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वैवाहिक जीवन में समस्या - ज्योतिष उपाय

वैवाहिक जीवन

वैवाहिक जीवन से जुड़ी समस्याओं का छुटकारा पाने के लिए बने इस वेबपेज पर आपका स्वागत है। इससे पहले की हम आगे बढ़ें, मैं आपके रिश्ते में आने वाली संभावित समस्याओं का आकलन करना चाहूँगा। हमारी वेबसाइट पर आपको एक शानदार केलकुलेटर मिलेगा जो की ग्रहों की गणना के आधार पर आपके वर्तमान वैवाहिक जीवन की स्थिति की जांच कर सकता है। ज्योतिषीय गणना पर आधारित मैरिड लाइफ़ प्रॉब्लम सोल्यूशन का लाभ उठाते हुए आप किसी भी तरह की समस्या का समाधान पा सकते हैं और एक खुशहाल वैवाहिक जीवन की ओर बढ़ सकते हैं। तुरंत लाभ पाने के लिए इसका अभी इस्तेमाल करें।

एक सुखी वैवाहिक जीवन के लिए आपकी संभावनाएं कैसी हैं?

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अब जब आपको निशुल्क मैरिड लाइफ़ केलकुलेटर/free married life calculator से अपने वैवाहिक जीवन में आ रही समस्याओं के पीछे छिपे ज्योतिषीय कारणों का पता चल चुका है, तो अब अगला कदम इन वैवाहिक समस्याओं के कार्मिक संबंधों/karmic connection को और बारीकी से समझने का है। कार्मिक संबंधों को समझने से पति-पत्नी के बीच चल रही वैवाहिक समस्याओं का एक बेहतर ज्योतिषीय समाधान पाना आसान हो जाता है।

लेकिन इससे पहले मैं एक राज की बात आपको बताना चाहता हूँ – प्रत्येक जन्मकुंडली कहीं ना कहीं आपकी स्वेच्छा पर निर्भर करती है। हर व्यक्ति इस स्वेच्छा का प्रयोग कर अपने जीवन में भाग्य की दिशा को काफी हद तक बदल सकता है। यदि आप अपने वैवाहिक जीवन को खुशहाल बनाना चाहते हैं तो आप इसका समाधान भी अवश्य पा सकते हैं। और यदि आप वैवाहिक जीवन में चल रहे विवादों को खत्म करना चाह रहे हैं, तो आप इससे बाहर निकलने के तरीके यहां से प्राप्त कर सकते हैं। दोस्तों, ज्योतिष ज्ञान किसी चमत्कार से कम नहीं है।

अब जब आपको निशुल्क मैरिड लाइफ़ केलकुलेटर/free married life calculator से अपने वैवाहिक जीवन में आ रही समस्याओं के पीछे छिपे ज्योतिषीय कारणों का पता चल चुका है, तो अब अगला कदम इन वैवाहिक समस्याओं के कार्मिक संबंधों/karmic connection को और बारीकी से समझने का है। कार्मिक संबंधों को समझने से पति-पत्नी के बीच चल रही वैवाहिक समस्याओं का एक बेहतर ज्योतिषीय समाधान पाना आसान हो जाता है।

लेकिन इससे पहले मैं एक राज की बात आपको बताना चाहता हूँ – प्रत्येक जन्मकुंडली कहीं ना कहीं आपकी स्वेच्छा पर निर्भर करती है। हर व्यक्ति इस स्वेच्छा का प्रयोग कर अपने जीवन में भाग्य की दिशा को काफी हद तक बदल सकता है। यदि आप अपने वैवाहिक जीवन को खुशहाल बनाना चाहते हैं तो आप इसका समाधान भी अवश्य पा सकते हैं। और यदि आप वैवाहिक जीवन में चल रहे विवादों को खत्म करना चाह रहे हैं, तो आप इससे बाहर निकलने के तरीके यहां से प्राप्त कर सकते हैं। दोस्तों, ज्योतिष ज्ञान किसी चमत्कार से कम नहीं है।

ज्योतिष से वैवाहिक जीवन में आ रही किसी भी समस्या को जड़ से खत्म किया जा सकता है। मैं वैवाहिक जीवन में विवादों के ज्योतिषीय कर्म कारणों/ astrological karmic reasons और सुखी वैवाहिक जीवन के संभावित उपायों के बारे में बताऊंगा|

जन्मकुंडली के अनुसार वैवाहिक जीवन की समस्याओं को कैसे देखें?

