हमारे न्यूज़ अनुभाग से पढ़ सकते हैं।
इस प्रकार करता है ज्योतिष आपकी सहायता/Astrological tips whether to fight or drop a Court case
अभी तक बताई गई बातों को ध्यान में रखकर अपने केस का मूल्यांकन करने पर आपको मुकदमा जीतने की संभावना का पता लगाया जा सकता है। अगर आपके मुकदमे जीतने की संभावना बिल्कुल कम है तो आप इन समाधान की तरफ अपना रुख कर सकते हैं।
इस प्रकार करता है ज्योतिष आपकी सहायता/Astrological tips whether to fight or drop a Court case
अभी तक बताई गई बातों को ध्यान में रखकर अपने केस का मूल्यांकन करने पर आपको मुकदमा जीतने की संभावना का पता लगाया जा सकता है। अगर आपके मुकदमे जीतने की संभावना बिल्कुल कम है तो आप इन समाधान की तरफ अपना रुख कर सकते हैं।
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अदालत से बाहर सेटलमेंट
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किसी की मध्यस्थता आपके लिए मददगार साबित हो सकती है।
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अपने सम्मान को बरकरार रखें।
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आपको और अधिक तैयारी करने की आवश्यकता पड़ सकती है।
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वकील की क्षमता की जांच जरूर कराएं।
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न्यायाधीश का झुकाव। आप न्यायाधीश की तबादली होने तक का भी इंतजार भी कर सकते हैं।
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आप अपने मुकदमे को कितना समय दे सकते हैं
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अपने आपको मानसिक रूप से तैयार करें।
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मुकदमे को लेकर कितनी दूर तक आप जा सकते हैं।
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कभी-कभी कठिन निर्णय लें।
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अच्छी सलाह को सुनें और अमल करें।
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मुकदमा बदला लेने या लड़ाई के लिए ना लड़ें।
आपकी कुंडली आपको सही राह दिखा सकती है। आपके छठे भाव/Sixth House, छठे भान के स्वामी/Sixth House Lord, छठे भाव के नक्षत्र, और मंगल ग्रह के भिन्नास्टक - वर्ग में आवंटित बिंदु का आकलन करके आपकी मुकदमे में किस्मत और मुकदमे के परिणाम के बारे में बताया जा सकता है।
अगर आपकी कुंडली के पीड़ित ग्रहों का उपाय खोज लिया जाए तो आप कोई भी अदालत का मुकदमा आसानी से जीत सकते हैं। अगर पीड़ित भावों की स्थिति में सुधार हो जाए और आपका छठा भाव/Sixth House मजबूत हो जाए तो आपकी जीत निश्चित है।
हर ज्योतिषी छठे भाव/Sixth House का अध्ययन करते हैं तो आपके अदालती केस जीतने की आशंका के बारे में बता सकते हैं। इसलिए आराम कीजिए और मुझे आपकी कुंडली का आंकलन करने दें जिससे मैं आपके जीतने की संभावना का पता लगा कर आपको उचित सुझाव दे सकूँ।
अदालती मुकदमे जीतने के सबसे उत्तम उपाय 'Best remedy to win court cases' के विषय में आउटलुक इंडिया / द वीक्स / हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित मेरा नवीनतम साक्षात्कार हमारे न्यूज़ अनुभाग से पढ़ सकते हैं।
जन्म कुंडली में अदालती केस का परिणाम/Court cases reading from birth chart
जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि हर व्यक्ति किसी विशेष कारण से अदालत का दरवाजा खटखटाता है। आपका कारण कुछ भी हो, लेकिन आपकी जन्म कुंडली को देखकर एक अच्छा ज्योतिषी इस समस्या का समाधान बता सकता है। चलिए आपको बताते हैं कि ज्योतिष/Astrology आपके कोर्ट-कचहरी के मामलों में कैसे मदद कर सकता है। ज्योतिष में कुछ भाव और ग्रह हैं, जिससे आपके मुकदमों और अदालती मुकदमे के बारे में आसानी से पता लगाया जा सकता है। आपकी जन्म कुंडली में साफ साफ इंगित होता है कि आप अदालती कार्यवाही में फसेंगे कि नहीं और अगर किसी मुकदमे में फसते भी है तो उससे बचने के उपाय के बारे में भी आपकी जन्म कुंडली से पता लगाया जा सकता है। आपको बेहतर तरीके से समझाने के लिए मैं हर ग्रह और भाव को अलग अलग करके बताऊंगा।
जन्म कुंडली में अदालती केस का परिणाम/Court cases reading from birth chart
जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि हर व्यक्ति किसी विशेष कारण से अदालत का दरवाजा खटखटाता है। आपका कारण कुछ भी हो, लेकिन आपकी जन्म कुंडली को देखकर एक अच्छा ज्योतिषी इस समस्या का समाधान बता सकता है। चलिए आपको बताते हैं कि ज्योतिष/Astrology आपके कोर्ट-कचहरी के मामलों में कैसे मदद कर सकता है। ज्योतिष में कुछ भाव और ग्रह हैं, जिससे आपके मुकदमों और अदालती मुकदमे के बारे में आसानी से पता लगाया जा सकता है। आपकी जन्म कुंडली में साफ साफ इंगित होता है कि आप अदालती कार्यवाही में फसेंगे कि नहीं और अगर किसी मुकदमे में फसते भी है तो उससे बचने के उपाय के बारे में भी आपकी जन्म कुंडली से पता लगाया जा सकता है। आपको बेहतर तरीके से समझाने के लिए मैं हर ग्रह और भाव को अलग अलग करके बताऊंगा।
मुकदमे के लिए यह भाव जिम्मेदार होते हैं।
अदालती केस ज्योतिष/Court case Astrology के अनुसार कुछ विशिष्ट भाव हैं जो किसी भी व्यक्ति के जीवन में मुतदमे के होने या ना होने के बारे में बताता है। नीचे पढ़ने से आपको इस बारे में और बेहतर समझ आ जाएगा:
पहला भाव/First House – पहला भाव/First House आपके बारे में बताता है। इस भाव को वैदिक ज्योतिष में वैध भाव/Legal House भी कहा गया है।
मुकदमे के लिए यह भाव जिम्मेदार होते हैं।
अदालती केस ज्योतिष/Court case Astrology के अनुसार कुछ विशिष्ट भाव हैं जो किसी भी व्यक्ति के जीवन में मुतदमे के होने या ना होने के बारे में बताता है। नीचे पढ़ने से आपको इस बारे में और बेहतर समझ आ जाएगा:
पहला भाव/First House – पहला भाव/First House आपके बारे में बताता है। इस भाव को वैदिक ज्योतिष में वैध भाव/Legal House भी कहा गया है।
छठा भाव/Sixth House और वैदिक ज्योतिष में अदालत के मामलों का भाव – वैदिक ज्योतिष के अनुसार, छठा भाव/Sixth House और छठे भाव के स्वामी/Sixth House Lord अदालती मुकदमे और कानूनी समस्याओं के बारे में बताता है। अगर छठा भाव/Sixth House, लग्न और लग्न के स्वामी से प्रभावित होते हैं तो इस स्थिति में व्यक्ति किसी अदालती मुकदमे में फंस सकता है।
सातवां भाव/Seventh House और कुंडली में कानूनी मामले – यह प्रतिद्वंद्वी के साथ समझौते और दुश्मनी के बारे में दर्शाता है। इस कारणवश यह अदालती मुकदमे का एक महत्वपूर्ण कारण भी हो सकता है।
आठवां भाव/Eighth House और आपकी कुंडली में मुकदमा – आठवां भाव/Eighth House लंबे समय से चली आ रही परेशानियों के बारे में बताता है।
