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कुंडली के नवम भाव में शुक्र/Venus in 9th House

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली के नवम भाव में शुक्र/Venus in 9th House की उपस्थिति होने से यह व्यक्ति के जीवन में उन्हें अपने करीबी रिश्तों के प्रति काफी भावुक बना देता है। ऐसे में व्यक्ति अपने भाई, भाभी और जीवनसाथी के प्रति काफी भावुक हो सकता है। हालांकि ऐसी स्थिति तभी उत्पन्न होती है जब व्यक्ति के सितारे ऐसे बनते हैं और उन्हें हद से ज्यादा भावुकता का एहसास होता है। इसके साथ ही आपको बता दें कि ऐसी प्रतिकारात्मक स्थिति तभी उत्पन्न होती है, जब प्रतिरोध के अलावा और किसी तरह की प्रतिक्रिया न हो। ऐसे में दोनों के बीच कुछ महीनों या सालों तक काफी निकटता के संबंध बने रह सकते हैं। दूसरी तरफ व्यक्ति यदि किसी के प्रति भी हद से ज्यादा भावुक होता है तो कुछ समय के बाद अपने इस दृष्टिकोण से उन्हें चिढ या झुंझलाहट भी होने लगती है। बाद में इससे निजात पाने के लिए उन्हें दूसरों की मदद भी ले पड़ सकती है और कुछ समय के बाद उन्हें दूसरों की मदद से इससे निजात भी मिल जाता है। 

 

कुंडली के नवम भाव में शुक्र की उपस्थिति से जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली के नवम भाव में शुक्र की उपस्थिति होने से यह व्यक्ति में अंधविश्वास और झुकाव की भावना को बल देता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति सर्वशक्तिमान ईश्वर, देवी-देवताओं और यहाँ तक की आत्माओं के आगे भी खुद को झुकने से नहीं रोक पाते हैं। कुल मिलाकर देखा जाए तो शुक्र यदि अपनी राशि या मीन राशि में हो तो ऐसे में व्यक्ति का समर्पण माता लक्ष्मी, पार्वती, दुर्गा और सरस्वती की तरफ ज्यादा रहता है। कुंडली के नवम भाव में शुक्र की उपस्थिति/Venus in 9th House होने से व्यक्ति खुद को अच्छे कामों से जोड़कर रख सकता है। वह सामाजिक कल्याण के कामों में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले सकता है या किसी एनजीओ से जुड़कर सामजिक कल्याण का काम कर सकता है। वह हमेशा अपने काम के प्रति ईमानदार रहने का पूरा प्रयास करते हैं और दूसरों से भी ईमानदारी की ही उम्मीद रखते हैं। ऐसे में वह प्रशासन के कामों की भी सराहना करने से पीछे नहीं हटते।

 

शुक्र के इस प्रभाव के कारण व्यक्ति किसी भी मामले में संगठन के दूसरे कार्यकर्ताओं की भ्र्म उत्पन्न करने वाली प्रकति या उनके नैतिक गुणवत्ता के साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ नहीं करते हैं और न ही उन्हें उसे दुनिया के सामने उजागर करने का प्रयास करते हैं। ऐसे में व्यक्ति अपने करीबी रिश्तेदारों जैसे कि भाई-बहन, चचेरे भाइयों, चाचा-चाची और दोस्तों के प्रति अपनी सहानुभूति जाहिर करने का पूरा प्रयास करते हैं। इसके साथ ही वे अपने जीवनसाथी को भी शारीरिक और मौद्रिक हर प्रकार के सुख और एक अच्छी जीवन शैली देने का भरपूर प्रयास करते हैं। हालांकि ऐसी मानसिकता के विकसित होने का स्पष्ट तौर पर कोई भावनात्मक संबंध नहीं है जैसा कि पहले पैराग्राफ में दर्शाया गया है। 

 

इसके ठीक विपरीत जहाँ तक सार्वजनिक सहायता का सवाल है तो व्यक्ति की कुंडली के नवम भाव में शुक्र की उपस्थिति होने के बावजूद भी वे इस चीज का प्रयास नहीं करते हैं जिससे उनकी भावुकता में किसी प्रकार की कमी आ सके। ऐसे व्यक्तियों को किसी भी तरह का निजी फैसला लेने में अपने करीबी महिलाओं की काफी मदद मिल सकती है। व्यक्ति के जीवन से जुड़ी ये महिलाएं किसी भी सूरत में उन्हें सौंपें गए सरकारी कामों के लिए रिटर्न की उम्मीद नहीं करती हैं। दूसरी तरफ देखा जाए तो अगर कुंडली के नवम भाव में शुक्र/Venus in 9th House के साथ ही शनि या मंगल की उपस्थिति हो तो ऐसे में व्यक्ति को पारिवारिक या पैतृक संपत्ति और संसाधनों में पूरा हिस्सा मिल सकता है या उससे भरपूर लाभ मिल सकता है। ऐसे व्यक्ति को शुक्र के सकारात्मक प्रभाव से गहने, महंगी वस्तुएं, खजाना या अन्य किसी प्रकार के महंगे रत्न मिलने की उम्मीद काफी ज्यादा होती है। हालांकि ऐसी चीजों को पाने के लिए वे अन्य संसाधनों का समर्पण करने से भी पीछे नहीं हटते। व्यक्ति किसी भी सूरत में अपने इन संसाधाओं को पूरा छोड़ने के लिए तैयार नहीं होता है। 

