मुख्य पृष्ठ ज्योतिष शास्त्र में योग/ ज्योतिष में अम्सावतार योग

ज्योतिष में अम्सावतार योग/ Amsavatara Yoga in Astrology

लग्न एक अनेक गुणों वाली राशि हो, जिसमें शुक्र और बृहस्पति के चतुर्थांश में उच्च का हो या शनि के चतुर्थांश में होने पर अम्सावतार योग/Anshavatar Yoga बनता है। चलिए जानते हैं इसके परिणाम और निष्कर्ष।

परिणाम/ Results

अम्सावतार योग के अंतर्गत जन्मे व्यक्ति, एक शासक के समान उत्तम पद और प्रतिष्ठा वाले, पवित्र देवालयों में जाने वाले, अर्थपूर्ण कलाओं में पारंगत, जलवायु और पर्यावरण के अनुकूल, उत्साही, वेदांत और पवित्र धार्मिक लेखों के जानकार होते हैं। ऐसे व्यक्तियों को कई मायनों में सफलता साफ साफ मिलती दिखती है।

टिप्पणियाँ/Comments

इस योग के अंतर्गत इस पृथ्वी पर जन्म लेने वाले व्यक्तियों को शांत और धर्मनिष्ठ होने के साथ ही कुशल, सक्रिय और नई जानकारियों को अपनाने और खोज करने में तत्पर भी माना जाता है जो सूचना और अनुभव के नए परिदृश्यों को प्राप्त करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। प्राकृतिक घटकों को प्रभावित करने वाले बृहस्पति और शुक्र जैसी उदित होती हुई राशियों और तत्त्ववेत्ता उच्च शनि के चतुर्थांश में, इन सभी गुणों की उत्पत्ति होती है।

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