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ज्योतिष में मूसल योग/ Musala Yoga in Astrology

मुसल योग तब बनता है जब सभी ग्रह स्थिर राशियों अर्थात वृष, सिंह, वृश्चिक और कुंभ राशि में मौजूद हों। इस योग वाले व्यक्ति अपने काम और लक्ष्य के प्रति समर्पित रहते हैं। यह लोग विश्वसनीय होते हैं और जीवन में अपने सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्ध होते हैं जो बदले में उन्हें प्रसिद्धि और उपलब्धियां प्रदान करते हैं। राहु दसवें भाव में तथा दशमेश अपनी उच्च राशि में शनि की युति में होने पर, मूसल नामक योग की स्थापना करता है।

सरल शब्दों में कहें तो सभी ग्रहों की मौजूदगी वृषभ, सिंह, वृश्चिक तथा कुम्भ राशि में होने से मूसल योग का निर्माण होता है।

परिणाम/ Results

मूसल योग के अंतर्गत जन्मे व्यक्ति, नवीनतम चीजों के जानकार होते हैं। इस योग वाले व्यक्ति, स्थिरता में विश्वास करने वाले तथा अटल इरादों वाले होते हैं। अपने नियमों पर दृढ रहने वाले ये विश्वसनीय व्यक्ति, अपने इन गुणों के कारण धनवान होते हैं और प्रसिद्धि भी प्राप्त करते हैं। उनके जीवन में अलग अलग प्रकार की खुशियां भी आती है।

टिप्पणियाँ/ Comments

दसवें भाव में स्थित राहु वकीलों, न्यायाधीशों और वार्ताकारों(negotiators) की कुंडली से संबंधित पाया गया है। शास्त्रों के अनुसार, जिस व्यक्ति की कुण्डली में यह योग होता है वह ज्ञानी, धनी, राजकीय मान्यता प्राप्त, प्रसिद्ध, संतान युक्त तथा शासकीय विभागों में कार्यरत  होता है। इस योग में जन्मे व्यक्ति परिवार और कुटुंब के लोगों को साथ लेकर चलने वाले होते हैं। ऐसे व्यक्ति, अपनी धन-संपत्ति का कभी घमंड नहीं करते इसलिए अपने प्रियजनों से सम्मान भी प्राप्त करते हैं।

आप ज्योतिष में विभिन्न प्रकार के योगों, विभिन्न कुंडली दोषों, सभी 12 ज्योतिष भावों, ग्रहों के गोचर और इसके प्रभावों के बारे में अधिक पढ़ सकते हैं।

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