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शुक्र का कुंभ राशि में होना | Venus in Aquarius sign

शुक्र का कुंभ राशि में होना भव्यता, साधन-संपन्नता, न्यायप्रिय व्यक्तित्व, अच्छी जीवनशैली, आध्यात्मिक गुण, आकर्षक और सुरुचिपूर्ण कार्यों को करने का असर देता है। शुक्र और कुंभ का मेल व्यक्ति को काफी प्रभावशाली बनाता है। व्यक्ति बौद्धिक, मजाकिया, मानवतावादी, रचनात्मक, आविष्कारशील, उदार, सहिष्णु, मिलनसार हो सकता है। शुक्र भावनाओं और प्रेम को दर्शाता है और कुंभ राशि वायु तत्व से जुड़ती है और शुक्र के साथ मिलकर भावनाओं को उड़ान मिलती है। शुक्र का कुंभ में होना व्यक्ति को काफी महत्वपूर्ण बनाता है। यहां काफी चीजें उत्साहित करने वाली हैं। व्यक्ति अपने और आस पास के माहौल को भी जीवंत कर देने में सक्षम होता है। कुंभ में स्वच्छंद एवं स्वतंत्रता की जो प्रवृत्ति है वह शुक्र के साथ जुड़कर काफी विस्तार को पाती है। शुक्र एवं कुंभ का योग आकर्षण को बढ़ाने में सक्षम होता है। 

 

कुंभ राशि के स्वामी शनि के साथ शुक्र का मैत्रीपूर्ण संबंध होता है, और शुक्र के लिए यह राशि स्थान शुभ भी मानी जाती है।  कुंभ राशि में शुक्र को मार्गदर्शन भी अच्छा मिल सकता है। शुक्र का असर कुंभ के साथ रचनात्मकता को अच्छे से प्रस्तुत करने में सक्षम बना सकता है। अपने जीवन को बेहतर तरीके से जीने की चाह होती है। शुक्र ग्रह का कुंभ में होना साधन संपन्नता, उत्साह, विलासिता से पूर्ण जीवन, उत्सुकता, आजादी, रोमांस और रिश्तों में मजबूती देने की स्थिति को दर्शाता है। शनि और शुक्र दोनों एक दूसरे के लिए काफी सहायक होते हैं। इन दोनों के साथ जुड़ने पर व्यक्ति को सफलता और आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है। 

 

कुंभ राशि में शुक्र चीजों को बारीकी से भी देख पाने में सक्षम होता है। कुंभ में जो गहनता होती है वह शुक्र के साथ मिलकर काफी चीजों को समझने की जिज्ञासा देती है। शुक्र का कुंभ में होना गलतियों को सुधारने और उनसे चीजें सीखने में सहायक बनता है। शुक्र के कुंभ में होने के कारण व्यक्ति में रोमांस, प्रेम, अनुसंधान की क्षमता है। यह योग अवसर खोजने वाला और जीवन में चुनौतियों का सामना करना भी सिखाता है। इस स्थिति का प्रभाव व्यक्ति को परिवार, समाज और मित्र के प्रति बहुत सहायक और उदार भी बनाता है 

 

स्वभाव और व्यक्तित्व से होते हैं मिलनसार आशावादी 

शुक्र के कुंभ में होने से व्यक्ति काफी मस्तमौला, स्वतंत्र, जोश से भरपूर होता है। व्यक्ति के व्यक्तित्व में अलग छाप दिखाई देती है। वह भीड़ में भी अलग दिखते हैं, उसका बाहरी व्यक्तित्व किसी को भी उसकी ओर खींच सकता है। कुंभ राशि में शुक्र का प्रभाव व्यक्ति को भविष्य के लिए उन्मुख बनाता है। व्यक्ति आगे की चीजों के बारे में सोचता है। संभावनाओं की तलाश बनी रही है क्या हो सकता है या क्या नहीं इन बातों पर विचार बने रहते हैं। कार्य हों या संबंध नैतिकता का ख्याल रखता है। गलत चीजों से दूर रहते हुए बेहतर तरीके से जीने की प्रेरणा देता है। कुंभ राशि में शुक्र कुछ लापरवाही भी दे सकता है। कर्तव्य या दायित्व का बोध होता है किंतु उसे निभाने में कई बार ढीले भी हो सकते हैं क्योंकि कुछ नया करने की इच्छा बहुत अधिक रहती है तो कई बार चीजें मध्य मे भी छूट सकती हैं। सोच विचार अधिक कर सकते हैं हर बार कुछ अलग की तलाश भी इनमें हो सकती है। इनका व्यक्तित्व दुनिया में अलग खोजों के लिए भी एक अहम भूमिका निभाने वाला हो सकता है। 

