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MANGAL VISHESH VIDHI

Mangal Vishesh Vidhi

Mangal Poojan Vidhi:

This vidhi will go on for 7 or can be ( in very specific cases) for 27 weeks also. The details of 7 weeks are given below. The same for 27 weeks is explained only on specific requests. Please carry out the same with full devotion.

First Tuesday:
First Tuesday's Yantra: Hanumatay Namah Yantram
First Tuesday's Ratna: 2 pravalak
Prasad: Mishri
Path: Hanuman Chalisa(day and evening)

Second Tuesday:
Second Tuesday's Yantra: Hanumatay Poojan Yantram
Second Tuesday's Ratna: 2 pravalak
Prasad: Besan ladoo
Mantra: OM HAM HUMANTAY NAMAH
Mala: Mangal Mala
No. of times: Two mala, 216 times

Third Tuesday:
Third Tuesday's Yantra: Bhaktambar Yantram
Third Tuesday's Ratna: 2 pravalak
Prasad: Boondi ladoo
Mantra: OM KRAM KRIM KROM SAH BHOMAYA NAMAH
Mala: Mangal Mala
No. of times: Two mala, 216 times

Fourth Tuesday:
Fourth Tuesday's Yantra: Navnath Yantram
Fourth Tuesday's Ratna: 2 pravalak
Prasad: Mishri
Path:Hanuman Chalisa(day and evening)

Fifth Tuesday:
Fifth Tuesday's Yantra: Chautrisiya Yantram
Fifth Tuesday's Ratna: 2 pravalak
Prasad: Besan ladoo
Mantra: OM HAM HUMANTAY NAMAH
Mala: Mangal Mala
No. of times: Two mala, 216 times

Sixth tuesday:
Sixth Tuesday's Yantra: Sampoorna Rishi Mandal Yantra
Sixth Tuesday's Ratna: 2 pravalak
Prasad: Besan ladoo
Mantra: OM KRAM KRIM KROM SAH BHOMAYA NAMAH
Mala: Mangal Mala
No. of times: Two mala, 216 times

Seventh Tuesday:
Seventh Tuesday's Yantra: Shri Marooti Yantra
Seventh Tuesday's Ratna: 2 pravalak
Prasad: White Barfi
Mantra: Gayatri Mantra
Mala: Rudraksha Mala
No. of times: Three mala, 324 times

After Seven weeks,all the Yantra is to remain in your temple and Pravalak to be floated in running water.

The things required in this vidhi.
1. Yantra -7 (1 Every week)
2. Pravlak-14 (2 Every week) 
3. Prasaad (as told)
4. Roli-moli
5. Raw rice
6. Flowers
7. Dhoop-agarbatti
 

EXPLAINED IN HINDI

सामान्यता यह विधि 7सप्ताह की होती है जिसका विवरण नीचे दिया गया है लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में ये27 सप्ताह की भी हो सकती है. 27सप्ताह की विधि का विवरण अवसर अनुसार दिया जा सकता है
 

मंगल पूजन विशेष विधि :
यह विधि सात सप्तहा चलेगी , इसे निम्न विधि से पूर्ण विश्वास के साथ करें| 

पहला मंगलवार :
विधि आरंभ करने का दिवस : पहला मंगलवार
पहले मंगलवार को यन्त्र की स्थापना :- हनुमते नमः यन्त्र 
पहले मंगलवार को रत्न स्थापना  :- दो प्रवलक
पहले सप्तहा प्रसाद : मिश्री 
पहले सप्तहा पाठ : हनुमान चालीसा , सुबह और शाम /

दूसरा मंगलवार :
विधि आरंभ करने का दिवस : दूसरा  मंगलवार 
दूसरे मंगलवार को यन्त्र की स्थापना :- हनुमत्यपूजन यन्त्रम 
दूसरे मंगलवार को रत्न स्थापना  :- दो प्रवलक
दूसरे सप्तहा प्रसाद : बेसन के लड्डू 
दूसरे सप्तहा का मंत्र  : ॐ हं हुमंतय नमः 
जपने की माला : मंगल माला 
जप की संख्या : दो मालायें ,216 बार 

तीसरा  मंगलवार :
विधि आरंभ करने का दिवस : तीसरा  मंगलवार 
तीसरे मंगलवार को यन्त्र की स्थापना :- भक्ताम्बर यन्त्रम 
तीसरे मंगलवार को रत्न स्थापना  :- दो प्रवलक
तीसरेसप्तहा प्रसाद : बूंदी  के लड्डू 
तीसरे सप्तहा का मंत्र  : ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः 
जपने की माला : मंगल माला 
जप की संख्या : दो मालायें ,216 बार 

चौथा मंगलवार :
विधि आरंभ करने का दिवस : चौथा  मंगलवार 
चौथे  मंगलवार को यन्त्र की स्थापना :- नवनाथ यन्त्रम 
चौथे  मंगलवार को रत्न स्थापना  :- दो प्रवलक
चौथे  सप्तहा प्रसाद : मिश्री 
चौथे  सप्तहा पाठ : हनुमान चालीसा , सुबह और शाम /

पांचवां  मंगलवार :
विधि आरंभ करने का दिवस : पांचवां  मंगलवार 
पांचवां  मंगलवार को यन्त्र की स्थापना :- चौत्रीसिया यन्त्रम 
पांचवां  मंगलवार को रत्न स्थापना  :- दो प्रवलक
पांचवां सप्तहा प्रसाद : बेसन के लड्डू 
पांचवां  सप्तहा का मंत्र  : ॐ हं हुमंतय नमः 
जपने की माला : मंगल माला 
जप की संख्या : दो मालायें , 216 बार 

छठा  मंगलवार :
विधि आरंभ करने का दिवस : छठा मंगलवार 
छठा मंगलवार को यन्त्र की स्थापना :- संपूर्ण ऋषि मंडल यन्त्र 
छठा मंगलवार को रत्न स्थापना  :- दो प्रवलक
छठा सप्तहा प्रसाद : बूंदी  के लड्डू 
छठा सप्तहा का मंत्र  : ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः 
जपने की माला : मंगल माला 
जप की संख्या : दो मालायें , 216 बार 

सातवां  मंगलवार :
विधि आरंभ करने का दिवस : सातवां मंगलवार 
सातवां मंगलवार को यन्त्र की स्थापना :- श्री मारुती यन्त्र 
सातवां मंगलवार को रत्न स्थापना  :- दो प्रवलक
सातवांसप्तहा प्रसाद : सफ़ेद बर्फी 
सातवां  सप्तहा का मंत्र  : गायत्री मंत्र 
जपने की माला : रुद्राक्ष माला 
जप की संख्या : तीन  मालायें , 324 बार 

सात सप्तहा के बाद, सभी यंत्रों को अपने मंदिर में ही रहने दें व , जितने भी प्रवलक हैं उन्हें बहते हुए पानी में प्रवाहित करें | 
विधि सम्पूर्णं 

इस उपाय में उपयोग होने वाली सामग्री |
1. यन्त्र -7 (1 प्रत्येक सप्ताह )
2. प्रवलक -14  (2 प्रत्येक सप्ताह )
3. प्रसाद (जो बताया गया)
4. रोली-मोली 
5. कच्चा चावल 
6. फूल 
7. धुप-अगरबत्ती