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कुंडली के दसवें भाव में शुक्र/Venus in 10th House

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली के दसवें भाव में शुक्र/Venus in 10th House की उपस्थिति होने से व्यक्ति में बातचीत का एक अनूठा अंदाज पनपता है या आप कह सकते हैं कि वह संचार कौशल निपुण होते हैं।  ऐसे व्यक्ति कला, चित्रकला, संगीत, अभिनय, फोटोग्राफी, कविता आदि में अधिक रुचि रखते हैं और क्षेत्र में असीम उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं। इसके साथ शुक्र के प्रभाव के कारण ऐसे व्यक्ति विदेश निवासियों के साथ घनिष्ठ दोस्ती करने में माहिर होते हैं। ऐसे व्यक्ति को शॉपिंग करने और नई चीजों को खरीदने का काफी शौक रहता है। उन्हें ब्रांडेड और विदेशी सामान खरीदने के साथ ही उच्च गुणवत्ता वाले देशी सामान खरीदने के भी शौकीन होते हैं। ऐसे व्यक्ति को अच्छे संगीत और फिर चाहे वो किसी भी भाषा में हो सुनने पसंद होता है

 

कुंडली के दसवें भाव में शुक्र का आपके जीवन पर प्रभाव/ Effects of Venus in the 10th house on your Life

कुंडली के दसवें भाव में शुक्र की उपस्थिति/Venus in 10th House होने से व्यक्ति की त्वचा काफी चमकदार और संवेदनशील होती है। ऐसे व्यक्ति किसी से भी बातचीत करते समय या डांस करते वक़्त कुछ ख़ास अदाएं दिखाते हैं, जिससे लोग उनकी तरफ आकर्षित हो सकते हैं। इसके साथ ही ऐसे व्यक्ति खेल कूद में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं और इसी कारण कभी-कभी उन्हें चोट भी लग सकती है। इसके साथ ही आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, कुंडली के तीसरे, चौथे और ग्यारहवें भाव में शुक्र की उपस्थिति होने से व्यक्ति  शतरंज के खेल की तरफ ज्यादा हो सकता है। इसके साथ ही व्यक्ति सट्टेबाजी या जुए से पैसे कमाने की तरफ भी निकल सकता है। ऐसे व्यक्ति बारिश होगी या नहीं होगी, बरसात का मौसम कब आएगा आदि जैसे सिद्धांतों का परीक्षण करते हुए इन बातों पर सट्टेबाजी भी कर सकते हैं। इसके साथ ही शुक्र के प्रभाव के कारण ऐसे व्यक्ति का रूझान हॉर्सरेस या घुड़सवारी में सट्टेबाजी करने की तरफ भी हो सकता है, विशेष रूप से यह बातें तब ज़्यादा तब लागू होती है जब व्यक्ति किसी छोटे शहर या कस्बे का रहने वाला हो। ऐसे व्यक्ति विशेष रूप से प्रसिद्ध अभिनेता, अभिनेत्री, गायकों और संगीतकारों के बहुत बड़े प्रसंशक होते हैं और उन्हें जानने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं।

 

यदि किसी व्यक्ति की कुंडली के पंचम या सातवें भाव में शुक्र के साथ ही बुध की उपस्थिति हो तो ऐसे में व्यक्ति अपनी उपलब्धियों, खुद पर लगने वाले अंकुश और प्रेम जीवन में आने वाली मुसीबतों के बारे में खुलकर बातचीत करना ज्यादा पसंद करता है। इसके साथ ही ऐसे व्यक्ति ऊपर बताए गए रूचियों में से किसी एक का चुनाव कर उसे अपनी रोजी रोटी कमाने का जरिया भी बना सकता है। हालांकि यह काफी हास्यास्पद है कि, ऐसे व्यक्ति ज्यादातर अपने जीवनसाथी या परिवार के अन्य सदस्यों पर ही निर्भर रहते हैं। यह विशेष रूप से तब होता है जब शुक्र कुंडली के छठे या बारहवें भाव में अपनी खुद की राशि वृषभ या तुला में विराजमान हो और इस भाव में शुक्र के अलावा अन्य कोई ग्रह उपस्थित न हो। इसके साथ ही यदि शुक्र कुंडली के पहले, चौथे, पांचवें, दसवें या ग्यारहवें भाव में मौजूद है तो ऐसे में व्यक्ति किसी नई जगह या किसी एम्बेसी में कार्यरत होकर काम कर सकता है और अपनी जिंदगी की गाड़ी को ठीक तरह से चला सकता है। इस ज्योतिषीय स्थिति में व्यक्ति नई नौकरी के साथ ही किसी नए बिजनेस की शुरुआत भी कर सकता है।

 

