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पांचवे भाव में बुध | Mercury in 5th House

बुध के लिए अति महत्वपूर्ण भावों में से एक पांचवां भाव माना जाता है जिसके बुध और बृहस्पति दो स्वामी माने जाते हैं। यह भाव ज्ञान, शिक्षा, योग्यता, प्रबंधन‌ का  प्रशिक्षण, गर्भावस्था, संतान, विशेषज्ञता और मानसिक कौशल का संचालन करने के साथ ही, सरल और सुरक्षित या कठिन और दर्दनाक प्रसव तथा तेरह वर्ष की आयु तक संतान के पालन-पोषण को भी सुनिश्चित करता है।

 

पांचवे भाव में बुध का प्रभाव/ Influence of mercury in the 5th house

बुध व्यक्ति की विद्वत्ता, ज्ञान, शिक्षा, दी गई शिक्षा को समझने, सीखने और ग्रहण करने की क्षमता, कल्पना शक्ति, प्रतिरूपों को पहचानकर संपर्क बनाने की क्षमता, सूचनाओं का स्मृति में संग्रह और पूर्वानुमानों और परिणामों की क्षमता को भी प्रभावित करता है। ऐसा माना जाता है कि अपने शुभ परिणामों के चलते, पांचवें भाव में बुध/Mercury in fifth house की स्थिति व्यक्ति के लिए अति उत्तम होती है। अतः, व्यक्ति की जन्मकुंडली में बुध की स्थिति के पांचवें भाव से उसके संबंधों पर, हमेशा ज्यादा ध्यान देते हुए विस्तारपूर्वक विचार करना बेहद जरूरी होता है तथा ऐसा करते समय व्यक्ति की सप्तमांश कुंडली को भी अवश्य ही, ध्यान में रखना नहीं भूलना चाहिए। 

 

व्यक्ति के ज्ञान और शिक्षा पर प्रभाव/ Impact on intelligence and learning capacity of the native

इस तथ्य के बावजूद कि स्मृति वो प्रमुख कारक है जो बृहस्पति द्वारा निर्धारित किया जाता है यह भी सच है कि बुध की मौजूदगी भी जानकारियों को संसाधित करने, समझने और बनाए रखने की क्षमता हमें अधिक ज्ञान प्रदान करती है। इसके साथ ही, बुध किसी मामले को मस्तिष्क द्वारा एक ही बार में, सरलता और शीघ्रतापूर्वक समझने और ग्रहण करने की शक्ति का निर्धारण करता है। अपने इस गुण के कारण बुध, लेखन संबंधी मामलों में लेखन, भाषण, साहित्य, पत्रकारिता के रिपोर्टिंग, संपादन, अनुवाद, वक्तृत्व कौशल जैसी विभिन्न श्रेणियां में अपनी भूमिका निभाता है। अकेले बुध की उपस्थिति, न केवल व्यक्तिगत बल्कि सार्वजनिक बोलचाल में भी पूर्ण रूप से प्रशंसनीय और सराहनीय वाक् कौशल प्रदान करती है। अनुभवों के आधार पर, यह कहा जा सकता है कि राशि (जो एक सूर्य राशि है) का विचार किए बिना ही पांचवे भाव में स्थित बुध, निश्चित रूप से व्यक्ति को अच्छी स्मरण शक्ति वाला बुद्धिमान व्यक्ति बनाता है।

 

आर्थिक स्थिति पर प्रभाव/ Influence on finance

मेष, मिथुन, सिंह, कन्या, तुला, धनु या मीन राशि में बुध की मौजूदगी धर्म, जाति, धर्म या पंथ जैसे अन्य कारकों से प्रभावित हुए बिना ही व्यक्ति को लेखक, कवि, पत्रकार, प्रोफेसर, उपदेशक या पुजारी बनने में सहायक होती है। यद्यपि, दृष्टि या युति जैसे मामलों में, बुध पर महत्वपूर्ण रूप से ध्यान देना आवश्यक नहीं होता है।

ग्यारहवें भाव पर, पांचवे भाव से बुध की सीधी दृष्टि  प्रत्यक्ष रूप से आय के निर्धारण को प्रभावित करने के बावजूद, ग्यारहवें भाव पर बुध का कोई प्रभाव नहीं होता। इसी कारण लेखक, कवि, प्राध्यापक, पुरोहित आदि उपरोक्त प्रोफेशनल्स आर्थिक रूप से वंचित और कमजोर देखे जाते हैं तथा अक्सर, अपने सहयोगियों या स्वयं के लिए चिकित्सा सहायता या विवाह के लिए दूसरों से आर्थिक मदद लेने के लिए बाध्य होते हैं।

 

आधुनिक समय होने के बावजूद, बुध के अपने भाव के आधार पर, व्यक्तियों पर इस प्रकार के प्रभाव कम हो गए हैं। प्रमुखत:, निकट अतीत में यह कहावत मानी जाती थी कि ~ "जहां धन है वहां अधिक शिक्षा नहीं, और जहां शिक्षा है वहां बहुत धन नहीं।" इस प्रकार, बुध पांचवें भाव में स्थित होने के कारण व्यक्ति की पूंजी, ज्ञान, शैक्षणिक और सह-पाठयक्रम संबंधी गुणों को प्रभावित करता है। इसलिए, कहा जाता है कि जन्मकुण्डली में बुध/Mercury in birth chart का स्थान अति महत्वपूर्ण होने के कारण, गहन चिंतन के साथ देखा जाना चाहिए।

आप हमारी वेबसाइट से सभी भावों में बुध के प्रभावग्रहों के गोचर और उसके प्रभावों के बारे में भी पढ़ सकते हैं।

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