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कहीं आपके बिजनेस का नाम कर्ज तो नहीं |

प्रतिस्पर्धा के इस दौर में बिजनेस चलाना और बिजनेस बढ़ाना दोनों एक कला है। आपने बहुत से ऐसे लोगों के बारे में सुना होगा, जो कहते हैं कि उनका व्यापार बहुत अच्छा चल रहा था, परंतु पिछले कुछ समय से व्यापार में परेशानियां आ रही हैं। पहले बिक्री खूब अच्छी होती थी किंतु अचानक उसमें गिरावट आने लगी है जिससे लाभ का प्रतिशत भी घट जाता है तथा समस्या बड़ी बन जाती है। अच्छे-भले चलते बिजनेस में अचानक रुकावट आ जाती है और व्यापार निरंतर घाटे में चला जाता है। इन्हीं समस्याओं के चलते सिर पर कर्ज़ का बोझ भी बढ़ जाता है। 

कर्ज के विपरीत और दूरगामी प्रभाव

ऐसा हो सकता है कि आपने ऊपर बताए गए स्थिति का सामना किया हो या फिर आपने अपने बिजनेस के लिए कोई कर्ज या फिर लोन लिया हो। कर्ज कभी कभी अच्छा भी होता है, लेकिन यदि एक सीमा से आगे गुजर जाए, तो यह सबसे पहले तो रातों की नींद और दिन का चैन उड़ा देता है और फिर, उस बिजनेस को बंद करवाता है जिसके नाम पर कर्ज लिया गया था। तदुपरांत, घर से बेघर कराकर कोर्ट के चक्कर लगवाता है तथा पुलिस से भी बैर कराता है। लेकिन, ज़रूरी नहीं कि हर बिजनेस का परिणाम ऐसा ही हो। साथ ही, ऐसा भी नहीं कि इन सब विपरीत और दूरगामी प्रभावों को जानने और समझने का कोई पैमाना ही नहीं है। इसके लिए, हमें जिन बातों को समझने की आवश्यकता होती है आज हम उन्हीं को जानने का प्रयास करेंगे। 

व्यापारिक कर्ज के संबंध में कब सतर्क हो जाना चाहिए

जब आपको नौकर होते हुए भी अचानक से मालिक या डायरेक्टर बनने का न्यौता स्वयं मालिक से ही आए तो समझ लीजिए कि यह अब दुःख भरे दिनों की शुरुआत हो चुकी है और कुंडली दिखाने का यही उचित समय है। साथ ही, जब कर्ज लेने के लिए झूठे-सच्चे दस्तावेजों को बनाना पड़े तो समझ लीजिए कि वक्त बेरहम होने वाला है और कुंडली दिखाना अत्यंतआवश्यक हो गया है। इसके अलावा जब एक कर्ज को पाटने के लिए दूसरा कर्ज लेना पड़े तो भी समझ जाना चाहिए कि आगे का मार्ग कठिनाईयों से भरा रहने वाला है। ऐसे में क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए? इसका समाधान आपको अपनी कुंडली से मिल सकता है। इसके साथ ही, व्यापार को बनाए रखने के लिए यदि उसमें भागीदारों को सम्मिलित किया जा रहा हो तो भी समझ लेना चाहिए कि यह खतरे की घंटी है और यदि आप इसे मर्ज की दवा समझ रहे हैं, तो आपको अभी से सचेत हो जाना चाहिए कि समस्याएं और गंभीर रूप ले सकती है। एक अन्य बात यह भी है कि जब ऐसा लगने लगे कि बिजनेस को आगे बढ़ाना है या उसकी वृद्धि करना है, तभी लाभ होगा क्योंकि जितना व्यापार है वह बिल्कुल भी लाभप्रद नहीं है तो ऐसा लगने या होने पर  भी, आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह आपके दिल की आवाज है या दिमाग का कोई खेल। ऐसी परिस्थितियों में आपकी कुंडली ही आपको बता सकती है कि आगे आपके जीवन की क्या नियति है। 

आपकी कुंडली आपके व्यापार को तो व्यवस्थित कर ही सकती है साथ ही, आपको उन अनजाने शत्रुओं से भी बचा सकती है जो आपके अथवा आपके बिजनेस के लिए हानिकारक हो सकते हैं। आप अपने लिए, स्वयं ही काफी प्रभावी होते हैं क्योंकि दिमाग तो एक तरफ हो जाता है लेकिन, दिल हर तरफ की बातें सोचना शुरु कर देता है। ऐसे में व्यक्ति, पहले आन, बान और शान बचाने का प्रयास करता है और फिर उस आन, बान और शान को झूठ के सांचे में डालकर पेश करने का प्रयास करता है। ऐसा वह काफी समय तक करता रहता है लेकिन, वह यह नहीं जानता कि यह एक आत्मघात है और इससे उसको इतना नुकसान होगा कि वह इससे कभी भी उबर नहीं पाएगा।

सुझाव

इस स्थिति में आपको हमारे द्वारा दिए गए विशेष सुझावों को समझना चाहिए। इसके लिए, आपको ऊपर बताए गए बातों की एक सूची बनाकर अपने कार्य करने के स्थान की दीवार पर टांगना चाहिए और देखना चाहिए कि ऐसी बातें आपके जीवन में तो नहीं घट रही हैं? यदि आपके जीवन में इनमें से कोई भी घटना घट रही है तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए और अतिशीघ्र ऐसा एक ज्योतिषी ढूंढना चाहिए जो आपकी कुंडली को पढ़कर बता पाए कि उसमें क्या-क्या परेशानियां आने वाली हैं तथा उनसे बचने के क्या उपाय हैं?

इस विषय पर चर्चा करने के साथ ही हमारे द्वारा इस विषय पर कई ब्लॉग भी लिखे गए हैं, जिसे आपको अवश्य ही पढ़ना चाहिए क्योंकि यह आपके लिए अत्यंत लाभकारी हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त, आप टाइम्स ऑफ इंडिया, हिंदुस्तान टाइम्स, अमर उजाला आदि विभिन्न न्यूज़ पेपर्स में हमारे अन्य संस्करणों को पढ़ने के लिए, हमारी वेबसाइट पर जा सकते हैं, क्योंकि उनमें भी, हमारे द्वारा ज्योतिष से संबंधित अत्यधिक रोचक बातें बताई गई हैं।