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शॉपिंग मौल निर्माण हेतु सही वास्तु।

शॉपिंग मौल निर्माण हेतु सही वास्तु

मल्टीप्लेक्स और मॉल / वाणिज्यिक परिसर के लिए वास्तु सिद्धांत कारोबारियों को ज्यादा लाभ की ओर ले दा सकता है। वर्तमान समय में सभी चीजें एक ही छत के नीचे आ गई हैं जैसे – थियेटर, होटल, खाने खाना का स्थान, शॉपिंग और गेम ज़ोन जैसी सुविधाएं मॉल या कॉम्प्लेक्स में ही बन गई है। यहां पर कुछ जरूरी बातें है जो वास्तु के अनुसार मॉल या कॉम्प्लेक्स/ Multiplex & Mall/Commercial Complex as per Vaastu बनाने में सहायता कर सकता है। कॉम्प्लेक्स में बिल्डर वहां के हर एक हिस्से का पूर्ण तरीके से प्रयोग करने का प्रयास करते हैं, जिसके कारण बहुत सारी गलतियां हो जाती है। इसी कारणवश कॉम्प्लेक्स को वास्तु के अनुसार बनाना चाहिए जिससे निर्माता को अधिक से अधिक लाभ हो सके।

शॉपिंग मॉल और कमर्शियल कॉम्प्लेक्स के लिए वास्तु टिप्स/ Vastu tips for Shopping Malls & Commercial Complex

थिएटर में ढलान या सीट की व्यवस्था कुछ इस प्रकार होनी चाहिए कि प्रोजेक्टर उत्तर या पूर्व दिशा में लगाया जा सके। आदर्श रूप से, रेस्तरां भवन के दक्षिण-पश्चिम में स्थित होना चाहिए, और रसोईघर दक्षिण-पूर्व में स्थित होना चाहिए। एयर कंडीशनिंग (एसी) संयंत्र/ Air condition plant का निर्माण आदर्श रूप से दक्षिण-पूर्व में हो सकता है जिससे भविष्य में कोई समस्या नहीं आएगी। दक्षिण-पूर्व भाग में जनरेटर, ट्रांसफार्मर और अन्य विद्युत प्रतिष्ठान को लगाया जा सकता है।

उत्तर-पश्चिम में शौचालय को बनाया जा सकता है। पूरे स्थल के उत्तर-पूर्व, उत्तर या पूर्व में भूनिर्माण और फव्वारे या कृत्रिम जलप्रपात बनाए जा सकते हैं जिससे वहां की सौंदर्य निखर कर आ जाएगी। भवन के मध्य भाग (स्काईलाइट) के ऊपर से पर्याप्त रोशनी होनी चाहिए इसलिए सारे इंतजाम भी उसी प्रकार करने की आवश्यकता होती है।

शॉपिंग मॉल और कमर्शियल कॉम्प्लेक्स के लिए वास्तु टिप्स/ Vastu tips for Shopping Malls & Commercial Complex

थिएटर में ढलान या सीट की व्यवस्था कुछ इस प्रकार होनी चाहिए कि प्रोजेक्टर उत्तर या पूर्व दिशा में लगाया जा सके। आदर्श रूप से, रेस्तरां भवन के दक्षिण-पश्चिम में स्थित होना चाहिए, और रसोईघर दक्षिण-पूर्व में स्थित होना चाहिए। एयर कंडीशनिंग (एसी) संयंत्र/ Air condition plant का निर्माण आदर्श रूप से दक्षिण-पूर्व में हो सकता है जिससे भविष्य में कोई समस्या नहीं आएगी। दक्षिण-पूर्व भाग में जनरेटर, ट्रांसफार्मर और अन्य विद्युत प्रतिष्ठान को लगाया जा सकता है।

उत्तर-पश्चिम में शौचालय को बनाया जा सकता है। पूरे स्थल के उत्तर-पूर्व, उत्तर या पूर्व में भूनिर्माण और फव्वारे या कृत्रिम जलप्रपात बनाए जा सकते हैं जिससे वहां की सौंदर्य निखर कर आ जाएगी। भवन के मध्य भाग (स्काईलाइट) के ऊपर से पर्याप्त रोशनी होनी चाहिए इसलिए सारे इंतजाम भी उसी प्रकार करने की आवश्यकता होती है।

किसी विशिष्ट मार्गदर्शन के लिए आप नीचे दिए तरीकों का प्रयोग कर सकते हैं –

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आप यह भी पढ़ सकते हैं कि कैसे ज्योतिष दुकान/शोरूम के लिए वास्तु, कार्यालय के लिए वास्तु और भूखंडों के लिए वास्तु पर आपकी मदद कर सकता है।

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