 

करियर और व्यवसाय में होते हैं सफल नई खोजों में रहते हैं आगे 

शुक्र और कुंभ का संबंध व्यक्ति को कार्यक्षेत्र में अच्छी संभावनाओं को देने वाला होता है। व्यक्ति के भीतर नई चीजों से जुड़ने का शौक होगा, कुछ नए काम करने के लिए आगे रहना इनकी प्रवृत्ति में होता है। व्यक्ति कलाकृतियां, कंप्यूटर ग्राफिक्स, इलेक्ट्रॉनिक कार्यों, संगीत इत्यादि जैसे कामों से जुड़ सकता है। काम के स्थान मेलजोल की भावना भी काम करती है। कार्यक्षेत्र में सहकर्मियों के साथ मिलकर लीडरशिप में भी अच्छा काम कर सकते हैं। अपने आस पास के लोगों को काम से प्रभावित करने का कमाल का गुण इनके पास होता है। इनकी प्रतिभा इन्हें सफलता दिलाने में काफी सहायक बनती है। विदेश में जाकर भी प्रतिष्ठा पाने में सफल रह सकते हैं।  

 

जातक सोशल नेटवर्किंग की मदद से अच्छा लाभ कमा सकता है। इसी के साथ अपनी बोलचाल की कुशलता से भी ये संचार के कार्यों में, अपनी वाणी से लाभ कमाने में माहिर हो सकता है। आलस्य से दूर रहते हुए काम में सक्रियता को अच्छे से दिखाते हैं। व्यापार में आपकी भागीदारी भी काफी बेहतर हो सकती है। लोगों से मिलने जुलने की क्षमता मार्केटिंग के काम में भी अच्छी ग्रोथ देने में सहायक बनती है। जातक अपने निष्पक्ष और गैर-निर्णयात्मक स्वभाव के चलते सभी के मध्य खड़ा हो सकता है और अपने शत्रुओं के साथ भी काम निकलवाने में सक्षम होता है। 

 

प्रेम और विवाह संबंधों में स्वतंत्रता को देते हैं महत्व 

शुक्र का कुंभ राशि में होना प्रेम संबंधों में आदर्श, निष्ठा और अपनत्व की मांग रखता है। ऐसे साथी की तलाश रहती है जिनके साथ वह अपने की हर बात शेयर कर पाएं। अपने साथी में वह एक दोस्त की तलाश करते हैं। अपनी भावनाओं को पूर्ण रुप से साथी के साथ बांटते हुए भविष्य को सजाने की कोशिश कर पाने में सफल होते हैं। कुंभ राशि में शुक्र प्रेम संबंधों को प्रगाढ़ रुप भी देता है। अपनों के साथ मजबूत संबंधों का निर्वाह करते हैं। अपने संबंधों में ईमानदारी को भी पूरी तरह से निभाते हैं। 

 

आपसी विरोधाभास को एक दूसरे के साथ मिलकर सुलझाने की कोशिश करते हैं। अगर कोई मतभेद होता भी है तो उसे स्वीकार करने से पीछे नही हटते अपनी गलतियों को स्वीकार करने में कुशल होते है। वफादारी, सहनशीलता इनके रिश्ते को बेहतर बनाने का करती है। इनके भीतर समानता, ईमानदारी, दृढ़ता और खुलेपन की स्थिति भी अच्छी होती है। अच्छा स्वभाव होता है और रिश्तों में विश्वास करने वाला होता है। रिश्तों में दबाव इन्हें पसंद नहीं होता है यह स्वतंत्र होकर प्रेम करने की अवधारणा पर विश्वास रखते हैं। अपने साथी की इच्छा का भी ख्याल रखते हैं। 

आप हमारी वेबसाइट से सभी भावों में शुक्र के प्रभावग्रहों के गोचर के बारे में भी पढ़ सकते हैं।

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