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ज्योतिष में युग योग/ Yuga Yoga in Astrology

जन्म कुंडली में अलग अलग भावों में ग्रहों की मौजूदगी के कारण अनेक योगों का निर्माण होता है। लेकिन जब किन्ही दो भावों में सभी ग्रह एक साथ मौजूद हो तो ज्योतिष में युग योग/ Yuga Yoga in Astrology का निर्माण होता है। इस योग में जन्म लेने वाले व्यक्तियों को, माता-पिता के साथ रहने का सुख प्राप्त होता है। हालांकि, यह व्यक्ति अपने असामाजिक कार्यों के कारण, समाज द्वारा पसंद नहीं किए जाते तथा जीवन भर इनकी आर्थिक स्थिति निम्न बनी रहती है। यह योग उनके स्वास्थ्य पर भी काफी गूढ़ता से प्रभावित करती है। ऐसे व्यक्ति विकलांग, कठोर वाणी वाले, बेशर्म, कर्जदार और अल्पायु भी हो सकते हैं।

भावों में स्थित जिन ग्रहों से यह योग बनता है, उन्हीं ग्रहों के अनुसार व्यक्ति को परिणाम प्राप्त होते हैं। उदाहरण के लिए, इस योग के चौथे या दसवें भाव में बनने पर, व्यक्ति को मातृ सुख और शारीरिक सुख की प्राप्ति होती है। साथ ही, यह व्यक्ति को करियर संबंधी कार्यों में लगभग भूमि निर्माण जैसे कार्यों को वरीयता देते हैं।

इस अशुभ योग के नकारात्मक परिणामों को कम करने के लिए, व्यक्ति को हमेशा कुछ अच्छे और शुभ कार्य करने का प्रयास करना चाहिए तथा आध्यात्मिक कार्यों में भी सम्मिलित होना चाहिए।

परिणाम/ Results

युग योग में जन्मे व्यक्तियों को वसीयत की प्राप्ति होती है। भावों की गति के कारण, भाइयों के साथ सुखी और प्रसन्न रहते हैं। इसके साथ साथ अन्य परिणाम भी मिलते हैं जिनका पता ग्रहों की स्थिति को देखकर लगाया जा सकता है।

टिप्पणियाँ/ Comments

नभास योग के अंतर्गत भी एक अन्य युग योग होता है जो वर्तमान योग के संबंध में अनोखा होता है। मौलिक रूपरेखा होने के कारण, इस योग को और अधिक विस्तार देने की आवश्यकता नहीं है। 

आप ज्योतिष में विभिन्न प्रकार के योगों, विभिन्न कुंडली दोषों, सभी 12 ज्योतिष भावों, ग्रहों के गोचर और इसके प्रभावों के बारे में अधिक पढ़ सकते हैं।

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