मुख्य पृष्ठ वीडियो डॉ. विनय बजरंगी जी अपनी बुरी दशा को अच्छी दशा में बदलें

बुरी दशाओं के अच्छे फल

वैदिक ज्योतिष में ग्रहों की दशाओं को एक महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है क्योंकि माना जाता है कि हमारे जीवन में जो कुछ भी घटित होता है वो किसी विशेष ग्रह की दशा के प्रभावों के कारण होता है। कुंडली में किसी घटना के होने या न होने की पुष्टि उस विशेष समय की प्रमुख महादशा, अंतर्दशा और प्रत्यंतर दशा पर निर्भर करती है। वैदिक ज्योतिष में दशा बहुत महत्वपूर्ण हैं और वे किसी व्यक्ति के जीवनकाल में होने वाली सभी अच्छी और बुरी स्थितियों का पूरा क्रम दिखाने में समर्थ होती हैं। हम अधिकतर ऐसे लोगों से मिलते रहते हैं जिन्हे बताया गया होता है कि अभी आपकी दशा बहुत अच्छी चल रही है या फिर आने वाले समय में अच्छी या बुरी दशा प्रारम्भ होने वाली है। ऐसे में, कभी-कभी हमारे द्वारा देखा गया है कि लोग आने वाले समय में अच्छी दशाओं का इन्तजार करते हैं और निष्क्रिय हो जाते हैं। लेकिन, क्या ये सही है? क्या अच्छी दशाएं हमेशा अच्छा फल ही प्रदान करती हैं? या फिर बुरी दशाओं को भी अच्छा बनाया जा सकता है? आज इस लेख के माध्यम से हम यही चर्चा करेंगे कि व्यक्ति को, कौन सी दशा कब और कैसे अच्छा या बुरा फल देती है?

अब, हम इसी विषय से संबंधित समस्याओं के निवारण हेतु बात करते हैं। जीवन की कमियों के लिए पछताना क्यों? जबकि, आप बजरंगी धाम के माध्यम से उन्हें दूर करने की एक छोटी सी कोशिश कर सकते हैं। यदि आप की भी कोई समस्या है और आप उसे दूर करना चाहते हैं आप चाहते हैं कि जीवन में खुशियां ही खुशियां हों तो आप बिना देर किए ही बजरंगी धाम के माध्यम से अपने जीवन को खुशहाल बना सकते हैं। चलिए, जानते हैं कि दशाओं को कैसे ठीक किया जा सकता है। 

अच्छी दशा का न करें इतंजार बुरी दशा भी कर सकती है बेडा पार

आज हम बात करते हैं उन लोगों की जिनके मन में कई प्रकार के संशय रहते हैं और जिनसे संबंधित, अपनी उन्हीं परेशानियों को लेकर वे हमारे पास आते हैं। लोग कहते हैं कि दशाएं शुभ भी होती है और अशुभ भी होती हैं। हम हमेशा शुभ दशाओं के लिए इंतजार करते हैं। ऐसे में, हम ऐसा क्या खास कर सकते हैं कि जिससे वो शुभ दशाएं आएं और हमें लाभान्वित करके जाएं।

हमारे द्वारा असंख्य कुंडलियां देखी गई हैं जिसमें व्यक्ति अक्सर, यही पूछते हैं कि हमें ऐसा बताया गया है कि हमारी दशा या तो बहुत अच्छी चल रही है या कुछ समय के बाद दशा अच्छी आने वाली है तो क्या हमें उनका इंतजार करना चाहिए? या उसकी तैयारी के लिए हमें पहले से कुछ उपाय करने चाहिए? 

अशुभ दशाओं से लाभ लेने के उपाय

इस विषय में हम यही बताना चाहते हैं कि अच्छी दशाएं कुछ नहीं होती हैं यदि आप इस समय को सही तरह से नहीं गुजारते हैं। मान लीजिए, यदि कोई व्यक्ति इस समय कुछ भी काम नहीं करता और निष्क्रिय होकर घर में बैठ जाता है तो इस स्थिति में, जब अच्छी दशाएं आएंगी तो वो उसे कोई फल नहीं दे पाएंगी और ना ही  कोई लाभ दे पाएंगी। हालांकि, इसमें सबसे बड़ी बात यह होती है कि व्यक्ति को, अच्छी दशाओं के लिए कौन से कार्य बचाकर रखने चाहिए और कौन से कार्यों को अभी करना चाहिए ताकि, अच्छी दशाएं आने पर उनका फल मिलना शुरू हो जाए। यहां, सवाल उठता है कि अच्छी दशाएं कौन सी होती हैं? और किस प्रकार से आपको लाभ दे सकती हैं? इसके बारे में भी ज्ञान होना चाहिए। सामान्यतः लग्नेश, पंचम भाव के अधिपति और नवम भाव के अधिपति की दशा अच्छी मानी जाती है। साथ ही, इन दशाओं के अंतर भी सामान्यतः अच्छे ही जाते हैं हालांकि, अंतर्दशा में लाभ मिलना जरूरी नहीं होता क्योंकि व्यक्ति, या तो उन दशाओं का इंतजार करता रहता है या दशाएं व्यक्ति के अनुकूल नहीं होती हैं जिससे उनके अंदर, व्यक्ति उल्टे कार्य कर बैठते हैं। 

खराब दशा को अच्छी दशा के लिए लॉन्चिंग पैड के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है

ऐसे में सवाल उठता है कि व्यक्ति को क्या करना चाहिए? इसके जवाब में हम कहना चाहेंगे कि व्यक्ति को अपनी कुंडली का तुरंत ही आकलन कराकर यह जानना चाहिए कि उसकी अच्छी दशाएं कब आरंभ होंगी और इस समय यदि उसकी दशाएं अच्छी नहीं है तो उसे क्या कार्य करना चाहिए और कब से आरंभ करना चाहिए? साथ ही, उसे किन-किन सावधानियों का पालन करना चाहिए क्योंकि इन सब बातों का ध्यान रखने पर, अच्छी दशाएं अपना फल देंगी तथा बुरी दशाएं भी खराब फल नहीं देंगी बल्कि, स्थिर बनाए रखने के लिए काफी अच्छी रहेंगी। अतः, आप सभी को   ध्यानपूर्वक अपनी कुंडली का अवलोकन अवश्य ही कराना चाहिए।