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मेहमान कक्ष हेतु सही वास्तु

मेहमान कक्ष हेतु वास्तु

एक कहावत है, अतिथि देवो भवः, जिसका अर्थ यह है कि अतिथि देवता के समान होता है। भारत में इस कहावत का पालन किया जाता है और वह अपने अतिथि का ख्याल रखते हैं। अतिथि को आराम देने के लिए पूरा परिवार अतिथि कक्ष को अच्छे से साफ करते हैं और उसे अच्छे से सजाते भी है। ऐसा माना जाता है कि जब अतिथि छोटे अवधी के लिए आए तो लोग ज्यादा पसंद करते हैं, और वहीं जब अतिथि लंबे समय के लिए रुकने के लिए आए तो यह परिवार पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है। वास्तु शास्त्र में कुछ नियम हैं जिनका पालन करके आप अपने अतिथि को आराम दे सकते हैं। कभी कभी लंबे समय तक अतिथि के आने के बावजूद भी लोगों को समस्या नहीं होती है। यदि उन्हें समस्या आती भी है तो वास्तु शास्त्र उनकी सहायता कर सकता है

अतिथि कक्ष के लिए वास्तु टिप्स/ Vastu tips for Guest Room

पुराने समय से ही वास्तु के नियमों का पालन होता आ रहा है और यह लोगों के जीवन में खुशियां भरते आ रहा है। वास्तु दो लोगों के बीच तालमेल को ठीक करने, रिश्ते में मिठास लाने और परिवार को बुरी नजर से बचाने में सहायता करता है। जब आप पूरे घर को वास्तु के अनुसार बनाते हैं तो अतिथि कक्ष से कैसे दूर रह सकते हैं। यदि आप अतिथि कक्ष को वास्तु के अनुसार बनवाते हैं तो इससे घर की सारी नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाएंगी और पूरा घर सकारात्मक उर्जा से भर जाएगा। नीचे कुछ टिप्स दिए गए हैं जिनसे आप अपने घर के अतिथि कक्ष को सजा सकते हैं।

  1. अतिथि कक्ष की दिशा – वास्तु शास्त्र हर कमरे की दिशा निर्धारित करने में सहायता कर सकता है। उत्तर पश्चिम दिशा अतिथि कक्ष के लिए सबसे उत्तम स्थान मानी जाता है।
  2. बिस्तर की जगह – अतिथि कक्ष में बिस्तर दक्षिण पश्चिम दिशा में रखना चाहिए। आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि व्यक्ति का सिर सोते समय पश्चिम दिशा में होना चाहिए।  
  3. बिजली का सामान रखना – आज के समय में हर कक्ष में बिजली के उपकरण मौजूद होते हैं। टेलीविजन, कंप्यूटर, छोटा-फ्रिज, या हेयरड्रेसिंग उपकरण का प्रयोग अब हर कक्ष में होता है। बिजली के उपकरणों को सही जगह पर रखना व्यक्ति को सुख दे सकता है। यह निवासियों के परिवार में खुशी भरे पल भी लाता है। यदि वह किसी गलत जगह पर रखे होंगे, तो इससे सिर्फ आपको तनाव, मानसिक समस्या और अन्य रोग हो सकते हैं। वास्तु शास्त्र सभी बिजली की वस्तुओं को कमरे की दक्षिण-पूर्व दिशा में रखने की सलाह देता है।
  4. स्नान गृह की दिशा – आज के समय में स्नान गृह सभी कमरों से जुड़े होते हैं। वहीं वास्तु शास्त्र सलाह देते है कि स्नान गृह को बिस्तर से दूर रखने की सलाह दी जाती है। शौचालय का प्रवेश द्वार सीधे जमीन के सामने नहीं होना चाहिए। स्नान गृह का दरवाजा ठीक बिस्तर के सामने या विपरीत होना अस्वच्छ माना जाता है। साथ में शौचालय का दरवाजा हमेशा बंद रखने से उस क्षेत्र से नकारात्मकता दूर रहती है। स्नान ग्रह नकारात्मकता को आकर्षित करती है, इसलिए उसके दरवाजे को हमेशा बंद ही रखना चाहिए।
  5. कैबिनेट की जगह – कोई भी घर बिना कैबिनेट के नहीं बनता है। आपके घर में इसका स्थान भी आपके जीवन में एक अहम भूमिका निभाता है। कैबिनेट को लगाने के लिए दक्षिण या पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम की दीवार को सबसे उत्तम माना जाता है। उत्तर पश्चिमी कोना अतिथि कक्ष के प्रवेश द्वार के लिए सही होता है और इसके विपरीत दिशा में कैबिनेट को लगाना आपके घर को स्वच्छ और अच्छा बनाता है।
  6. अतिथि कक्ष में रोशनी के उपकरण – कक्ष के लिए उचित बल्ब और रोशनी के लिए उपकरण लगाना आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। यह व्यक्तियों के स्वभाव और पसंद को दर्शाता है। घर में उज्ज्वल और सुंदर रोशनी का उपयोग करना, खासकर अतिथि कक्ष को सुंदर और अतिथि के लिए आरामदायक बनाता है। चमकदार लाइट का प्रयोग करने से अतिथि की आंखों को नुकसान हो सकता है और इसके कारण उन्हें देखने में भी परेशानी हो सकती है।

