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ज्योतिष में वेसि योग/ Vesi Yoga in Astrology

वेसि राज योग/Vesi Raj Yoga तब बनता है जब राहु, केतु और चंद्रमा के अतिरिक्त कोई अन्य ग्रह, सूर्य से दूसरे भाव का प्रतिनिधित्व करता है। वेसी योग, व्यक्ति का दुनिया भर में प्रभाव स्थापित करना नियत करता है। जिन व्यक्तियों की कुंडली में यह राज योग होता है, वे स्वयं में ही ज्ञान का भंडार होते हैं। चलिए इसके निर्माण को और भी गंभीरता से समझते हैं। चन्द्रमा के अलावा, किन्हीं ग्रहों या ग्रह के सूर्य से दूसरे भाव में होने पर, वेसि योग बनता है।

परिणाम/ Results 

इस योग में जन्मे व्यक्तियों कि कुछ खास बातें होती हैं। जैसे - इस योग के अंतर्गत जन्मे व्यक्ति धार्मिक, संतुष्ट, लोकप्रिय और भाग्यशाली होते हैं।

टिप्पणियां/ Remarks 

यह दो प्रकार के योग में बंटा हुआ है। अशुभ ग्रहों से निर्मित योग बुरे परिणाम देता है वहीं, दूसरा सूर्य के चारों ओर शुभ ग्रहों से निर्मित यह योग, उत्तम परिणाम देता है। शुभ वेसि योग के अंतर्गत जन्मे व्यक्ति मधुर, भावनात्मक, धनवान, साहसी और अपने शत्रुओं पर विजय पाने वाले होते हैं। जबकि, अनिष्टकारक वेसि योग के अंतर्गत जन्मे व्यक्ति बुरी संगति वाले, दुर्भावनापूर्ण, धन-संपदा और सुखों से वंचित होते हैं। इसके अलावा, लाभ भी अलग-अलग प्रकार के होते हैं। जैसे- कर्क राशि में कम प्रभावशाली बृहस्पति, प्रशंसनीय रूप से अनुकूल नहीं होता तथा सूर्य से दूसरे भाव में अशुभ या खराब स्थिति में स्थित शुभ ग्रहों से, व्यक्ति की आंखों की रोशनी प्रभावित होती है।

आप ज्योतिष में विभिन्न प्रकार के योगों, विभिन्न कुंडली दोषों, सभी 12 ज्योतिष भावों, ग्रहों के गोचर और इसके प्रभावों के बारे में अधिक पढ़ सकते हैं।

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