बारहवां भाव/Twelfth House – बारहवाँ भाव/Twelfth House कुंडली में कोर्ट केस के परिणाम के बारे में संकेत देता है। इस भाव के आकलन से मुकदमे के परिणाम के बारे में आसानी से पता लगाया जा सकता है। अगर लग्न स्वामी कमजोर हैं या फिर वह दुष्टन भाव (छठा, आठवां, और बारहवां भाव) में विराजमान है तो इस संयोजन के कारण व्यक्ति को कारावास होने या जुर्माना लगने की संभावना को दर्शाता है।
मुकदमे के लिए यह ग्रह जिम्मेदार होते हैं।
शनि और अदालती मुकदमों का ज्योतिषीय संबंध – शनि इंसाफ मिलने में देरी करवाता है जिससे दोनों पक्षों के बीच परेशानियां बढ़ सकती है। शनि के खराब प्रभाव के कारण व्यक्ति मुकदमे के दौरान अत्यधिक तनाव से गुजर सकता है।
राहु और जन्म कुंडली में कोर्ट केस – यह किसी भी मुकदमे को और गंभीर बना सकता है। इस ग्रह की दशा के खराब होने के कारण आपके संबंध और करियर पर सबसे ज्यादा प्रभाव पडता है। राहु एक ऐसा भाव है जो आपको मुकदमेबाजी में हानि पहुंचा सकता है।
मुकदमे के लिए यह ग्रह जिम्मेदार होते हैं।
शनि और अदालती मुकदमों का ज्योतिषीय संबंध – शनि इंसाफ मिलने में देरी करवाता है जिससे दोनों पक्षों के बीच परेशानियां बढ़ सकती है। शनि के खराब प्रभाव के कारण व्यक्ति मुकदमे के दौरान अत्यधिक तनाव से गुजर सकता है।
राहु और जन्म कुंडली में कोर्ट केस – यह किसी भी मुकदमे को और गंभीर बना सकता है। इस ग्रह की दशा के खराब होने के कारण आपके संबंध और करियर पर सबसे ज्यादा प्रभाव पडता है। राहु एक ऐसा भाव है जो आपको मुकदमेबाजी में हानि पहुंचा सकता है।
केतु और जन्म कुंडली में कोर्ट केस – केतु के प्रभाव से आपको धन संबंधी होनि होने की ज्यादा संभावना होती है। इस स्थिति में आपको जुर्माना भी देना पड़ सकता है। अगर उसकी दशा सबसे खराब हो या फिर आठवें भाव/Eighth House से इसका संबंध हो तो व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है।
मंगल ग्रह और कुंडली में कानूनी मुद्दे – यदि यह बुरी तरह से प्रभावित होता है, तो निर्णय शीघ्र हो सकता है और व्यक्ति के विपरीत हो सकता है। अगर मंगल ग्रह आठवें/Eighth House और बारहवें भाव/Twelfth House के संपर्क में आता है तो व्यक्ति को बिना उचित सुनवाई के मौत की सजा भी दी जा सकती है। (शंका होने पर आप डॉ विनय बजरंगी से संपर्क कर सकते हैं)।
सूर्य और मंगल की कुंडली में खराब स्थिति दर्शाती है कि आपको अदालती मुकदमें लड़ते वक्त तनाव हो सकता है। और अगर यह राहु-सूर्य और राहु-चंद्रमा बन गया तो आपके लिए स्थिति और भी ज्यादा गंभीर हो सकती है।
छठा भाव/Sixth House आपके वर्तमान अदालती मुकदमे की प्रकृति बताता है। आपके मन में अक्सर एक सवाल आता होगा कि कब तक आपको इस मुकदमे को लड़ना होगा। क्या मुझे ज्यादा समय लगेगा या फिर कम? इस सवाल का जवाब छठे भाव और उसके स्वामी के आकलन से मिल सकता है। उदाहरण के तौर पर अगर शनि का प्रभाव छठे भाव/Sixth House पर रहा तो आपका अदालती मुकदमा बहुत लंबा चलने वाला है। राहु ग्रह मुकदमे को और भी पेचीदा बना सकते हैं। अगर राहु और शनि दोनों इस भाव पर प्रभाव डाले तो आपका मुकदमा उचित प्रमाणों की कमी के कारण बहुत ज्यादा समय ले सकता है।
अन्य ग्रह भी किसी ना किसी रूप में आपके अदालती मुकदमे के ऊपर प्रभाव डाल सकते हैं।
आप हमारे मुफ्त कैलकुलेटर का उपयोग करके अपने व्यापार, नौकरी औऱ करियर के बारे में बहुत सारी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। उस कैलकुलेटर का प्रयोग करने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
क्या ज्योतिष अदालती मुकदमा जीतने में आपकी मदद कर सकता है ?
