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विभिन्न भावों और राशियों में सूर्य/ SUN IN DIFFERENT HOUSES & SIGNS

सौर मंडल के केंद्र में स्थित सूर्य/ Sun, वैदिक ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। व्यक्ति की जन्मकुंडली में अधिकृत भाव में सूर्य की स्थिति, जीवन के उस क्षेत्र पर प्रकाश डालती है एवं प्रभावित करती है जहाँ व्यक्ति को कुछ अनूठा महसूस करने की आवश्यकता होती है। यह स्वयं को दूसरों से अलग करके अपनी जगह बनाए रखने के लिए उचित स्थान हो सकता है।

सूर्य जब किसी राशि या भाव में विराजमान होता है तो इसका प्रभाव काफी हद तक अलग हो सकता है। चलिए जानते हैं कि किसी राशि या भाव पर कैसा पड़ेगा प्रभाव।

विभिन्न भावों और राशियों में सूर्य का प्रभाव/ Effects of Sun in different Houses and Signs

यह जलता हुआ तारा जीवन शक्ति पर शासन करने के साथ ही, शरीर की सामर्थ्य पर ध्यान केंद्रित करता है तथा यह जीवन में अद्वितीय व्यक्ति बनने के लिए सफलता और भाग्य प्रदान करता है। इसलिए, प्रबल सूर्य/Sun वाले लोग प्रभुत्व रखने वाली प्रवृत्ति के स्पष्टवादी, उदार, दृढ़ और मुखर होते हैं और वह सत्ता और अधिकार की उत्कट इच्छा रखने वाले, अत्यधिक प्रभावशाली मुखिया होते हैं। शारीरिक रूप से यह व्यक्ति आकर्षक आंखों वाले और गोल चेहरे वाले होते हैं। कुल मिलाकर, इनका व्यक्तित्व दूसरों के लिए चुंबक की तरह कार्य करता है।

इसके अलावा, सूर्य की स्थिति उन क्षेत्रों को प्रकाशित कर सकती है, जहां हम अपनी आभा बिखेर सकते हैं। उस भाव से संबंधित क्षेत्र, व्यक्तित्व को निखारने वाले अनुभवों के प्रकारों पर प्रकाश डालते हैं और गर्व की भावना को एक नया आकार देते हैं। यह क्षेत्र शक्तिशाली सूर्य राशि के गुणों को व्यक्त करने के उचित  स्थान हो सकते हैं।

सूर्य/Sun को प्रतिक्रियाशील बल की जगह क्रियाशील रूप में वर्णित करना बेहतर होगी। फिर भी, सूर्य के भावों द्वारा उत्पन्न समस्याओं का समाधान मिलना सूर्य द्वारा ही संभव है। जीवन में सही दिशा और खुशी के लिए, इस विशेष भाव द्वारा शासित जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से परिचित होने की जरूरत होती है, क्योंकि इन सबके लिए, सभी को जीवन के इन क्षेत्रों में किसी न किसी तरह से अपनी आभा फैलाने की आवश्यकता हो सकती है। जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के कारण, सभी को इस भाव से संबंधित चीजों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। 

इस ज्वलनशील ग्रह के छठे भाव/Sun in Sixth house में स्थित होने पर व्यक्ति परोपकार जैसे कार्यों के द्वारा अपनी पहचान बनाने में सफल हो सकता है। सेवा कार्यों के संबंध में आपका योगदान समाज में आपके स्वाभिमान और आदर को बढ़ाने में सहायता करेगा।

हमें कुछ मामलों में सावधानी बरतनी चाहिए कि सूर्य के कुछ भावों के संपर्क में आने से हमारे अंदर अहंकार की भावना अधिक विकसित हो सकती है। कभी कभी इसके कारण आपके अभिमान की हानि भी हो सकती है। उदाहरण के लिए -  जन्म कुंडली के छठे भाव/Sixth house in birthchart में सूर्य के स्थित होने पर, हमारे ऊपर कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती है तथा अपने कार्यों को जरूरत से ज्यादा पहचान कर, कोई भी काम न करने पर खुद को बेकार महसूस करेंगे और दूसरों के लिए की जाने वाली सेवाओं को बढ़ा-चढ़ा कर कहेंगे। और अंत में, अपने द्वारा किए गए कार्यों की आलोचना के लिए हम अति-प्रतिक्रियाशील हो जाएंगे और जीवन वृत्ति के कार्यों में संलग्न हो जाएंगे।

संक्षेप में, सूर्य राशि व्यक्तित्व की आभा फैलाने वाली विशेषताओं पर प्रकाश डालती है, तथा जहां हम अपनी चमक बिखेरते हैं उस भाव में सूर्य/Sun स्थित होता है। 

निम्नलिखित व्याख्याओं में कुंडली चक्र के चित्र मार्गदर्शक के रूप में काम करते हैं और प्रत्येक कुंडली में सूर्य की स्थिति का पता लगाने में सहायता करते हैं।

आप ज्योतिष में ग्रहों के गोचर और इसके प्रभावों, 12 भावों, 27 नक्षत्रों और इनकी विशेषताओं के बारे में हमारी वेबसाइट से पढ़ सकते हैं।

 

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