
ज्योतिष में हमारी कुंडली का कितना महत्व है यह किसी से भी छुपा नहीं, हमारी जन्म कुंडली ही हमारे जीवन का आइना है जो इससे जुड़ी प्रत्येक छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी जानकारी देती है। पर क्या केवल जन्म कुंडली के अध्ययन मात्र से ही आप अपने जीवन के सही स्वरुप का पता लगा सकते हैं? तो एक स्पष्ट सा उत्तर है नहीं।
ज्योतिष में जन्म कुंडली एक मूलभूत पत्रिका है, पर सटीक भविष्यवाणियों और जीवन के अनसुलझे पहलुओं को समझने के लिए केवल आपकी जन्म कुंडली ही पर्याप्त नहीं। ऋषि पराशर ने अपने द्वारा लिखे ज्योतिष के महान ग्रन्थ, बृहत् पराशर होरा शास्त्र में, वर्ग कुंडलियों की बात की है। आकाशीय भचक्र को 30 बराबर अंशों में बांटने से एक राशि प्राप्त होती है और अगर अब इन राशियों को भी आगे विभिन्न अंशों में विभाजित कर दिया जाए तो यह एक वर्ग कहलाता है ।
यह वर्ग विभाजन के आधार पर कितने भी अंशों का हो सकता है जैसे नवांश कुंडली में यह लगभग 3 अंश का होता है। इन वर्गों का महत्त्व क्या है? ये वर्ग एक तरह से आपकी कुंडली के हर एक भाव का सूक्ष्म प्रारूप है। यह उस भाव से जुड़ी सटीक और विशेष जानकारी देता है जो एक जन्म कुंडली कभी-भी दे पाने में असमर्थ है। कोई अच्छा दिखने वाला भाव यदि वर्ग जन्म कुंडली में कमज़ोर हो जाये तो आप कितने भी प्रयत्न करें पर उस भाव से जुड़े अच्छे फल नहीं प्राप्त कर सकते। सभी ज्योतिष कहेंगें सब कुछ अच्छा है पर आपके जीवन में कुछ भी अच्छा नहीं हो रहा होगा, कारण- वर्ग कुंडली में भाव का कमज़ोर हो जाना।
ये तो हुई बात एक वर्ग कुंडली की अब सोचिये की यदि आपके जीवन से जुड़ी 16 वर्ग कुंडलियों की जांच की जाये तो क्या परिणाम होगा? किसी चमत्कार से कम नहीं होगा।
वैदिक ज्योतिष के पराशर और भृगु प्रणाली में षोडशवर्ग को बहुत अधिक महत्व दिया गया है। ऐसा माना गया है कि यदि कोई ज्योतिषी भविष्यवाणियां करने के लिए षोडशवर्ग का उपयोग करता है, तो वह जीवन की समस्याओं का सटीक कारण खोजने के साथ-साथ 100% सटीक भविष्यवाणियां कर सकता है। एक विद्वान ज्योतिषी को किसी भी ग्रह को नीचे दिए गए 16 वर्गों या षोडशवर्ग में जांचना होता है।
यदि ग्रह अपनी उच्च राशि, मित्र राशि, मूलत्रिकोण राशि या स्वराशि में हो तो उसे बहुत बलवान समझा जाता है। इस बल के आधार पर ही वह जीवन में अच्छे या बुरे फल देता है। गहन विश्लेषण के अभाव में, कोई भी ग्रह भ्रामक स्थिति दे सकता है। अब यह समझने वाली महत्वपूर्ण बात है, प्रत्येक ग्रह को यहाँ एक बार नहीं बल्कि 16 बार जांचां जा रहा है। तो अब कैसी नहीं मिलेगी सटीक जानकारी? बिलकुल 100% मिलेगी!
विभिन्न षोडशवर्ग चार्ट-
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जन्म कुंडली - शरीर
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होरा कुंडली - धन और भौतिक संचय
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द्रेक्काना कुंडली - भाई-बहनों के जीवन से जुड़े सुख और संघर्ष
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चतुर्थांश कुंडली - आपका भाग्य व सुख
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सप्तांश कुंडली - संतान और संतान से प्राप्त सुख
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नवमांश कुंडली - विवाह और जीवनसाथी। यह मूल रूप से जन्म कुंडली के बाद सबसे महत्वपूर्ण कुंडली है।
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दशमांश कुंडली - करियर और बिज़नेस
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द्वादशांश कुंडली - माता-पिता, उनका स्वास्थ्य व समर्थन
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षोडशांश कुंडली - वाहन और संपत्ति का सुख
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विशांश कुंडली - आध्यात्मिक प्रगति
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चतुर्विशांश कुंडली - शिक्षा, उच्च शिक्षा और इससे जुड़ी हर गतिविधि
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भामशा कुंडली - जातक की विशेषता व ताकत
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त्रिशंशा कुंडली - जातक का दुर्भाग्य
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खावेदमसा कुंडली - जीवन में शुभता
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अक्षवेदमसा कुंडली - जातक का सामान्य स्वास्थ्य
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षष्ठीयांश कुंडली - यह सबसे छोटे वर्ग और उपरोक्त सभी वर्ग कुंडलियों में ऋषियों द्वारा बताई गयी सर्वोत्तम कुंडली
षोडशवर्ग विश्लेषण जीवन से जुड़ी सबसे सटीक जानकारी देता है । षोडशवर्ग से जातक निम्न बिंदुओं को आसानी से जान सकता है -
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सभी ग्रहों और कारकों की वास्तविक भूमिका व उनकी कुंडली में उनकी उपयुक्तता
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जीवन के हर पहलू का सूक्ष्मता से निरीक्षण
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100 % सटीक भविष्यवाणी
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किसी भी समस्या की बिलकुल जड़ से पकड़
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आवशयकता अनुसार जन्म समय संशोधन
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पिछले जन्मों के संचित कर्म व उनका वर्तमान जीवन में प्रभाव
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किसी भी दुर्भाग्य का सही-सही आकलन
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जीवन में बार बार घटित होने वाली अवांछनीय घटना का सटीक निरूपण
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यदि जीवन में कोई कमी है तो क्यों है, का सही-सही उत्तर प्राप्त करना
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हर प्रकार की परेशनी का सूक्ष्म निरीक्षण से ढूँढा गया सबसे प्रभावी उपाय
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