ऊपर कुछ बातों को विस्तार में समझाया गया है कि लोग अदालती मुकदमे में क्यों फंसते हैं और साथ में यह भी बताया है की आपकी कुंडली के अनुसार कौन से ऐसे ग्रह और भाव हैं जो आपके अदालती कार्यवाही में रुकावट डाल सकते हैं। अब अगला प्रश्न उठता है कि “क्या ज्योतिष की मदद से किसी अदालती मुकदमे से बाहर निकला जा सकता है?” इसका जवाब बेहद सरल है। हाँ, ज्योतिष में इस परेशानी का समाधान है। एक ज्योतिषी आपके कुंडली में निम्नलिखित पहलू को देखते है और फिर आपको आपके मुकदमे के लिए सलाह देते हैं।
अदालती मामलों में ग्यारहवां भाव/Twelfth House बेहद महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। अगर व्यक्ति का ग्यारहवां भाव/Twelfth House मजबूत है तो व्यक्ति वह मुकदमा आसानी से जीत सकता है।
क्या ज्योतिष अदालती मुकदमा जीतने में आपकी मदद कर सकता है ?
ऊपर कुछ बातों को विस्तार में समझाया गया है कि लोग अदालती मुकदमे में क्यों फंसते हैं और साथ में यह भी बताया है की आपकी कुंडली के अनुसार कौन से ऐसे ग्रह और भाव हैं जो आपके अदालती कार्यवाही में रुकावट डाल सकते हैं। अब अगला प्रश्न उठता है कि “क्या ज्योतिष की मदद से किसी अदालती मुकदमे से बाहर निकला जा सकता है?” इसका जवाब बेहद सरल है। हाँ, ज्योतिष में इस परेशानी का समाधान है। एक ज्योतिषी आपके कुंडली में निम्नलिखित पहलू को देखते है और फिर आपको आपके मुकदमे के लिए सलाह देते हैं।
अदालती मामलों में ग्यारहवां भाव/Twelfth House बेहद महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। अगर व्यक्ति का ग्यारहवां भाव/Twelfth House मजबूत है तो व्यक्ति वह मुकदमा आसानी से जीत सकता है।
लग्न या पहले भाव की दशा-अंतर्दशा और ग्यारहवें भाव के स्वामी/Eleventh House Lord या किसी लाभकारी ग्रह से संबंध। अगर आप पहले भाव की तरफ देख रहे हैं तो आपके लिए आवश्यक है कि पहले (First House) और ग्यारहवें भाव के स्वामी/Eleventh House Lord के संबंध का भी आकलन हो। लाभकारी ग्रहों और ग्यारहवें भाव/Eleventh House के गोचर का भी प्रत्यंतर दशा के साथ आंकलन करना अनिवार्य है।
छठे भाव/Sixth House और उनके स्वामी/Sixth House Lord की दशा और गोचर व्यक्ति को अदालती मुकदमे जिताने में मदद कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में नक्षत्र को भी ध्यान में रखना अनिवार्य होता है।
अदालती मुकदमा जीतने या फिर हारने के ग्रह योग
ऊपर दिए गए ग्रहों और भावों के साथ कुछ ग्रह योग है जिनका आपके अदालती मुकदमे के परिणाम में अहम भूमिका होती है। नीचे कुछ ग्रहों के योग है जो यह बताते हैं कि व्यक्ति मुकदमा जीतेगा या फिर हारेगा। चलिए इस बारे में और समझते हैं –
ग्यारहवें/Eleventh House Lord और छठे भाव के स्वामी/Sixth House Lord का गोचर दर्शाता है कि व्यक्ति के अदालती कार्यवाही में विपक्ष के काराण बहुत ज्यादा धन खर्च हो सकता है।
अदालती मुकदमा जीतने या फिर हारने के ग्रह योग
ऊपर दिए गए ग्रहों और भावों के साथ कुछ ग्रह योग है जिनका आपके अदालती मुकदमे के परिणाम में अहम भूमिका होती है। नीचे कुछ ग्रहों के योग है जो यह बताते हैं कि व्यक्ति मुकदमा जीतेगा या फिर हारेगा। चलिए इस बारे में और समझते हैं –
ग्यारहवें/Eleventh House Lord और छठे भाव के स्वामी/Sixth House Lord का गोचर दर्शाता है कि व्यक्ति के अदालती कार्यवाही में विपक्ष के काराण बहुत ज्यादा धन खर्च हो सकता है।
