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दूसरे भाव में सूर्य/ SUN IN 2ND HOUSE IN VEDIC ASTROLOGY

Sun in 2nd House in astrology

दूसरे भाव में सूर्य/ Sun in the 2nd house सकारात्मकता का संदेश देता है, लेकिन ऐसे लोगों का जीवनसाथी अच्छा नहीं होता। दूसरे घर में सूर्य वाले व्यक्ति, संपदाओं से समृद्ध होता है, और बचपन या करियर की शुरुआत की तुलना में बेहतर आर्थिक स्थिति में होते हैं, अर्थात सूर्य उन्हें आर्थिक रूप से उन्नति करने और जीवन में बेहतर स्थिति प्राप्त करने में मदद करता है तथा सोने के गहने और आभूषण संग्रह करने की रुचि प्रदान करता है।

क्या आप जानते हैं कि मुगल सम्राट अकबर के मंत्रिमंडल में मंत्री रहे अब्दुर-रहीम-खानखाना एक विद्वान ज्योतिषी/astrologer थे? उनके द्वारा ज्योतिष/ astrology पर लिखी गई पुस्तकें आज भी उपलब्ध हैं, जिन्हें आप खरीद कर पढ़ सकते हैं। अधिकांश लेखों में, उन्होंने धन और सत्ता के प्रभावों के लिए दूसरे भाव में सूर्य की स्थिति की प्रशंसा की है। उन्होंने लिखा है कि दूसरे भाव में सूर्य वाले व्यक्तियों के पास धन, शक्ति और आमदनी के विशाल स्रोत होंगे।

दूसरे भाव में सूर्य का प्रभाव/ Effects of Sun in 2nd house

दूसरे भाव में सूर्य वाले व्यक्तियों के, दसवें भाव में पांचवें स्थान पर स्थित सूर्य, सार्वजनिक सेवाओं और राजनीति को शासित करके सफल करियर का निर्माण करता है। परिणामस्वरूप, ऐसे व्यक्तियों को सार्वजनिक सेवाओं में नौकरी और राजनीति में स्थान भी मिल सकता है। 

ग्यारहवें भाव के केंद्र/Eleventh house in Kendra में स्थित होने पर सूर्य, अति उत्तम और नियमित आय सुनिश्चित करता है। नौवें भाव के छठे स्थान पर स्थित सूर्य द्वारा भाग्य, सौभाग्य और सफलता को नियंत्रित किए जाने के कारण, दूसरे भाव में सूर्य वाले व्यक्तियों को बिना कठोर परिश्रम और प्रयासों के  सफलता हाथ लगती है।

सातवें भाव के आठवें स्थान में स्थित दूसरे भाव का सूर्य  विवाह, प्रेम और दाम्पत्य जीवन का भाव/House of marriage house होता है। ऐसे लोगों के जीवनसाथी कमजोर दृष्टि, सिरदर्द, या त्वचा रोग जैसी स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हो सकते हैं। कुछ मामलों में, दूसरे भाव में सूर्य की खराब स्थिति होने पर, धन प्रबंधन के कारण पति-पत्नी के बीच मतभेद उत्पन्न हो सकता है।

दूसरे भाव का सूर्य/Sun in the 2nd house, तीसरे भाव का बारहवां स्थान(जो कि भाई-बहनों और चचेरे भाई-बहनों को शासित करता है) स्थित होने पर, ऐसे लोग अपने भाई-बहनों और चचेरे भाई-बहनों की मदद करने में धन खर्च कर सकते हैं। सूर्य की यह स्थिति व्यक्ति को अपनी मां या मातृ संबंधों से सहयोग दिलाने में मदद करती है। दूसरे भाव में सूर्य वाले व्यक्ति, बच्चों के पालन-पोषण में और कभी-कभी बच्चों के बड़े होने पर भी असाधारण रूप से लिप्त रहते हैं और कभी-कभी, उनके विवाह के बाद भी हस्तक्षेपों के कारण, उनमें और उनके बच्चों के संबंधों में खटास उत्पन्न हो सकती है।

दूसरे भाव में सूर्य का प्रेम संबंधों और विवाह पर प्रभाव/ Effects of Sun in the 2nd house on love/relationship and marriage 

कुंडली के दूसरे भाव में सूर्य का व्यक्तियों के प्रेम संबंधों और विवाह पर कुछ प्रतिकूल प्रभाव हो सकते हैं। दूसरे भाव में सूर्य की अष्टम भाव पर दृष्टि पड़ने पर, मुख्य रूप से ससुराल पक्ष के साथ विरासत और संबंधों को प्रभावित करता है, जिस कारण पत्नी के चयन को लेकर परिवार में मतभेद भी हो सकते हैं। इसके साथ ही, दूसरे भाव में सूर्य की उपस्थिति मनुष्य में अहंकार और अति-आत्मविश्वास लाता है जो व्यक्ति को अपने संबंधों को सरल बनाने में मुश्किल आ सकती है। स्वयं-निर्णय लेने वाले गुण के कारण यह व्यक्ति, कम उम्र में ही विवाह कर सकते हैं।