अपनी जन्मकुंडली के अनुसार आप अपने वैवाहिक जीवन में आ रही समस्याओं का पता लगा सकते हैं। ज्योतिष के माध्यम से पति-पत्नी के बीच आ रही गलतफहमियों का समझना बहुत जरूरी है। विवाह दो लोगों का मिलन है इसलिए दोनों की जन्मकुंडलियों को एक साथ रखकर वैवाहिक जीवन में आने वाली समस्याओं/ problems in married life का मूल्यांकन किया जाता है। इन दोनों ही कुंडलियों के मूल्यांकन के दौरान शुभ और अशुभ ग्रहों के प्रभाव को नीचे दिए गए स्थानों पर देखा जाता है।

ज्योतिष से वैवाहिक जीवन में आ रही किसी भी समस्या को जड़ से खत्म किया जा सकता है। मैं वैवाहिक जीवन में विवादों के ज्योतिषीय कर्म कारणों/ astrological karmic reasons और सुखी वैवाहिक जीवन के संभावित उपायों के बारे में बताऊंगा|

जन्मकुंडली के अनुसार वैवाहिक जीवन की समस्याओं को कैसे देखें?

अपनी जन्मकुंडली के अनुसार आप अपने वैवाहिक जीवन में आ रही समस्याओं का पता लगा सकते हैं। ज्योतिष के माध्यम से पति-पत्नी के बीच आ रही गलतफहमियों का समझना बहुत जरूरी है। विवाह दो लोगों का मिलन है इसलिए दोनों की जन्मकुंडलियों को एक साथ रखकर वैवाहिक जीवन में आने वाली समस्याओं/ problems in married life का मूल्यांकन किया जाता है। इन दोनों ही कुंडलियों के मूल्यांकन के दौरान शुभ और अशुभ ग्रहों के प्रभाव को नीचे दिए गए स्थानों पर देखा जाता है।

  1. सातवां भाव/ Seventh house

  2. सातवें भाव का स्वामी/ Seventh house Lord

  3. दूसरा भाव/Second house

  4. दूसरे भाव का स्वामी/Second house lord

  5. चौथा भाव/Fourth House

  6. चौथे भाव का स्वामी/Fourth House Lord

  7. दूसरे भाव के कारक/Karaka of second house

  8. चौथे भाव के कारक/Karaka of fourth house

  9. सातवें भाव के कारक/Karaka of Seventh house

  10. उपरोक्त सभी नौ कारकों का नवांश स्थान में नियुक्ती

  11. उपरोक्त सभी नौ कारकों में त्रिसंसा में नियुक्ती

  12. शास्तीम्सा का ऊपर मौजूद नौ कारकों में नियुक्ती

लग्न, नवमांश, त्रिसंसा और शास्तीम्सा में उपरोक्त कारकों का सटीक मूल्यांकन वैवाहिक जीवन की समस्याओं के प्रति स्पष्ट समझ प्रदान करता है। उपरोक्त मापदंडों का पति-पत्नी की जन्मतिथि के आधार पर दोनों के बीच की इन गलतफहमी का पता चल सकता है।

पति पत्नी के बीच में झगड़े

उपर्युक्त बारह मापदंडों का मूल्यांकन पति-पत्नी के बीच इन संभावित झगड़ों को दर्शाता है।

  1. विवाह के बाद किसी दूसरे व्यक्ति के साथ संबंध
  2. क्रूरता
  3. गाली-गलौज
  4. एक दूसरे के प्रति प्रेम कम होना।
  5. ससुराल वालों का अत्यधिक हस्तक्षेप।
  6. साथी को नीचा दिखाना।
  7. ताने मारने वाला स्वभाव
  8. श्रेष्ठता या हीन भावना होना
  9. बच्चा ना होना
  10. झूठ बोलने की आदत
  11. यौन संबंध की आदतें का असंतुलन
  12. वित्तीय समस्याएं
  13. मूल्यों और विश्वास के बीच असमानता।