अगर पांचवें भाव के स्वामी/Fifth House Lord अपनी ही राशि में मौजूद होते हैं और छठे भाव के स्वामी/Sixth House Lord बृहस्पति का लग्न में साथ दे तो व्यक्ति को अदालती कार्यवाही से छुटकारा मिल सकता है।
अगर राहु और शनि एक साथ छठे भाव/Sixth House में विराजमान हो जाएं तो व्यक्ति को अपने अदालती मुकदमे में सफलता मिल सकती है।
अगर छठे भाव के स्वामी/Sixth House Lord बारहवें भाव/Twelfth house में चले जाएं, तो व्यक्ति के ऊपर बहुत ज्यादा अदालती कार्यवाही होने की संभावना होती है। लेकिन जितने भी मुकदमे व्यक्ति के विरुद्ध हो, वह उन सभी मुकदमों से बिना किसी परेशानी के बाहर निकल सकता है।
अगर लग्न मजबूत हो और किसी लाभकारी जगह पर विराजमान हो साथ में किसी लाभकारी ग्रह को प्रभावित करे और साथ में शनि विपक्षी के क्षेत्र में आ जाए तो व्यक्ति को अदालती कार्यवाही में सफलता मिल सकती है।
अगर राहु और केतु चौथे/Fourth House और आठवें भाव/Eighth House में हो और उनका संबंध इंसाफ से है तो व्यक्ति को बहुत सारे मुकदमा लडने होंगे लेकिन वह अपने हर विरोधी से जीत जाएंगे।
लग्न और छठे भाव के स्वामी/Sixth House Lord का गोचर विपक्षी के जीतने का संकेत देता है। और अगर कोई पीड़ित ग्रह छठे भाव में विराजमान है तो व्यक्ति को अपने विरोधियों से मुकदमा लड़ने में परेशानी हो सकती है।
अगर कोई पीड़ित ग्रह छठे भाव में विराजमान है और ग्रह दशा या अंतर्दशा में है, तो व्यक्ति के खिलाफ अदालत में मुकदमा दर्ज हो सकता है। लेकिन हिंसक और आक्रामक व्यवहार के कारण वह सभी मुकदमों को जीत जाएगा।
ऐसा कई बार देखा गया है कि लग्न के स्वामी का मजबूत होना और किसी लाभकारी जगह में विराजमान होना छठे भाव/Sixth House पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं डालता है। इस स्थिति में छठा भाव/Sixth House बताता है कि व्यक्ति मुकदमा आसानी से जीत जाएगा।
सूर्य युद्ध की स्थिति में है और छठा भाव/Sixth House शत्रु नाशक है तो व्यक्ति हर मुकदमा आसानी से जीत जाएगा। लेकिन यह स्थिति आपके सेहत के लिए अनुकूल नहीं होगी। अगर व्यक्ति की कुंडली में सूर्य मजबूत है तो यह स्थिति दर्शाती है कि व्यक्ति बुद्धिमान, मजबूत, शानदार और कानून का पालन करने वाला व्यक्ति होगा।
अगर मंगल ग्रह छठे राशि में है तो व्यक्ति के खिलाफ बहुत सारे मुकदमा दर्ज हो सकता है। इस ग्रह योग वाले व्यक्ति गुस्सैल स्वभाव के होते हैं और इस व्यवहार के चलते व्यक्ति आक्रामक प्रकृति वाला और लापरवाह हो सकता है। ऐसे संयोजन वाले व्यक्ति के खिलाफ बहुत मुकदमे दायर हो सकते हैं।
मंगल ग्रह की छठे भाव/Sixth House में उपस्थिति बताती है कि व्यक्ति अपने विपक्ष से ताकतवर होगा। ऐसे संयोजन वाले व्यक्ति हर छोटी-छोटी चीजों के ऊपर लड़ाई करते हैं और उनकी ज्यादातर लड़ाई अदालत तक पहुंच सकती है। इसी कारणवश व्यक्ति को कई बार अदालत के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं, जिससे उसकी समय की बर्बादी होगी।
अगर बुध छठे भाव/Sixth House में विराजमान हो तो व्यक्ति पागलपन की सीमा तक पहुंच जाएगा। इसी कारणवश व्यक्ति अपने आपको शक्तिशाली समझने लगता है। जिसके कारण वह बहुत सारे मुकदमे हार भी जाते हैं।
