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ज्योतिष में वसरपति योग/ Vasarpati Yoga in Astrology

चंद्रमा, बुध, बृहस्पति या शुक्र का सूर्य की युति में अनुकूल ग्रहों के साथ दिन के समय व्यक्ति का जन्म होना, वसरपति योग का कारण बनता है। इस योग में 4 शुभ ग्रह मौजूद होते हैं, तो इसके परिणाम भी उसी के अनुसार निर्धारित होते हैं। 

परिणाम/ Results

ऐसे व्यक्ति, सूर्य से संबंधित ग्रहों की राशियों द्वारा निर्धारित दुखों या उनसे संबंधित गुणों की वृद्धि का अनुभव करते हैं। 

टिप्पणियाँ/ Comments

लाभकारी चंद्रमा, बुध, बृहस्पति या शुक्र का अपने दिनों में सूर्य की युति में होने चाहिए तथा दूसरी स्थिति में व्यक्ति का जन्म, दिन के समय होना चाहिए।

वहीं, जन्मकुंडली में सूर्य के शुभ दिन के स्वामी के साथ होने पर, व्यक्ति को विभिन्न प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती हैं।

जहां, सूर्य और चंद्रमा एक साथ परिवार को प्रभावित करते हैं वहीं, सूर्य और बुध शैक्षिक उपलब्धियां तथा सूर्य और बृहस्पति चालाकी, प्रसिद्धि और उच्च स्थिति प्रदान करते हैं। साथ ही, सूर्य और शुक्र विपरीत लिंग द्वारा अपव्यय और संबंधों में सुख को दर्शाते हैं।

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