कुंडली जाँचने की खूबी यह है कि उपरोक्त सभी समस्याओं का मूल्यांकन करना संभव है। जब आप कुंडली मिलान/Horoscope Matching करवाते हैं तो ज्योतिषी इन बिंदुओं पर अवश्य ध्यान देते हैं और इसके दौरान ज्योतिष आपको सटीक और आसान सुझाव भी देते हैं जिसके जरिए आप सुखी वैवाहिक जीवन व्यतीत कर सकते हैं।

पति पत्नी के बीच में झगड़े

उपर्युक्त बारह मापदंडों का मूल्यांकन पति-पत्नी के बीच इन संभावित झगड़ों को दर्शाता है।

  1. विवाह के बाद किसी दूसरे व्यक्ति के साथ संबंध
  2. क्रूरता
  3. गाली-गलौज
  4. एक दूसरे के प्रति प्रेम कम होना।
  5. ससुराल वालों का अत्यधिक हस्तक्षेप।
  6. साथी को नीचा दिखाना।
  7. ताने मारने वाला स्वभाव
  8. श्रेष्ठता या हीन भावना होना
  9. बच्चा ना होना
  10. झूठ बोलने की आदत
  11. यौन संबंध की आदतें का असंतुलन
  12. वित्तीय समस्याएं
  13. मूल्यों और विश्वास के बीच असमानता।

कुंडली जाँचने की खूबी यह है कि उपरोक्त सभी समस्याओं का मूल्यांकन करना संभव है। जब आप कुंडली मिलान/Horoscope Matching करवाते हैं तो ज्योतिषी इन बिंदुओं पर अवश्य ध्यान देते हैं और इसके दौरान ज्योतिष आपको सटीक और आसान सुझाव भी देते हैं जिसके जरिए आप सुखी वैवाहिक जीवन व्यतीत कर सकते हैं।

ऊपर दिया गया मैरिड लाइफ़ कैलकुलेटर, वैवाहिक जीवन की फ्री भविष्यवाणी/Free married life prediction देता है जो की एक शुरुआत है। हालांकि, पति-पत्नी के वैवाहिक समस्याओं के समाधान/ husband wife problem solution के लिए एक विस्तृत अध्ययन की आवश्यकता पड़ती है।

पिछले जीवन और वैवाहिक जीवन में समस्याओं के बीच संबंध/ Connection between past life and problems in married life

नाड़ी ज्योतिष/Nadi Jyotish हर व्यक्ति के पिछले जीवन के बारे में विस्तार से बता सकता है। नाड़ी ज्योतिष में कुछ तरीके बताए गए हैं जिसके जरिए एक ज्योतिषी आपकी कुंडली देख कर आपके वैवाहिक जीवन में आ रही समस्याओं का समाधान दे सकता है।

जन्म तिथि के अनुसार मैरिड लाइफ़ ऐस्ट्रोलॉजी /Married life astrology by date of birth के माध्यम से पति पत्नी के पिछले जन्म के संबंध और उसके अंतिम परिणाम की गणना आसानी से की जा सकती है। इस प्रक्रिया के बाद हम जान जाएंगे कि पिछले जन्म में आपके साथ क्या हुआ था, इसलिए बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए इस जीवन में बदलाव या कर्म सुधार का सुझाव दिया जा सकता है। लेकिन आपको एक बात पर गौर करना चाहिए कि एक महान विद्वान और अनुभवी ज्योतिषी जिसके पास इस कार्य को करने का पूर्व अनुभव है, सिर्फ वही इस संदर्भ में आपको सही जानकारी दे सकता है।

पिछले जीवन और वैवाहिक जीवन में समस्याओं के बीच संबंध/ Connection between past life and problems in married life

नाड़ी ज्योतिष/Nadi Jyotish हर व्यक्ति के पिछले जीवन के बारे में विस्तार से बता सकता है। नाड़ी ज्योतिष में कुछ तरीके बताए गए हैं जिसके जरिए एक ज्योतिषी आपकी कुंडली देख कर आपके वैवाहिक जीवन में आ रही समस्याओं का समाधान दे सकता है।

