6 में से 5 खाड़ी देशों द्वारा सर्वोच्च सम्मान: ज्योतिषीय दृष्टि से यह तथ्य अत्यंत महत्वपूर्ण है कि खाड़ी क्षेत्र के 6 प्रमुख देशों में से 5 देशों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने-अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मानों से अलंकृत किया। ये देश हैं:संयुक्त अरब अमीरात (UAE)सऊदी अरबबहरीनओमानकुवैत नरेंद्र मोदी की जन्म कुंडली: नेतृत्व और सम्मान के योग: नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को हुआ माना जाता है। डॉ. विनय बजरंगी की ज्योतिषीय पद्धति में कुंडली के दशम भाव (कर्म और प्रतिष्ठा), नवम भाव (भाग्य और अंतरराष्ट्रीय संपर्क) तथा सूर्य और गुरु को विशेष महत्व दिया जाता है। पीएम मोदी की कुंडली में सूर्य का प्रभाव अत्यंत सशक्त माना जाता है, जो उन्हें नेतृत्व, सत्ता और वैश्विक पहचान प्रदान करता है।सूर्य जब मजबूत स्थिति में होता है, तो व्यक्ति को राजसत्ता, सम्मान और विदेशी शासकों से मान्यता मिलती है। यही कारण है कि पीएम मोदी को केवल भारत में ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी असाधारण सम्मान प्राप्त हुआ है। गुरु ग्रह और अन्तर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा: डॉ. विनय बजरंगी के अनुसार, गुरु ग्रह किसी भी व्यक्ति के लिए ज्ञान, सलाह, कूटनीति और वैश्विक विश्वास का कारक होता है। पीएम मोदी की कुंडली में गुरु का प्रभाव उन्हें एक “मार्गदर्शक नेता” के रूप में स्थापित करता है। खाड़ी देशों जैसे इस्लामिक और राजशाही व्यवस्थाओं वाले राष्ट्रों द्वारा किसी भारतीय प्रधानमंत्री को सर्वोच्च सम्मान दिया जाना, गुरु के मजबूत और सकारात्मक गोचर का संकेत माना जा सकता है।गुरु का नवम और दशम भाव से संबंध, व्यक्ति को विदेशों में सम्मान, राजनयिक सफलता और सांस्कृतिक स्वीकार्यता प्रदान करता है। यही योग पीएम मोदी को अरब और खाड़ी देशों में एक विश्वसनीय और सम्मानित नेता के रूप में स्थापित करता है। शनि: धैर्य, स्थायित्व और दीर्घकालिक प्रभाव: डॉ. विनय बजरंगी की भविष्यवाणी शैली में शनि को सबसे निर्णायक ग्रहों में से एक माना जाता है। शनि त्वरित सफलता नहीं देता, लेकिन जो देता है वह स्थायी होता है। पीएम मोदी के राजनीतिक जीवन में शनि की भूमिका उनके लंबे संघर्ष, अनुशासन और निरंतर परिश्रम को दर्शाती है।शनि के अनुकूल प्रभाव से व्यक्ति को उन देशों से सम्मान मिलता है जो परंपरा, अनुशासन और स्थायित्व को महत्व देते हैं—और खाड़ी देश इसी श्रेणी में आते हैं। यह कहना अनुचित नहीं होगा कि शनि के कारण ही पीएम मोदी को बार-बार और निरंतर अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिल रही है। राजयोग और अंतरराष्ट्रीय सम्मान: पीएम मोदी की कुंडली में बनने वाले राजयोग—विशेषकर कर्म और भाग्य भाव से जुड़े योग—उन्हें केवल सत्ता तक ही सीमित नहीं रखते, बल्कि वैश्विक स्तर पर “सम्माननीय व्यक्तित्व” बनाते हैं। डॉ. विनय बजरंगी के अनुसार, जब राजयोग सक्रिय अवस्था में होते हैं और उन पर गुरु या सूर्य की दृष्टि होती है, तो व्यक्ति को विदेशी सरकारों और शासकों से विशेष सम्मान प्राप्त होता है।खाड़ी देशों द्वारा दिया गया सर्वोच्च सम्मान इसी राजयोग का प्रत्यक्ष परिणाम माना जा सकता है। वर्तमान ग्रह गोचर और सम्मान की श्रृंखला: ज्योतिष में गोचर का विशेष महत्व है। वर्तमान समय में पीएम मोदी की कुंडली पर चल रहे अनुकूल गोचर—विशेषकर गुरु और शनि के संतुलित प्रभाव—उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निरंतर सफलता और सम्मान दिला रहे हैं। डॉ. विनय बजरंगी की भविष्यवाणी पद्धति के अनुसार, यह समय भारत की वैश्विक छवि को सुदृढ़ करने वाला है, और इसके केंद्र में पीएम मोदी का व्यक्तित्व है। निष्कर्ष: पीएम नरेंद्र मोदी को 6 में से 5 खाड़ी देशों द्वारा सर्वोच्च सम्मान दिया जाना केवल राजनीतिक या कूटनीतिक सफलता नहीं है, बल्कि यह उनकी कुंडली में मौजूद शक्तिशाली ग्रह योगों का परिणाम भी माना जा सकता है। डॉ. विनय बजरंगी ज्योतिष की दृष्टि से सूर्य, गुरु और शनि का संतुलित और सक्रिय प्रभाव उन्हें एक ऐसे नेता के रूप में स्थापित करता है, जो सीमाओं से परे जाकर सम्मान अर्जित करता है।यह घटनाक्रम न केवल मोदी की व्यक्तिगत कुंडली की शक्ति को दर्शाता है, बल्कि यह भी संकेत देता है कि आने वाले समय में भारत की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा और अधिक मजबूत हो सकती है—जिसमें ज्योतिषीय संयोग और कर्म दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका है।