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कर्क राशि में शनि | Saturn in Cancer

कर्क राशि में शनि वाले व्यक्तियों का जहां अपनी मां के मजबूत और अनोखा जुड़ाव रहता है वहीं, पत्नी के प्रति प्रेम समय के साथ और गहरा होता है। जीवन के प्रारंभिक चरणों में आर्थिक वृद्धि सीमित होने के साथ ही, स्वास्थ्य भी कमजोर रहता है तथा दांत दर्द जैसी समस्याएं बनी रह सकती हैं। इसके अलावा, कल्पना-शक्ति और आध्यात्मिक कर्तव्यों में हस्तक्षेप के रूप में, परेशानियां और समस्याएं उत्पन्न करने वाली शनि की अयोग्य स्थिति, इन्हें बेचैन कर सकती है तथा बिजनेस में भी हानि उठाने जैसी कई कठिनाइयों और परेशानियों का सामना करना पड़ता है। साथ ही, इन व्यक्तियों की मृत्यु डूबने के कारण होने की संभावनाएं रहती हैं।

 

इन लोगों के अपने रिश्तेदारों के साथ मजबूत और अच्छे संबंध नहीं होते‌। फिर भी, ये जीवन में बेहतर स्थिति प्राप्त करते हैं। शनि के साथ बारहवें भाव का स्वामी, सूर्य और राहु तीन ग्रहों में से किसी एक या अधिक ग्रहों के स्वामी भी बहुत बार गृह परिवर्तन सुनिश्चित करते हैं। हालांकि, शनि का यह संयोजन चार्ट में एक परस्पर विरोधी स्वरूप जान पड़ता है, जिस कारण कुंडली में चंद्रमा कमजोर स्थिति में दिखाई देता है। इसके अलावा, यह मुख्य और महादशा इनकी मां के लिए अत्यधिक कठोर और खराब साबित होती है।

 

यह भी एक सत्य है कि ये लोग सरस, बुद्धिमान और तेज स्मृति वाले नहीं होते। इस राशि में वृषभ लग्न होने पर, व्यक्ति को विशेष रूप से आश्चर्यजनक लाभ प्राप्त होंगें लेकिन, इनकी कोई संतान नहीं होने की संभावनाएं रहती हैं। इसके अलावा, इस राशि में शनि विशेष रूप से तुला और कन्या राशि वाले व्यक्तियों के लिए उत्तम परिणाम लाता है तथा धनु लग्न वालों के लिए संतानहीनता सुनिश्चित करता है। वहीं, मकर लग्न होने पर, इस राशि में शनि मारक के रूप में कार्य करता है।

 

इसके अतिरिक्त, पहले भाव में कुंभ लग्न होने पर, प्रतिकूल ग्रहों के साथ संबंधित निर्बल और कमजोर शनि, स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है तथा शनि पर बृहस्पति का प्रभाव व्यक्ति और  माता के बीच कई समस्याओं का कारण बनता है।

आप हमारी वेबसाइट से सभी भावों में शनि के प्रभावग्रहों के गोचर और उसके प्रभावों के बारे में भी पढ़ सकते हैं।

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