जन्म तिथि के अनुसार मैरिड लाइफ़ ऐस्ट्रोलॉजी /Married life astrology by date of birth के माध्यम से पति पत्नी के पिछले जन्म के संबंध और उसके अंतिम परिणाम की गणना आसानी से की जा सकती है। इस प्रक्रिया के बाद हम जान जाएंगे कि पिछले जन्म में आपके साथ क्या हुआ था, इसलिए बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए इस जीवन में बदलाव या कर्म सुधार का सुझाव दिया जा सकता है। लेकिन आपको एक बात पर गौर करना चाहिए कि एक महान विद्वान और अनुभवी ज्योतिषी जिसके पास इस कार्य को करने का पूर्व अनुभव है, सिर्फ वही इस संदर्भ में आपको सही जानकारी दे सकता है।

वैवाहिक जीवन का ज्योतिष अनुमान लगाना एक बहुत ही जटिल विषय है जिसके लिए एक ज्योतिषी को षोडश वर्ग पढ़ने के साथ-साथ पिछले जीवन का विश्लेषण करने की भी आवश्यकता होती है। यहां सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। यदि आप ज्योतिष विज्ञान में नौसिखिए हैं, तो कृपया कुंडली के ग्रहों की युति के झांसे में आने से बचे और परिणामों का खुद से अनुमान न लगाएं। ऐसी कई वेबसाइट हैं जो मैरिड लाइफ़ में तनाव के लिए कुछ ग्रहों की युति या ग्रहों के कुछ संयोजन को जिम्मेदार बदलाती हैं लेकिन ऐसा अधिकतर सही नहीं होता और इनको शत प्रतिशत सच मानना गलत है। क्योंकि आप इसे पढ़ रहे हैं और यहां तक पहुंच चुके हैं, इसलिए आपकी कुंडली का नवम भाव इस बात की ओर इशारा करता है की आपको अपनी वैवाहिक समस्याओं के समाधान के लिए एक गुरु की सलाह लेनी चाहिए।

वैवाहिक जीवन में विवादों का ज्योतिषीय समाधान/ Astrological solutions for disputes in married life

डॉ. विनय बजरंगी “जन्म तिथि से वैवाहिक जीवन की समस्याओं के बारे में” क्या कहते हैं? देखने के लिए यहां क्लिक करें

इससे पहले, मैंने निशुल्क कैलकुलेटर के माध्यम से वैवाहिक जीवन की भविष्यवाणी/Married life prediction दी थी, और यहां फिर से एक बार, मैं वैवाहिक जीवन में विवादों को सुलझाने के लिए कुछ सामान्य समाधान बता रहा हूँ, जो आपके लिए बहुत ही फायदेमंद साबित हो सकते हैं।

वैवाहिक जीवन में विवादों का ज्योतिषीय समाधान/ Astrological solutions for disputes in married life

डॉ. विनय बजरंगी “जन्म तिथि से वैवाहिक जीवन की समस्याओं के बारे में” क्या कहते हैं? देखने के लिए यहां क्लिक करें

इससे पहले, मैंने निशुल्क कैलकुलेटर के माध्यम से वैवाहिक जीवन की भविष्यवाणी/Married life prediction दी थी, और यहां फिर से एक बार, मैं वैवाहिक जीवन में विवादों को सुलझाने के लिए कुछ सामान्य समाधान बता रहा हूँ, जो आपके लिए बहुत ही फायदेमंद साबित हो सकते हैं।

  1. सातवें भाव/Seventh House को खुश करने के लिए दान करें।

  2. बृहस्पति मंत्र का जाप करें।

  3. अपने जीवन साथी के प्रति आभारी रहें और कोशिश करें कि आप उनके साथ ताल मेल बिठाएं।

सटीक उपाय बताने के लिए कुंडली पर विश्लेषण करना बेहद आवश्यक होता है, जिससे समस्या का मूल कारण समझ आ जाएगा। वैवाहिक समस्याओं के पीछे यह कारण भी हो सकते हैं:

