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क्या बिजनेस चलके ही नहीं दे रहा ?

प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में आजिविका के साधन अत्यधिक महत्वपूर्ण होते हैं। बिजनेस आजिविका होने के साथ ही, व्यक्ति के जीवन की मेहनत और पूंजी का परिणाम होता है। अतः, व्यक्ति हमेशा यही प्रयास करता है कि उसका बिजनेस सुचारू रूप से चले और उसमें उन्नति भी प्राप्त करे। लेकिन कई बार दुर्भाग्यवश या आसपास की बुरी ऊर्जाओं के कारण, व्यापार में घाटा होने लगता है, जिससे कई बार स्थितियां व्यक्ति के वश में नहीं रहती तथा लगातार प्रयास करने पर भी परेशानियां बनी रहती हैं। साथ ही, व्यापार के घाटे में जाने की समस्याओं और व्यापारिक गतिविधियों के निर्बल होने के कारण, सिर पर कर्ज का बोझ भी बढ़ जाता है और व्यक्ति के हाथ कुछ नही बचता। आपने कई लोगों को सुना होगा जो कहते हैं कि उनका व्यापार बहुत अच्छा चल रहा था परंतु, पिछले कुछ समय से व्यापार में परेशानियां/Business problems आ रही हैं। अचानक बिक्री में गिरावट आ जाती है जिससे लाभ का प्रतिशत भी घट जाता है और समस्या विकट हो जाती है। बिजनेस चलाने का अनुभव होने पर भी, अच्छा-खासा चलता व्यापार निरंतर घाटे में चला जाता है और इन्हीं समस्याओं के चलते कर्ज में भी बढ़ोतरी हो जाती है। अतः, ऐसी समस्याएं आने पर एक बार किसी ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें, जिससे स्थितियां अनुकूल होकर व्यवस्थित बनी रहें।

आज हम इसी विषय पर, उन सभी लोगों के संबंध में बात करेंगे जो बिजनेस में संलिप्त हैं और उन्हे बिजनेस को सुचारू रूप से चलाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

व्यापार नहीं चलने के कारण

अब, यहां जो एक विशेष गलती यह होती है कि बिना कुंडली दिखाए व्यापार कर लिया जाता है। इस व्यापार में व्यक्ति अत्यधिक धन के साथ ही, बहुत सा समय भी लगातार निवेश करता है। बिजनेस के ठीक से चलने के लिए नित नए सुधार और परिवर्तन भी करता है। जब कोई कहता है कि शायद यह कमी है तो वह भी किसी भांति पूरी करता है और कोई कमी नहीं रहने देता। लेकिन, इतना सब करने के बाबजूद क्या मजाल कि  व्यापार थोड़ा भी चलने लग जाए। इस व्यापार में, व्यक्ति के घर का सारा धन चला जाता है और बैंक से जितना उधार मिल सकता था वह भी लग जाता है। इसके अलावा, वह मित्रों और सहोदरों से भी ब्याज पर धन लेकर भी लगा देता है। उसका दिन का चैन और रातों की नींद भी उड़ जाती है। इस व्यापार के चक्कर में अच्छे मित्रों से अनबन भी हो जाती है लेकिन, फिर भी व्यापार की गति धीरे से और भी धीरे होती चली जाती है। 

व्यापारिक संभावनाओं से संबंधित परिकल्पनाएं 

इस स्थिति में व्यापार को तुरंत बंद करने जैसे कुछ कठोर कदम उठाने की आवश्यकता पड़ सकती है। लेकिन, इन कदमों को उठाने से पहले भी कुंडली की जांच कराना आवश्यक होता है, क्योंकि कुछ ऐसी संभावनाएं हो सकती हैं, जिनके बारे में आपने कभी परिकल्पना भी नहीं की होगी। चलिए, अब इन परिकल्पनाओं को समझते हैं-

  • आने वाले निश्चित समय में व्यापार का चलना।
  • क्या व्यापार चल भी पाएगा या नहीं।
  • व्यापार चलने के लिए जो चीज चाहिए, क्या वह तुरंत मिल पाएगी। 
  • क्या मूलभूत परिवर्तन बिजनेस में करना कि बिजनेस चल पड़े या क्या मूलभूत परिवर्तन स्वयं में करना।

इन सब बातों की कुंजी कहीं ना कहीं कुंडली के किसी भाव में छिपी हुई होती है, इसलिए हमारा कर्तव्य यह होना चाहिए कि इन परेशानियों से उबरने के लिए अपनी कुंडली को अवश्य दिखाएं। यहां, इस बात को एक छोटे से उदाहरण से समझने का प्रयास करना चाहिए। 

हमारे पास रामकिशोर गर्ग नाम के एक व्यक्ति कुंडली दिखाने आए। उनका नया बिजनेस बिल्कुल भी चल रहा था। उसकी सारी जमापूंजी व्यापार में लग गई थी, जिससे उस व्यक्ति को घर की रोजमर्रा की चीजें जुटाना भी भारी पड़ रहा था, जबकि, यह व्यक्ति कुछ समय पहले तक अपने भाईयों के साथ पुरानी पुश्तैनी दुकान में साड़ी का काम करता था और जिसमें अत्यधिक लाभ कमाता था। लेकिन आपसी फूट के कारण, वह अपने भाइयों से अलग हो गया और अपने हिस्से में आए पैसों से, एक बहुचर्चित मॉल में अच्छी सी दुकान खरीद ली। चूंकि, वह व्यापारी पुराना जानकार था, इसलिए उसने अपने संबंधों के चलते, दुकान को उधार की साड़ियों से भर दिया। अब, जिनसे उधार लिया था उन्हें पैसे देने थे। मॉल की दुकान भी कई करोड़ों की थी, जिसके लिए बैंक से लोन लेना पड़ा था तो उसकी मासिक किस्त भी भरनी पड़ रही थी। लेकिन घर में आमदनी के नाम पर कुछ पैसा नहीं आ रहा था। जैसा कि हिंदी में एक कहावत है कि लोभ के कारण 'चौबे गये छब्बे बनने और दुबे बनकर लौटे'। यह कहावत यहां चरितार्थ होती दिखाई देती है।

कुंडली द्वारा समाधान संभव

आप अपने साथ ऐसा मत होने दीजिएगा क्योंकि हर चीज का कोई ना कोई समाधान होता है। यदि आपका बिजनेस भी नहीं चल रहा है तो उसका भी कोई ना कोई समाधान अवश्य होगा। बस, देखने वाली बात यह है कि वह समाधान आपकी कुंडली में से कैसे बाहर निकाला जाए। इसके लिए, आपको यह बात अच्छी तरह समझने की आवश्यकता है कि जब आप पहले धन कमा रहे थे या आपने कहीं पहले से ही धन जोड़ कर रखा था तो इसका मतलब यह होता है कि आपकी कुंडली में धन योग के साथ ही, धन संचित करने का योग भी है। तो अचानक ही, ऐसे क्या कारण हो गए कि आपके हाथों से सब कुछ निकलता गया। 

आइए, अब इन सभी कारणों को जानते हैं। अगर बिजनेस बंद करना ही होगा तो कर ही देंगे लेकिन, इससे पहले आपकी कुंडली में जो धन योग और धन संचित करने का योग है उसको दोबारा बुलाकर लाने की कोशिश करेंगे क्योंकि कुंडली में ग्रहों के साथ ही, दशाओं और गोचरों का भी बहुत महत्व होता है। अतः कृपया करके इन्हें अपने हाथों से निकलने नहीं देना चाहिए और अपनी कुंडली का अवश्य ही विश्लेषण कराना चाहिए।

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