प्रशासनिक खामियाँ : पुराने कोच और तकनीकी जांच में ढिलाईभारतीय रेलवे के कई एसी कोच अपनी निर्धारित उम्र से अधिक समय तक चलाए जा रहे हैं।नियमित इलेक्ट्रिकल ऑडिट और वायरिंग चेक की कमीओवरहीटिंग और शॉर्ट सर्किट जैसी समस्याओं की अनदेखीयह आग संभवतः इलेक्ट्रिकल फॉल्ट से जुड़ी हो सकती है, जो समय रहते पकड़ी जा सकती थी। फायर डिटेक्शन सिस्टम का निष्क्रिय होना: यदि ट्रेन में:एडवांस स्मोक डिटेक्टरऑटोमैटिक फायर अलार्म सही ढंग से काम कर रहे होते, तो आग फैलने से पहले ही ट्रेन रोकी जा सकती थी।कई यात्रियों ने बताया कि आग तब तक फैल चुकी थी जब उन्हें खतरे का अंदेशा हुआ। आपातकालीन प्रशिक्षण की कमी: यात्रियों को यह स्पष्ट नहीं था कि आग लगने पर क्या करना हैकोच स्टाफ की प्रतिक्रिया भी प्रारंभिक क्षणों में असमंजस भरी रहीयदि नियमित मॉक ड्रिल और ऑनबोर्ड ट्रेनिंग होती, तो जान-माल का नुकसान कम हो सकता था। रात के समय यात्रा के जोखिम को नजरअंदाज करना: रात के समय:विजिबिलिटी कमयात्री गहरी नींद मेंरेस्पॉन्स टाइम धीमाइसके बावजूद रिस्क असेसमेंट प्रोटोकॉल का अभाव दिखा। ज्योतिषीय दृष्टि से हादसे का संकेत : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब अग्नि तत्व (Mars) और शनि (Saturn) एक साथ तनावपूर्ण स्थिति में होते हैं, तब:तकनीकी फेलियरआग, दुर्घटनाएँयात्रा में बाधा जैसी घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है।इस घटना के समय:शनि की स्थिति सिस्टम, प्रशासन और इंफ्रास्ट्रक्चर की कमजोरी को दर्शा रही थीमंगल की सक्रियता आग, विस्फोट और अचानक संकट का संकेत देती है ज्योतिष इसे “अलर्ट पीरियड” मानता है, जब अतिरिक्त सावधानी अनिवार्य होती है। डॉ. विनय बाजरंगी का ज्योतिषीय विश्लेषण: प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य डॉ. विनय बाजरंगी के अनुसार:जब शनि और मंगल जैसे ग्रह एक साथ तनावपूर्ण प्रभाव डालते हैं, तब यह केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि प्रशासनिक और संस्थागत विफलताओं को भी उजागर करता है। ऐसे समय में यदि सिस्टम पहले से कमजोर हो, तो दुर्घटनाएँ होना लगभग तय हो जाता है।डॉ. बाजरंगी मानते हैं कि:ज्योतिष भविष्यवाणी नहीं, बल्कि जोखिम संकेतक (Risk Indicator) हैयदि प्रशासन ग्रहों के संवेदनशील कालखंडों में अतिरिक्त सुरक्षा उपाय अपनाए, तो बड़े हादसे टाले जा सकते है ऐसे हादसों को कैसे टाला जा सकता है? : प्रशासनिक स्तर परहर 6 महीने में इलेक्ट्रिकल सेफ्टी ऑडिटपुराने कोचों का चरणबद्ध रिटायरमेंटसभी एसी कोच में ऑटो फायर सप्रेशन सिस्टम यात्री सुरक्षा के लिए: हर कोच में स्पष्ट आपातकालीन निर्देशडिजिटल स्क्रीन पर सेफ्टी गाइडरेलवे ऐप पर रियल-टाइम अलर्ट ज्योतिषीय सावधानी : बड़े यात्रा सीजन से पहले मुहूर्त और ग्रह स्थिति विश्लेषणसंवेदनशील ग्रह काल में:अतिरिक्त निरीक्षणलो-स्पीड जोनहाई-रिस्क रूट्स पर विशेष निगरानीयह वैज्ञानिक सुरक्षा उपायों का पूरक हो सकता है, विकल्प नहीं। निष्कर्ष : टाटा–एर्नाकुलम एक्सप्रेस की आग केवल एक हादसा नहीं, बल्कि प्रशासनिक चूक, तकनीकी लापरवाही और चेतावनी संकेतों की अनदेखी का परिणाम है।ज्योतिष इसे एक सांकेतिक चेतावनी के रूप में देखता है—कि जब समय प्रतिकूल हो, तब लापरवाही और भारी पड़ जाती है।यदि प्रशासनिक सतर्कता + आधुनिक तकनीक + ज्योतिषीय जोखिम संकेत को एक साथ अपनाया जाए, तो भविष्य में ऐसे दर्दनाक हादसों को काफी हद तक रोका जा सकता है।