  1. व्यक्ति की शारीरिक विशेषताएं, जो की चेतना का पहला स्तर है।

  2. भौतिक गुणों से परे चेतना का अधिक होना।

  3. यह व्यक्ति की अवचेतना के कारण हो सकता है, जो लगातार मन को प्रभावित करता है।

  4. यह पिछले जीवन या अतिचेतन स्तर से भी उत्पन्न हो सकता है।

यदि कुंडली का आकलन इस तरह हो, तो दिए गए सभी उपाय कारगर साबित हो सकते हैं। इसी प्रकार आप अपने रिश्ते में ज्योतिषीय तरीके से सुधार ला सकते हैं।

आप यह भी पढ़ सकते हैं कि बच्चों के लिए ज्योतिष कैसे आपकी मदद करता है?

विशिष्ट मार्गदर्शन के लिए, आप नीचे दिए गए तरीकों से संपर्क साध सकते हैं: 

पूछे जाने वाले प्रश्न

जन्म कुंडली में बनने वाले कुछ अशुभ योगों द्वारा भी वैवाहिक जीवन में समस्या आ सकती है. विवाह सुख में अगर सप्तम भाव या सप्तमेश शुभ स्थिति में नही हों, या अशुभ ग्रह हों और छथे, आठवें एवं द्वादश भाव से संबंध बना रहे हों तो इस स्थिति में वैवाहिक जीवन में सुख की कमी बनी रहती है। 

कई बार विवाह के पश्चात व्यक्ति को वो सुख नहीं मिल पाता है, जिसके उसके सपने देखे थे और इस कारण एक दूसरे के साथ संबंधों में कड़वाहट बढ़ती चली जाती है। कुंडली में मौजूद पाप ग्रहों शनि, राहु-केतु का विवाह भाव एवं दूसरे भाव पर प्रभाव होना दांपत्य जीवन में वाद-विवाद का कारण बन सकता है। इन बातों को समझने में ज्योतिष शास्त्र महत्वपूर्ण दृष्टि रखता है और अगर सही समय पर उचित मार्गदर्शन एवं उपायों को जीवन में अपनाया जाए तो इन सभी परेशानियों से मुक्त हुआ जा सकता है। 

कुंडली में मौजूद मंगल, शनि, शुक्र, बृहस्पति दांपत्य जीवन को मुख्य रुप से प्रभावित करते हैं. कुंडली में यदि शुक्र, मंगल या बृहस्पति खराब स्थिति में हो तो यह विवाह के पश्चात मिलने वाले सुख को कम कर सकते हैं। जातक की कुंडली में यदि शुक्र एवं बृहस्पति शुभ स्थिति में हों तो यह संबंधों में मिठास और प्रेम बनाए रखते हैं। कुंडली में किन ग्रहों के कारण आती है दांपत्य सुख में बाधा? यह जानने के लिए क्लिक करे।

जन्म कुंडली कुंडली के कुछ मुख्य भावों में यदि मंगल ग्रह स्थिति हो तो ऎसे में मांगलिक दोष का प्रभाव बनाता है और यदि मंगल सप्तम में ही स्थिति है तो इस कारण वैवाहिक संबंधों पर इसका खास असर देखने को मिलता है. आईये जाने कैसे मंगल का सप्तम भाव में होना विवाह सुख को कर सकता है बाधित।

वैवाहिक जीवन के शुभ फलों को पाने के लिए वर और वधु कि कुंडलियों का मिलान बहुत ही सावधानी से करने की आवश्यकता होती है, ऎसे में यदि मिलान में कोई कमी रह जाती है तो ये स्थिति दांपत्य जीवन के सुख को कम करने वाली होती है। इसलिए जरूरी है की सही तरीके से कुंडली मिलान किया जाए। 

वैवाहिक जीवन के सुख को प्रभावित करने में शनि और मंगल ग्रह की अत्यंत ही महत्वपूर्ण भूमिका होती है. ऎसे में जब इन दोनों ग्रहों को दोनों की कुंडली में उचित प्रकार से नही देखा जाए तो वैवाहिक संबंध प्रभावित होते हैं इसलिए कुंडली में ये जानना जरुरी होता है कि कैसे इन ग्रहों के प्रभाव से वैवाहिक जीवन में समस्या आती है, आईये जानते हैं इन सभी के बारे में विस्तार से।

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