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शुक्र का धनु राशि में होना | Venus in Sagittarius Sign

शुक्र का धनु राशि में होना मिलाजुला सा हो सकता है। साधन संपन्न, सामाजिक प्रतिष्ठा, अच्छी महंगी वस्तुओं को देने वाला होता है। जातक साहसी, उदार, कर्मठ होता है। दोनों शुभ गुणों के कारण रोमांच और उत्सुकता भी देते हैं। लेकिन इन सबके बावजूद कई जगह पर यह कमी भी दिखाता है, क्योंकि ज्योतिष शास्त्र में धनु राशि का स्वामी गुरु होता है जो शुक्र के साथ मैत्री संबंधों का अभाव दर्शाता है। शुक्र ग्रह और गुरु ग्रह का एक दूसरे के साथ विरोधाभास भी देखने को मिलता है। शुक्र दैत्यों के गुरु हैं तो बृहस्पति देवताओं के गुरु, दोनों को ही गुरु की उपाधि प्राप्त है तो ऎसे में कई चीजों में अलगाव की स्थिति अवश्य दिखाई दे सकती है। जब भी ग्रह अपने शत्रु स्थान पर होता है तो अपने अनुसार अपने कुछ गुणों को पूर्ण रुप से नहीं दिखा पाता है।

 

धनु राशि एक अग्नि तत्व राशि है लेकिन एक शिकारी की भांति है, तो शुक्र यहां व्यक्ति को काफी परफेक्ट बनाता है। चीजों को करने में जो लक्ष्य साधना चाहिए होगी वह यहां पर दिखाई दे सकती है। अपनी नीतियों में निर्णयों में काफी कुशल हो सकता है। इसी कारण से शुक्र धनु राशि में होने पर काफी अलग दिखाई देता है। ज्योतिष शास्त्र में दोनों ही शुभ ग्रह हैं इसलिए सकारात्मक भी होंगे। दोनों ग्रह ज्ञान के भंडार हैं और धनु राशि भी सजग चतुर एक शुभ आध्यात्मिक राशियों में स्थान पाती है, इसलिए शुक्र यहां व्यक्ति को प्रखर भी बनाता है बौद्धिक गुण भी प्रदान करता है। जानकारियों एवं कार्य के प्रति व्यक्ति योग्य बनता है। 

 

व्यक्तित्व एवं स्वभाव की छाप दूसरों पर डालती है असर 

शुक्र का धनु राशि/Venus in Sagittarius में होना एक अच्छी स्थिति को आर्थिक स्थिति के रुप में दिखाने वाला हो सकता है। इन दोनों का योग धन प्राप्ति के लिए अनुकूल साबित हो सकता है। जीवन में पैसों की कमी को दूर कर पाने में भी व्यक्ति सफल होते हैं। व्यक्ति के भीतर मौजूद जोश उत्साह एवं काम को करने की लगन का गुण इन्हें आजीविका के कई स्त्रोत प्रदान करता है। धनु राशि में शुक्र का होना व्यक्ति को कर्तव्यपरायण भी बना सकता है। दूसरों के लिए व्यक्ति सहयोगी भी बनता है। सामाजिक कार्यों को करने में आगे रहता है। समाज एवं लोगों के लिए कुछ करने की इच्छा भी व्यक्ति के भीतर होती है। अपने परिवार के लिए भी काफी केयरिंग नेचर रखता है। घर की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए संघर्षशील होता है। परंपराओं एवं मूल्यों के प्रति भी व्यक्ति काफी सजग होता है। 

 

दोस्तों के साथ मस्ती और सहयोग की भावना इनमें हमेशा रहती है। जिनके साथ करीब होता है उनके साथ रहने में सहज महसूस करता है। वैसे जातक के स्वभाव में क्रोध एवं अधिकार जताने की इच्छा भी देखने को मिलती है क्योंकि धनु राशि में अधिकार, स्वतंत्रता नेतृत्व करने की इच्छा होती है और ऐसे में शुक्र यहां आकर इन चीजों को करने के अधिक उत्साहित भी रखता पर अब इसमें कोमल एवं चातुर्य का गुण भी आता है। व्यक्ति मिलनसार होता है, सामाजिक रुप से व्यस्त भी रहता है। भाग्य इनको साथ अवश्य प्रदान करता है। यह अपनी मेहनत द्वारा अपने भाग्य का निर्माण करने में भी सफल होते हैं। 

 