व्यक्ति देश-विदेश में कैटरिंग, शिल्पकार, कलाकार या किसी अन्य जरुरत के कामों को सीखकर भी अपना गुजारा कर सकता है। इसके साथ ही साथ ही शुक्र के व्यापक प्रभाव से व्यक्ति डॉक्टर, दवा निर्माता, वैध या हकीम आदि भी बन सकता है। दूसरों का इलाज करने और उन्हें ठीक करने के रोजगार से जुड़ना ऐसे व्यक्ति के लिए काफी लाभकारी साबित हो सकता है। ऐसा माना गया है कि कुंडली के दसवें भाव में शुक्र की उपस्थिति/Venus in 10th House होने से व्यक्ति दवा, मेडिकल साइंस और डॉक्टरी के क्षेत्र में काफी अच्छा नाम कमा सकते हैं। इसके साथ ही दसवें भाव में शुक्र के होने से व्यक्ति किसी चीज के प्रतिनिधि या एक बड़े अधिकारी के तौर पर भी अपना करियर बना सकते हैं। वे यूनाइटेड नेशन या कॉमनवेल्थ सेक्रेटेरिएट के तौर भी एक अच्छा मुकाम पा सकते हैं। आपको बता दें कि, किसी भी व्यक्ति की कुंडली के दसवें भाव में शुक्र के साथ ही यदि गुरु या बृहस्पति चौथे या सातवें भाव में मौजूद हो तो ऐसे में उन्हें विश्व बैंक, इंटरनेशनल मॉनेटरी फण्ड, एशियाई डेवलपमेंट फण्ड आदि में एक अच्छी नौकरी मिल सकती है। इसके साथ ही एक पॉइंट यह भी स्पष्ट होना चाहिए कि, इस ज्योतिषीय स्थिति में व्यक्ति खुद को सफल बनाने के लिए किसी अन्य व्यक्ति से भी भरपूर सहायता प्राप्त कर सकता है।

 

अन्य पहलुओं की बात करें तो, यदि व्यक्ति की कुंडली के छठे भाव में कोई सौम्य ग्रह मौजूद हो और आठवें और बारहवें भाव में किसी कठोर ग्रह की उपस्थिति हो तो ऐसे में व्यक्ति को अपने प्रेमी या जीवनसाथी के साथ निकटता बढ़ाने से पहले यौन संक्रामक बीमारियों की तरफ सचेत हो जाना चाहिए क्योंकि ग्रहों की यह स्थिति इस प्रकार के रोग उत्पन्न कर सकती है। हालांकि यह उनलोगों पर ज्यादा लागू होता है जो दूसरे किसी लिंग को लुभाने में अपना ज्यादातर समय देते हैं। ऐसे में व्यक्ति को विदेश यात्रा के बहुत से मौके मिलते हैं। इसके साथ ही यदि कोई जल राशि जैसे कर्क, मीन या कुंभ के दसवें भाव में शुक्र की स्थिति हो तो इन राशियों के स्वामी ग्रह के साथ भी शुक्र का काफी अच्छा संबंध स्थापित होता है और एक केंद्र या त्रिकोण संबंध की भी स्थापना होती है। इसके विपरीत यदि शुक्र के दसवें भाव में होते हुए कोई कठोर या अशुभ ग्रह जैसे मंगल, शनि और राहु तीसरे, पांचवें, नौवें और ग्यारहवें भाव में गोचर करता है तो ऐसे में व्यक्ति तस्करी के काम के तरफ ज्यादा आकर्षित होता है और वह यह काम प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह से कर सकते हैं।

 

इसके साथ ही व्यक्ति उन चीजों का अभी आयात निर्यात कर सकता है जिन चीजों को रखने, निर्माण करने आदि पर सरकारी पाबंदी होती है। यदि व्यक्ति की कुंडली के दसवें भाव में शुक्र और बारहवें भाव में किसी कठोर ग्रह की स्थिति हो तो ऐसे में व्यक्ति के लिए कभी-कभी तस्करी से संबंधित अपराधों से बचकर निकल पाना काफी मुश्किल हो जाता है। सितारों की यह स्थिति कई बार व्यक्ति को मांस के व्यापार, वेश्यावृति के लिए लड़के और लड़कियों की खरीद फरोख्त जैसे अवैध कामों की तरफ भी धकेल सकता है। ऐसे में यदि व्यक्ति की कुंडली के छठ, आठवें और बारहवें भाव में बृहस्पति की स्थिति हो तो ऐसे में व्यक्ति इन अवैध कामों में लिप्त होने के लिए कानूनी दांव-पेंच में भी फंस सकता है।

 

इसके साथ ही ऐसे में यदि व्यक्ति की कुंडली के दसवें भाव में शुक्र/Venus in 10th House मौजूद हो तो वो ऐसे काम करने से कभी भी पीछे नहीं हटते हैं। व्यक्ति अपने कार्यक्षेत्र में असीम संभावनाएं पाने के लिए अपनी माँ, सौतेली माँ, या माँ का स्थान रखने वाली महिला या उनके रिश्ते का उपयोग कर सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली के दसवें भाव के बारे में एक ध्यान देने योग्य बात यह कही गयी है कि, जन्म कुंडली के इस भाव में किसी भी ग्रह, सितारे की उपस्थिति और ग्रहों की महादशा या अंतर्दशा का ख़ास प्रभाव पड़ता है। कुंडली के दसवें भाव में इन तत्वों को काफी करीब से परखा जाना चाहिए क्योंकि यह व्यक्ति के आय को खासतौर से प्रभावित करता है। इसके साथ ही ये जीवन में घटित होने वाली महत्वपूर्ण घटनाओं के लिए भी व्यापक रूप से जिम्मेवार माना जाता है। 

आप हमारी वेबसाइट से सभी भावों में शुक्र के प्रभावग्रहों के गोचर के बारे में भी पढ़ सकते हैं। साथ ही जन्मकुंडली, लव या अरेंज मैरिज में चुनावव्यवसायिक नामों के सुझावस्वास्थ्य ज्योतिषनौकरी या व्यवसाय के चुनाव के बारे में भी पढ़ सकते हैं।

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