छठे भाव/Sixth House में बृहस्पति की मौजूदगी बताती है कि व्यक्ति दृढ़-संकल्प वाला है। इसी कारण व्यक्ति अपने विपक्षियों से हर क्षेत्र में जीतने में सक्षम रहेगा। बृहस्पति की छठे भाव/Sixth House में मौजूदगी व्यक्ति की अच्छी प्रतिभा को दर्शाता है जिससे वह सभी कानूनी लडाई जीत सकता है।
शुक्र की छठे भाव/Sixth House में मौजूदगी अच्छे संकेत नहीं देते हैं। व्यक्ति किसी भी लड़ाई में सफल नहीं रहेगा। वह कोई भी अदालती मुकदमा नहीं जीत सकता। इस बारे में किसी भी समस्या के समाधान के लिए आप एक अच्छे ज्योतिषी से मिल सकते हैं।
शनि का छठे भाव/Sixth House में होना आपको बीमारी और झटका दे सकती है। शनि की दशा का आपके पक्ष में ना होना बताता है कि आपको लंबे समय तक नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस स्थिति में व्यक्ति के अदालत में मुकदमा हारने की भी संभावना सबसे ज्यादा होती है। शनि की इस दशा के कारण व्यक्ति तनाव में रहता है और कई बीमारियों से भी घिरा रहता है।
अगर राहु छठे भाव/Sixth House में होता है, तो यह स्थिति व्यक्ति के लिए अनुकूल होती है। यह ग्रह योग व्यक्ति को उसके विपक्षी से ताकतवर बनाता है। लेकिन व्यक्ति का उग्र व्यवहार उसे अदालत में लाकर खडा कर सकता है। लेकिन व्यक्ति अपने सभी मुकदमे जीत सकता है।
केतु का छठे भाव/Sixth House में होना व्यक्ति के अनुकूल होगा। लेकिन इस संयोजन के कारण अदालती कार्यवाही बेहद धीरे चलेगी। लेकिन इस संयोजन के कारण आप मुकदमा जीत सकते हैं। अगर केतु किसी भी पीड़ित ग्रह से प्रभावित होता है तो वह व्यक्ति अपना सब कुछ हार जाएगा।
क्या ज्योतिष से अदालती मुकदमों का समाधान निकाला जा सकता है?
इस प्रश्न को आप पूरे लेख के निष्कर्ष के रूप में भी देख सकते हैं। इसके साथ एक सवाल और मन में आता है कि “क्या अदालती मामलों के लिए ज्योतिष के अनुसार उपचार मिल सकता है?” Can one get remedies as per court cases astrology? इन दोनों ही सवालों का जवाब है – हाँ ज्योतिष आपको अदालती मुकदमों को जिताने में मदद कर सकता है। अगर कोई व्यक्ति किसी अदालती कार्यवाही में फस गया तो उसे इससे बाहर निकलने का रास्ता जल्द से जल्द ढूंढना पड़ेगा, अन्यथा, उसका धन और समय दोनों बर्बाद हो जाएगा। अदालत मामलों में ज्योतिष Court case Astrology आपको इस समस्या से निकाल सकता है। जब आप इस समस्या के लिए किसी ज्योतिषी से मिलते हैं तो वह ऊपर लिखे गए सभी संयोजन का आकलन करते हैं और फिर आपको इस समस्या से निकलने का हल बताते हैं। इस आकलन से ज्योतिषी आपके जीतने या फिर हारने की संभावना का मूल्यांकन करते हैं। इन सुझावों के बल पर कोई भी व्यक्ति निर्णय ले सकता है कि उसे कोई मुकदमा लड़ना चाहिए या नहीं। शुक्र और बृहस्पति का सातवें भाव के साथ संयोजन व्यक्ति को और समझदार बनाता है। ऐसे संयोजन वाले लोग अपने मुकदमे को अदालत के बाहर ही निपटा लेते हैं जिससे उस व्यक्ति का समय और धन की बचत होती है। ऐसी स्थिति में सबका समय और धन भी बचेगा।
अदालती कार्यवाही से छुटकारा के लिए उपाय