वैवाहिक जीवन के बाद, इन व्यक्तियों का वैवाहिक जीवन, बच्चों और पारिवारिक सदस्यों के साथ छोटी-छोटी समस्याओं को नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है। बेशक, उनका वैवाहिक जीवन लंबा होगा, लेकिन यह बहुत सहज नहीं हो पाता है, जिस कारण  कुछ लोगों के दूसरे विवाह की भी संभावना होती है, लेकिन यहां भी उन्हें अपने अहंकारी और स्वाभिमानी  स्वभाव के कारण संबंधों के विवादों को संभालने में कठिनाई होती है। दूसरे भाव में सूर्य के, सातवें भाव के आठवें स्थान में होने के कारण विवाह और वैवाहिक जीवन वाला यह भाव भी, वैवाहिक जीवन और संबंधों में बाधा उत्पन्न करता है।

दूसरे भाव का सूर्य करियर, व्यवसाय और अर्थव्यवस्था को कैसे प्रभावित करेगा?/ How will Sun in the 2nd house affects Career/business and finance?

कुंडली के दूसरे भाव में सूर्य, व्यक्ति को सभी सांसारिक सुखों और भौतिकवादी चीजों के प्रति इच्छुक बनाता है। ऐसे व्यक्तियों को, शिक्षा और करियर पर व्यय करने में पिता को ज्यादा से ज्यादा सहयोग मिलता है। हालांकि, कभी-कभी यह अत्यधिक लाड़-प्यार व्यक्ति को अभिमानी, बिगड़ैल और विकृत स्वभाव जैसा बना सकता है। दूसरे भाव में सूर्य वाले व्यक्तियों का, शिक्षा की सर्वोत्तम सुविधाओं वाला समृद्धशाली बचपन होता है, यहां तक कि वह अपनी शिक्षा और करियर के लिए विदेश भी जा सकते हैं।

दूसरे भाव में सूर्य/Sun in the 2nd house वाले व्यक्ति, करियर को वृद्धि देने के लिए विदेश में बसने की अच्छी संभावना रखते हैं। कुंडली में सूर्य की स्थिति, दसवें भाव (करियर का भाव) में पांचवें स्थान में होने के कारण, व्यक्ति को राजनीति में शामिल होने और सरकारी कार्यालयों में उच्च पद प्राप्त करने में मदद मिलती है।

यह व्यक्ति न सिर्फ अच्छी कमाई करते हैं, बल्कि अधिक कमाने और अच्छी संपत्ति और नकदी बनाने की इच्छा और क्षमता भी रखने के साथ ही, फिजूलखर्ची भी कर सकते हैं। कभी-कभी यह लोग अपने आसपास के लोगों पर हावी हो जाते हैं, तथा आत्म-प्रशंसक और विषयों पर स्पष्टवादी होते हैं। ऐसे लोग व्यापार और उच्च अधिकारिक व्यक्तियों के माध्यम से लाभ प्राप्त करते हैं, जिस कारण उनका विपरीत लिंग के प्रति भी झुकाव हो जाता है।

दूसरे भाव में सूर्य के अशुभ प्रभाव/ Bad Effects of Sun in the 2nd house

ज्योतिष/astrology में कुंडली का दूसरा भाव, घातक (मारक) भावों में से एक माना जाता है। हालांकि, दूसरे भाव का सूर्य आपके जीवन को सीधे अंत की ओर नहीं ले जाता। जिस प्रकार राजा दोषियों को दंडित करने के लिए सिंहासन से नहीं उतरता बल्कि दूसरों को कार्य सौंपता है, ठीक वैसे ही कुंडली में एक ग्रह के रूप में सूर्य सभी ग्रहों का राजा होने के कारण किसी व्यक्ति के जीवन को समाप्त करने में शामिल न होकर, यह कार्य करने वाले अन्य ग्रहों को प्रभावित करता है। 

ध्यान देने वाली महत्वपूर्ण बात यह है कि दूसरे भाव में शनि के होने पर, दूसरे भाव का सूर्य/Sun in the 2nd house कदाचित अकेले ही व्यक्ति के जीवन को समाप्त कर सकता है। इसके अतिरिक्त, सूर्य की महादशा की अवधि कम होती है, जो कि शुक्र की बीस वर्ष और शनि की उन्नीस वर्ष की महादशा की तुलना में केवल छह वर्ष है। 

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