 

ऐसे व्यक्ति किसी भी तरह के व्यवसाय को आर्थिक लाभ का एक जरिया बनाने से कभी पीछे नहीं हटते हैं। वह किसी न किसी रूप में अपने व्यावसायिक कामों को लाभकारी बनाने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। चांदी की वस्तुएं, कॉटन, कॉटन सीड, रेशम के पौधे से बनाए जाने वाले वाली चीजों के बिजनेस में अपनी किस्मत आजमा सकते हैं। इस तरह के बिजनेस में व्यक्ति अपनी किस्मत आजमाने का भरपूर प्रयास कर सकता है और इससे अच्छा ख़ासा मुनाफ़ा भी कमा सकता है। इसके साथ ही व्यक्ति कोल्डड्रिंक्स, ब्रेकफास्ट की चीजें, शराब, इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों, चीनी, गेहूं, मक्खन, घी, मसाले, ब्यूटी प्रोडक्ट्स, कपड़े, फूल, इत्र आदि के बिजनेस से जुड़कर भी अच्छा नाम और पैसे कमा सकता है। सबसे अच्छी बात यह है कि, इन चीजों के आयात पर व्यक्ति को किसी भी तरह का टैक्स भी नहीं देना पड़ता है। ऐसे व्यक्ति को किसी भी बाहरी इंसान के साथ काम करने में कोई आपत्ति नहीं होती है। हालांकि यदि शुक्र उनकी कुंडली के पहले या सातवें घर का स्वामी बन जाए तो ऐसे में व्यक्ति किसी दूसरे लिंग के व्यक्ति के साथ एक सुखी जीवन की जगह पर उन्हें असाधारण रूप से परेशान करने से भी बाज नहीं आता है। 

 

ऐसी कुंडलियों की जांच पड़ताल करते समय यह विशेष रूप से सलाह दी जाती है कि, ज्योतिषाचार्यों को कुछ ऊपरी तथ्य बताने के अलावा कुंडली की गहराई और शुक्र के प्रभावों का जिक्र उस व्यक्ति से नहीं करनी चाहिए। इसके अलावा कुंडली के नवम भाव में शुक्र/Venus in 9th House के अन्य प्रभावों की बात करें तो यह व्यक्ति को अपने देश के साथ ही कुछ अन्य अपरिचित देशों की यात्रा का सुख भी देती है। यदि किसी कारणवश व्यक्ति कुछ नहीं कर रहा है तो वे ट्रैवेल से जुड़े कामों में अच्छी कमाई कर सकता है। वह समुद्र, महासागर, तटीय इलाकों की यात्राएं ज्यादा कर सकते हैं। कुंडली का नवम भाव सीधे तौर पर व्यक्ति के जीवन में प्रशंसा और बदनामी दोनों का कारण बन सकता है। यदि व्यक्ति की कुंडली में शुक्र नवम भाव में अपनी राशि या बुध ग्रह के स्वामित्व वाले किसी राशि में है तो ऐसे में यह व्यक्ति को जीवन में अथाह लोकप्रियता हासिल करने में मददगार साबित हो सकता है। दूसरी तरफ यदि शुक्र के साथ ही नवम भाव में मंगल या शनि की उपस्थिति हो तो ऐसे में व्यक्ति को निराशाओं का सामना करना पड़ सकता है। उन्हें सामाजिक बहिष्कार किसी तरह के प्रदर्शन और यहाँ तक की बिजनेस में भी नुकसान उठाना पड़ सकता है। यदि शुक्र मीन राशि के नवम भाव में मौजूद हो तो ऐसे में व्यक्ति की प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है। इसके विपरीत यदि धनु राशि वालों के नवम भाव में शुक्र की उपस्थिति हो तो ऐसे में व्यक्ति को जीवन में प्रशंसा और आलोचनाओं का भी काफी हद तक सामना करना पड़ सकता है। 

आप हमारी वेबसाइट से सभी भावों में शुक्र के प्रभावग्रहों के गोचर के बारे में भी पढ़ सकते हैं। साथ ही जन्मकुंडली, लव या अरेंज मैरिज में चुनाव, व्यवसायिक नामों के सुझावस्वास्थ्य ज्योतिषनौकरी या व्यवसाय के चुनाव के बारे में भी पढ़ सकते हैं।

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