अगर आप किसी अदालती कार्यवाही में फस गए हो या फिर किसी के खिलाफ आपने कोई मुकदमा दायर किया है तो आपको मुकदमे को जीतने के लिए कुछ उपाय भी करना होगा। हाँ आपने सही पढ़ा, अदालत के मामलों के लिए बहुत विशिष्ट उपाय हैं जिन्हें करके आप कोई भी मुकदमा जीत सकते हैं। चलिए इन उपायों के बारे में समझते हैं। अगर आपका मुकदमा बहुत ज्यादा धीरे चलने का अनुमान है तो अदालत के मामलों के लिए ज्योतिष/Court case Astrology में एक अद्वितीय अनुष्ठान है जिससे आप इस स्थिति से बाहर आ सकते हैं। इस अनुष्ठान को बगलामुखी पूजा के नाम से भी जाना जाता है। यह पूजा दशा महाविद्या शक्ति माँ बगलामुखी की सर्वोच्च शक्ति का आह्वान करने के लिए की जाती है। माँ बगलामुखी, पतांबरी माँ के नाम से भी जानी जाती है। यह ज्योतिष का एक अद्वितीय और शक्तिशाली उपकरण है। आपको हिंदू धर्म के दस तांत्रिक देवताओं को भी इस पूजा में शामिल करना होगा। कभी-कभी विरोधियों की ताकत को कमजोर करने के लिए भी इस अनुष्ठान को किया जाता है। कभी-कभी आपके विपक्षी का नाम भी इस अनुष्ठान में प्रयोग होता हैं जिससे वह उनकी कमजोरी का लाभ उठा सकते हैं।
माँ बगलामुखी अनुष्ठान सबसे अलग ज्योतिषीय पूजा है, जिसे बिना पंडित के नहीं किया जाता। अगर कोई इसे करने का प्रयास करता भी है और कहीं पर चूक भी होती है तो इसका नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है। इस प्रक्रिया को करने से पहले आपको यह जानना होगा कि आपको इसकी आवश्यकता है भी नहीं और इस बात की जांच सिर्फ एक अच्छे ज्योतिषी ही कर सकते हैं। आपकी कुंडली का अध्ययन करने के बाद ही आपको इस अनुष्ठान का सुझाव दिया जाएगा।
अदालती कार्यवाही से छुटकारा के लिए उपाय
अगर आप किसी अदालती कार्यवाही में फस गए हो या फिर किसी के खिलाफ आपने कोई मुकदमा दायर किया है तो आपको मुकदमे को जीतने के लिए कुछ उपाय भी करना होगा। हाँ आपने सही पढ़ा, अदालत के मामलों के लिए बहुत विशिष्ट उपाय हैं जिन्हें करके आप कोई भी मुकदमा जीत सकते हैं। चलिए इन उपायों के बारे में समझते हैं। अगर आपका मुकदमा बहुत ज्यादा धीरे चलने का अनुमान है तो अदालत के मामलों के लिए ज्योतिष/Court case Astrology में एक अद्वितीय अनुष्ठान है जिससे आप इस स्थिति से बाहर आ सकते हैं। इस अनुष्ठान को बगलामुखी पूजा के नाम से भी जाना जाता है। यह पूजा दशा महाविद्या शक्ति माँ बगलामुखी की सर्वोच्च शक्ति का आह्वान करने के लिए की जाती है। माँ बगलामुखी, पतांबरी माँ के नाम से भी जानी जाती है। यह ज्योतिष का एक अद्वितीय और शक्तिशाली उपकरण है। आपको हिंदू धर्म के दस तांत्रिक देवताओं को भी इस पूजा में शामिल करना होगा। कभी-कभी विरोधियों की ताकत को कमजोर करने के लिए भी इस अनुष्ठान को किया जाता है। कभी-कभी आपके विपक्षी का नाम भी इस अनुष्ठान में प्रयोग होता हैं जिससे वह उनकी कमजोरी का लाभ उठा सकते हैं।
माँ बगलामुखी अनुष्ठान सबसे अलग ज्योतिषीय पूजा है, जिसे बिना पंडित के नहीं किया जाता। अगर कोई इसे करने का प्रयास करता भी है और कहीं पर चूक भी होती है तो इसका नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है। इस प्रक्रिया को करने से पहले आपको यह जानना होगा कि आपको इसकी आवश्यकता है भी नहीं और इस बात की जांच सिर्फ एक अच्छे ज्योतिषी ही कर सकते हैं। आपकी कुंडली का अध्ययन करने के बाद ही आपको इस अनुष्ठान का सुझाव दिया जाएगा।
अगर आपको इस अनुष्ठान की आवश्यकता नहीं है तो हो सकता है कि ज्योतिषी आपको किसी ऐसे वकील का नाम बता दे जो आपको आपके वर्तमान मुकदमे से निकलने में मदद करें। लेकिन इस लेख में मौजूद अदालती मामलों के लिए ज्योतिषीय समाधान/astrological solutions for court case व्यक्तिगत लक्षणों और विशेषताओं पर आधारित हैं।
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