गर्व एवं सुख संपन्नता प्राप्ति भी इनके मन में होती है। जहां शुक्र इन्हें साज-सज्जा का देक देता है वहीं धनु राशि इनके व्यक्तित्व को निखारती है। आकर्षक व्यक्तित्व प्राप्त होता है भीड़ में अलग पहचान पाने में सफल होते हैं। व्यक्ति ईमानदार होने के साथ साथ विचारों में भी संकीर्णता से अलग हटकर काम करने वाला होता है। इसके साथ ही परंपराओं का भी ख्याल रखना अच्छे से जानता है। अपनी बात कहने से हिचकिचाते नही हैं और निडरता पूर्वक आगे बढ़ना इन्हें आता है। जो धनु की अग्नि है शुक्र के कारण परिस्थितियों को संभालने का एक विनम्र तरीका भी देती है। 

 

करियर और व्यवसाय में ख्याति पाने में होते हैं सफल 

शुक्र के धनु राशि में होने पर काम के प्रति लगन जागृत होती है। अपने कामकाज को लेकर काफी प्रतिबद्ध होकर करना पसंद करते हैं। जातक के भीतर कई सारी योग्यताएं भी होती हैं वह अपने काम में उच्च स्तरीय काम करने की प्रतिभा दिखाता है। काम में सम्मानित और प्रतिष्ठा को पाने में सफल होगा। शुक्र और धनु का मेल आध्यात्मिक दृष्टिकोण को दिखाता है ऎसे में व्यक्ति इस कार्य में भी काफी आगे बढ़ सकता है। धार्मिक कार्य एवं संस्थानों से जुड़कर भी लाभ प्राप्त कर पाने में सफल होता है। काम के प्रति लापरवाही इनमें नहीं होती है। समझदारी पूर्वक लिए गए फैसलों से यह अपने भविष्य को विकास के मार्ग पर ले जाने में काफी हद तक सफलता प्राप्त कर सकते हैं

 

सरकारी एवं गैर सरकारी दोनों ही स्थानों पर वह समान रुप से अवसरों को प्राप्त कर पाने में भी सफल होता है। राजकीय पदों की प्राप्ति हो सकती है, सत्ता के क्षेत्र में स्थान प्राप्त कर सकते हैं। नेतृत्व करने का गुण बेहतरीन होता है। काम के स्थान पर अपनी टीम के लीडर बन सकते हैं, मैनेजमेंट से संबंधित कार्य, स्टॉक ट्रेडिंग, दार्शनिक, किसी कार्य में विशेषज्ञ की भूमिका निभा सकते हैं। विदेश स्थान पर उपलब्धियों को प्राप्त कर सकता है। काम में अच्छी पहचान बनाते हैं तथा समाज में इनका रुतबा भी इनके काम से स्थापित होता है। 

 

प्रेम एवं विवाह संबंध में होते हैं सफल  

प्रेम संबंधों और विवाह को लेकर व्यक्ति ईमानदार होता है। रिश्तों के बारे में सकारात्मक एवं खुले विचारों वाले होते हैं। अपने मनोभावों को साथी के साथ शेयर करना पसंद करते हैं। इनके भीतर अपने रिश्तों में अधिकार जताने की इच्छा भी अधिक देखने को मिल सकती है। मुक्त भावना के साथ आगे बढ़ते हैं। ज्यादा भ्रम या दुविधा से बचते हुए चीजों को स्पष्ट रुप से करना अधिक पसंद करते हैं वैवाहिक संबंधों में साथी के प्रति एकाधिपत्य की कोशिश भी रहती है।

 

परिवार में दायित्वों के प्रति भी इनका अच्छा रुझान होता है। अपने साथी के साथ मिलकर यात्राएं करना लोगों के साथ मेलजोल नई चीजों को जानना इनके भीतर होता है। शुक्र का जो रोमांस, भावना, प्रेम होगा वह गुरु के स्वामित्व की धनु राशि में अलग स्तर का दिखाई दे सकता है। इसका अर्थ ये नहीं है कि जातक के भीतर प्रेम का गुण नहीं हो अपितु उसके प्रेम में अब जिम्मेदारियों एवं गंभीरता का पुट भी दिखाई देगा। वह उस तरह से कोमल और सौम्य नहीं हो पाएगा जितना वह हो सकता है।

आप हमारी वेबसाइट से सभी भावों में शुक्र के प्रभावग्रहों के गोचर के बारे में भी पढ़ सकते हैं।

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