वास्तु के अनुसार अतिथि कक्ष/ Guest Room Colour as per Vastu

हर कमरे का अपना कारण और शैली होती है। अतिथि कक्ष के लिए सबसे उत्तम रंग नीले, हरे और सफेद रंग के हल्के रंग साबित हो सकते हैं। यह सभी कमरे शांति के लिए जाने जाते हैं और यह अतिथि के मन को शांत करते हैं। गहरे रंगों का उपयोग करने से वह क्षेत्र गहरे रंग का दिखता है और वह बुरी नजर को आकर्षित भी कर सकता है। वहीं दूसरी तरफ हल्का रंग अच्छे और सकारात्मकता को दर्शाते हैं जो वातावरण को स्वस्थ बना देते हैं। इसलिए हल्का रंग अतिथि कक्ष सबसे ज्यादा उत्तम होते हैं।

अतिथि कक्ष की दीवार की सजावट के लिए वास्तु/ Vastu for Guest Room Wall decor

कक्ष के दीवार पर एक चित्र टांगना और घर मे एक गुलदस्ता रखना उस कक्ष को और सुंदर और आकर्षक बना सकता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, अतिथि कक्ष में सुंदर चित्र जैसे – फूल, पहाड, पंछी, इत्यादि, कक्ष के लिए बेहद शुभ चित्र माने जाते हैं। अगर लोग अतिथि कक्ष की खिड़की में विंड चाइम्स लटकाना पसंद करते हैं, तो उसके लिए आदर्श स्थान पश्चिम या उत्तर-पश्चिम की खिड़की हो सकती है। यह कमरे में हवा के प्रवाह को बेहतर कर सकती है और विंड चाइम्स की मोहिक आवाज आपके तनाव को दूर कर आपके मन में शांति ला सकती है।

वास्तु के अनुसार अतिथि कक्ष/ Guest Room Colour as per Vastu

हर कमरे का अपना कारण और शैली होती है। अतिथि कक्ष के लिए सबसे उत्तम रंग नीले, हरे और सफेद रंग के हल्के रंग साबित हो सकते हैं। यह सभी कमरे शांति के लिए जाने जाते हैं और यह अतिथि के मन को शांत करते हैं। गहरे रंगों का उपयोग करने से वह क्षेत्र गहरे रंग का दिखता है और वह बुरी नजर को आकर्षित भी कर सकता है। वहीं दूसरी तरफ हल्का रंग अच्छे और सकारात्मकता को दर्शाते हैं जो वातावरण को स्वस्थ बना देते हैं। इसलिए हल्का रंग अतिथि कक्ष सबसे ज्यादा उत्तम होते हैं।

अतिथि कक्ष की दीवार की सजावट के लिए वास्तु/ Vastu for Guest Room Wall decor

कक्ष के दीवार पर एक चित्र टांगना और घर मे एक गुलदस्ता रखना उस कक्ष को और सुंदर और आकर्षक बना सकता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, अतिथि कक्ष में सुंदर चित्र जैसे – फूल, पहाड, पंछी, इत्यादि, कक्ष के लिए बेहद शुभ चित्र माने जाते हैं। अगर लोग अतिथि कक्ष की खिड़की में विंड चाइम्स लटकाना पसंद करते हैं, तो उसके लिए आदर्श स्थान पश्चिम या उत्तर-पश्चिम की खिड़की हो सकती है। यह कमरे में हवा के प्रवाह को बेहतर कर सकती है और विंड चाइम्स की मोहिक आवाज आपके तनाव को दूर कर आपके मन में शांति ला सकती है।

हर व्यक्ति का परिवार होता है। कुछ रिश्तेदार मां के परिवार से होते हैं और कुछ पिता जी के परिवार से। और यदि आपको पता है कि अतिथि आपके घर कभी आ सकते हैं और आपने उनके लिए एक अतिथि कक्ष बना रखा है तो इससे अच्छा और क्या हो सकता है। इस कार्य में कितना मजा आएगा कि सभी घर के सभी सदस्य एक साथ बैठे हो, एक साथ खाना खाएं, खेलें और एक साथ हर पल का आनंद लें। हो सकता है कि कुछ अतिथि लंबे समय के लिए रुकने आए, लेकिन ऊपर दिए वास्तु के कुछ टिप्स का प्रयोग करके आप इस समस्या से बाहर निकल सकते हैं और अपने अतिथि को बिना किसी समस्या के अपने घर ठहरा सकते हैं।

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