मुख्य पृष्ठ वीडियो लव लाइफ में समस्या

मन का मीत जब होगा मन से विपरीत

विवाह जीवन का एक महत्वपूर्ण भाग है और इस विषय पर समय समय पर चर्चा होते आई है। आज हम विवाह संबंधी ही चर्चा को आगे बढ़ाने वाले हैं लेकिन, कभी-कभी होता यह है कि जिस से प्रीत होती है उसी से ही दुश्मनी हो जाती है। अतः, हमारा आज का विषय भी इसी से संबंधित है- मन का मीत जब होगा मन से विपरीत।

विवाह में अलगाव के क्या हैं कारण?

हम जैसे-जैसे बड़े होते जाते हैं वैसे-वैसे अपने नजदीकी नाते-रिश्तेदारों और सगे-संबंधियों को, बुद्धि में अपने से कम आंकने लगते हैं। एक समय ऐसा आता है कि जब हमें बुद्धि के संबंध में सब बौने नजर आने लगते हैं और हमें कहीं यह लगने लगता है कि इतनी छोटी सी बात इन लोगों को समझ में क्यों नहीं आती। मजबूत लग्नेश, सूर्य यानी पिता और चंद्रमा यानी माता के साथ विरोधी या शत्रु गत अवस्था में होता है, जिसके चलते, ऐसे लोग अपने आगे परिवार की नहीं चलने देते। परिणामस्वरूप, शादी-विवाह के मामलों में किसी की ना सुनना, गैर-धर्म, गैर-जाति या गैर-बिरादरी में विवाह कर लेना या भाग कर विवाह कर लेना, इस संरचना के कुछ उदाहरण बन जाते हैं। 

कुंडली का विवाह में महत्व

हालांकि, ऐसा नहीं है कि ऐसे हुए सभी विवाह खंडित हो जाते हैं लेकिन, ऐसा अवश्य होता है कि इस तरीके के अधिकांश विवाह चल नहीं पाते और जो बच जाते हैं उन दंपतियों के विवाह में वैमनस्य या समस्याएं रहती हैं। आइए, जानने का प्रयास करते हैं कि ऐसा क्यों होता है। कुंडली की कुछ शक्तियां जागृत होने पर, बीस या तीस साल पुराने माता-पिता के संबंध को भी ध्वस्त कर देती हैं। तो, यह समझने का प्रयास करना चाहिए कि जब यह शक्तियां दुबारा विपरीत दिशा में जागृत होंगी तो, उनसे उत्पन्न विपरीत मनोभाव अपने जीवनसाथी, प्रेमी या प्रेमिका के प्रति भी हो सकते हैं। हालांकि, हम यह नहीं कहते कि प्रत्येक के साथ ऐसा ही होगा लेकिन, हम अवश्य यह मानते हैं कि ऐसी शक्तियां रीति-रिवाज और रिश्तों को नहीं देखतीं। हालांकि, ऐसी शक्तियां होती अवश्य हैं जिन्हें, जब तक सुप्तावस्था में रखा जाए तब तक अच्छा होता है। लेकिन इसके लिए, कुंडली में लग्न और सातवें भाव का एक अत्यंत प्रगाढ़ संबंध होना चाहिए अर्थात् आपसी सम्मान, प्रतिबद्धता, समझ और बलिदान देने का अतुल्य साहस होना चाहिए। अन्यथा, जितना प्रेम होता है वह उतनी ही गहन नफरत में बदल सकता है तथा प्रेम की सारी बातें और वादे, अपना महत्व खो देते हैं। 

समस्या के समाधान के लिए कुंडली का उचित परीक्षण

अब, जो लोग इस मोड़ तक पहुंच गए हैं, उनको तो इससे निकलना ही होगा जो, कुंडली देखने के बाद ही संभव हो सकता है। लेकिन, आप सबसे हमारा यह अनुरोध है कि इतने बड़े कदम को रखने या उठाने से पहले, एक बार उसकी गति को अवश्य जांच लें क्योंकि कहीं ऐसा ना हो कि, प्रेम की चिड़िया विवाह के बाद तुरंत खिड़की से फुर्र हो जाए। यहां पर ध्यान देने वाली और एक बात यह है कि जो लोग इस बात को झेल रहे हैं यानि कि उन्होंने विवाह कर लिया है और अब, उनके बीच में काफी परेशानियां उत्पन्न हो चुकी हैं उन सबको, अपनी कुंडली का उचित तरीके से परीक्षण कराना चाहिए जिससे वे इन परेशानियों से निकल जाएं क्योंकि हम चाहते हैं कि यदि आपके हाथ में ज्योतिष की शक्ति है तो फिर आपको ऐसी परेशानी नहीं आनी चाहिए।

यदि, आपके जीवन में भी ऐसी कोई भीषण बात चल रही है तो आप हमसे जान सकते हैं क्योंकि जीवन के कठिन और क्लिष्ट निर्णयों से पहले, अपनी कुंडली अवश्य दिखा लेना उचित रहता है।