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ज्योतिष में श्रीकांत योग/ Srikantha Yoga in Astrology

लग्नेश, सूर्य और चंद्रमा के अपनी उच्च राशि या स्वराशि या मित्र राशियों के चतुर्थांश या तृतीयांश में होने के परिणामस्वरूप, श्रीकांत योग/Shikant yoga बनते हैं।

परिणाम/ Results 

श्रीकांत योग में जन्मे व्यक्ति रुद्राक्ष धारण करने वाले, ऋषियों के समान उज्जवल, निरंतर शिव का जाप करने वाले, कठोर, नैतिक मूल्यों वाले तथा शिव भक्त के रूप में माने जाते हैं। इसके अलावा, यह व्यक्ति साधुओं के प्रति परोपकारी होने के साथ ही, विभिन्न संगठनों और धर्मों पर कभी संदेह नहीं करते।

टिप्पणियां/ Remarks 

श्रीकांत/Shrikant, श्रीनाथ/Shirnath और विरंची/Viranchi, यह तीन योग हैं जिनका नाम तीन हिंदू देवी-देवताओं के स्वामी शिव, विष्णु और ब्रह्मा की त्रिमूर्ति के नाम पर रखा गया है, जो विनाश, सहयोग और निर्माण के कारक है। कुंडली के तीन मुख्य आधार लग्न, सूर्य और चंद्रमा है। जब प्रबलता के साथ मूल भावों में स्थित होते हैं तो व्यक्ति, उच्च अंतर्दृष्टि और स्थिति वाले बनते हैं।

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