नेपाल और श्रीलंका: ज्योतिषीय समानताएँ: श्रीलंका संकट (2022) और नेपाल की वर्तमान स्थिति में कई ज्योतिषीय समानताएँ हैं:दोनों ही समय में शनि और राहु का अशुभ संयोग सक्रिय था, जो सत्ता और जनता के बीच संघर्ष को जन्म देता है।मंगल (हिंसा, क्रोध और आग का ग्रह) दोनों परिस्थितियों में जनता को आक्रामक और विस्फोटक बना रहा था।आर्थिक असुरक्षा और बेरोज़गारी ने जनता के ग़ुस्से को और बढ़ाया, जिसे ग्रहों ने आंदोलन में बदल दिया।नेपाल की स्वतंत्रता कुंडली (1951) में इस समय शनि का कुंभ गोचर और राहु का प्रभाव सत्ता-पलट योग बना रहे हैं। ठीक वैसे ही जैसे श्रीलंका में हुआ था। क्या नेपाल में सरकार गिरेगी?: ज्योतिषीय दृष्टि से नेपाल की वर्तमान सरकार बेहद नाज़ुक स्थिति में है।सितंबर से दिसंबर 2025 के बीच राजनीतिक अस्थिरता चरम पर जाएगी।शनि का कुंभ गोचर सत्ता की नींव को कमजोर कर रहा है।राहु सरकार के फैसलों पर अविश्वास और जनता में भ्रम पैदा कर रहा है।विपक्ष और युवा शक्ति इस समय ग्रहों की मदद से अधिक प्रभावी और आक्रामक बनेंगे।इसका साफ़ मतलब है कि सरकार गिरने की प्रबल संभावना है। चुनाव की घोषणा या अंतरिम सरकार का गठन भी हो सकता है। क्या सेना सत्ता संभालेगी?: नेपाल की कुंडली में मंगल और शनि का टकराव सेना की भूमिका को सामने ला रहा है।मंगल सेना और शक्ति का कारक है, और जब यह शनि के दबाव में आता है, तो राजनीतिक अस्थिरता में सेना को हस्तक्षेप करना पड़ता है।नेपाल के इतिहास में भी सेना सत्ता के निर्णायक मोड़ पर सामने आती रही है।आने वाले महीनों में यदि आंदोलन बेकाबू हुआ और सरकार गिर गई, तो सेना "स्थिरता बहाल करने" के नाम पर सत्ता संभाल सकती है या राजनीतिक समीकरणों पर सीधा दबाव डाल सकती है। ज्योतिषीय टाइमलाइन: नेपाल का भविष्य: सितंबर 2025 – युवाओं का आंदोलन और तेज़ होगा, सरकार के खिलाफ विरोध पूरे देश में फैल सकता है।अक्टूबर 2025 – शनि-राहु की ऊर्जा और प्रबल होगी। यह समय सरकार गिरने या बड़े राजनीतिक संकट का हो सकता है।नवंबर 2025 – सत्ता-पलट, आपातकालीन स्थिति या सेना का हस्तक्षेप संभव है।दिसंबर 2025 – नए समीकरण बनने लगेंगे, लेकिन स्थिरता नहीं आएगी। अंतरिम सरकार या सत्ता-शक्ति का नया स्वरूप सामने आ सकता है।जनवरी 2026 से आगे – नेपाल धीरे-धीरे नए राजनीतिक ढाँचे की ओर बढ़ेगा, लेकिन संघर्ष और अनिश्चितता 2026 के मध्य तक बनी रहेगी। निष्कर्ष: नेपाल की वर्तमान स्थिति केवल राजनीतिक असंतोष नहीं, बल्कि ग्रहों की शक्तिशाली चाल का परिणाम है।जैसे श्रीलंका में जनता का आक्रोश सत्ता को निगल गया, वैसे ही नेपाल भी उसी राह पर चलता दिख रहा है।सरकार गिरने की प्रबल संभावना है।सेना का हस्तक्षेप भी इन संकेतों में साफ़ नज़र आता है।ग्रहों का संदेश स्पष्ट है—नेपाल एक बड़े सत्ता-परिवर्तन की ओर बढ़ रहा है। सवाल यह नहीं है कि परिवर्तन होगा या नहीं, बल्कि यह है कि वह परिवर्तन जनता की ताक़त से होगा, सत्ता-पलट से होगा, या फिर सेना के हस्तक्षेप से।