मुख्य पृष्ठ वीडियो कहीं डाइवोर्स और परेशानियां तो खड़ी नहीं कर देगा

कहीं डाइवोर्स और परेशानियां तो खड़ी नहीं कर देगा

हिंदू धर्म में वर-वधु के खुशहाल जीवन के लिए कुंडलियों का मिलान कराया जाता है ताकि दांपत्य जीवन में किसी तरह की मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़े। व्यक्ति की कुंडली में कोई दोष होने पर, या तो उस दोष का निवारण किया जाता है या व्यक्ति विशेष से विवाह नहीं कराया जाता। फिर भी, कई बार स्थिति ऐसी हो जाती है जब किन्हीं कारणों से विवाह टूटने की नौबत आ जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इसका संबंध ग्रहों से होता है जो ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न कर देते हैं। वैसे तो, तलाक को हर समाज में बुरी निगाह से देखा जाता है लेकिन कई बार ऐसी स्थितियां पैदा हो जाती हैं कि पति-पत्नी का साथ रहना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में, वे तलाक का विकल्प चुन लेते हैं जो बाद में की समस्याओं का कारण बन जाता है।

आज हम विवाह के पश्चात होने वाली ऐसी ही कुछ समस्याओं से अवगत कराएंगे जो डाइवोर्स और परेशानियां खड़ी करने का सामर्थ रखते हैं। कई बार हमें लगता है की विवाह में कष्ट झेलने से अच्छा अलग हो जाना ही है और हमें तलाक लेना उचित लगता है। लेकिन, हम यह भूल जाते हैं कि इससे हमारे जीवन में आगे और परेशानियां खड़ी हो सकती हैं और इससे संबंधित राज हमारी कुंडली में ही छुपे होते हैं। यहां यह बात समझना आवश्यक है कि विवाह और गृहस्थ जीवन एक शतरंज की बिसात की तरह होता, है जिसमें एक गलत चाल, सब चीजों को अस्त व्यस्त कर देती है। अतः तलाक लेने से पहले हमारे इस लेख को भली-भांति समझना आपके लिए लाभकारी हो सकता है।

विवाह भंग उपरांत होने वाली समस्याएं 

उदाहरण के तौर पर, ऐसे ही एक मामले से इस बात को समझने का प्रयास करना चाहिए। एक श्रीमती जी अपने श्रीमान से अत्यधिक परेशान थी क्योंकि उन्हें अपने पति की नौकरी छोटी लगती थी अर्थात ऐसी नौकरी जिसमें भरपूर पैसा नहीं था। इसके साथ ही, उन्हें अपने श्रीमान जी की बुद्धि पर भी शक होता था। परिवार के लोगों से तो मानो उनका छत्तीस का ही आंकड़ा था, इसलिए कोई भी उन्हें फूटी आंख नहीं सुहाता था। अगर किसी ने समझाने के लिए कोई बात कह दी तो उसकी खैर नहीं।

लेकिन, इस मामले में लड़की की भी पूर्णतया गलती नहीं थी, क्योंकि उसकी अभिलाषाओं, आकांक्षाओं और वास्तविकता में काफी फर्क था। वह इस फर्क को जरूरत से ज्यादा उजागर करती थी जिससे बाकी लोग जल्दी ही हीन भावना में आकर उस लड़की से दूर होते चले गए। इसके साथ ही, उस लड़की को अपने परिवार का भी कुछ जरूरत से ज्यादा सहयोग था, जिस कारण वह बात-बात पर रणचंडी हो जाती थी। इसका परिणाम यह हुआ कि लड़की ने अलग होने की ठान ली और उसके अपने परिवार के सहयोग से विवाह भी भंग हो गया। 

लेकिन, अपने घर पहुंचने के बाद भी उसकी पीड़ा कम होने की जगह बढ़ती ही गई क्योंकि उनके बड़े भाई का विवाह होने के कारण, घर में भाभी का आगमन हो चुका था, जिससे ऊपर से तो प्रेम लगता था, लेकिन वह उसको शत्रु के समान दिखती थी। अपनी पुत्री पर जान छिड़कने वाले पिता भी, बात-बात पर अब उसको  झिड़कने लगे थे। इसके अलावा, मां भी प्रसन्नचित्त ना रहते हुए, उस लड़की के भविष्य को लेकर चिंतित रहती थी और बीच-बीच में लड़की को ही कोसती। हद तो तब हो गई, जब छोटे भाई के विवाह में किसी भी सिलसिले में उसकी कोई राय नहीं ली गई, जिससे उसकी मनोदशा मानो कुछ ऐसी हो गई जैसे वह अपने ही घर में कैद हो गई हो। उसे यह आभास होने लगा कि वह उन सभी के लिए एक बोझ है, क्योंकि उस लड़की के विवाह के लिए जो भी रिश्ते आते थे या जो लोग रिश्ते सुझाते थे, वह सभी बड़ी उम्र के व्यक्ति होते थे। यह लड़की अभी तक कष्ट में है और अपने विवाह भंग के फैसले को स्वयं ही कोसती है। 

कुंडली की उचित जांच 

आपका जीवन विवाह संबंध को खत्म करने के उपरांत कैसा होगा यह सब संकेत आपकी कुंडली में मौजूद होते हैं। अतः, ऐसे मुश्किल और जीवन बदलने वाले फैसले लेने से पहले कुंडली की समुचित जांच पड़ताल अवश्य करानी चाहिए क्योंकि कहीं ऐसा ना हो कि आसमान से गिरे और खजूर पर अटकने वाली बात चरितार्थ हो जाए। हमने इन सभी बातों पर इसलिए चर्चा की है क्योंकि तलाक का निर्णय भले ही सुगमता या आसानी से लिया जाने वाला हो लेकिन, इस पर कोई कार्यवाही तब तक नहीं करनी चाहिए जब तक एक बार कुंडली की उचित जांच ना करा ली जाए। 

आप हमारे द्वारा भी कुंडली की उचित जांच करा सकते हैं, क्योंकि कुंडली की जांच करने के बाद हम आपको अवश्य यह बता सकते हैं कि जो परेशानियां आजकल हैं कहीं, उससे बड़ी समस्याएं विवाह संबंध के खत्म होने के बाद तो नहीं आ जाएगी तथा दिक्कतें इतनी ना बढ़ जाए कि कोई मार्ग ही दिखाई ना दे। अपनी समस्याओं का हल पाने के लिए आप व्यक्ति का नाम, जन्मतिथि, जन्म का समय, स्थान इत्यादि के साथ हमसे संपर्क कर सकते हैं।