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मेष राशि में शनि | Saturn in Aries

मेष राशि में शनि वाले व्यक्ति, अत्यधिक क्रोधी और आलोचना करने वाले होने के साथ ही, कपटी और धोखेबाज स्वभाव के होते हैं। अत्यधिक विवादप्रिय ये व्यक्ति, स्वयं के लिए भविष्य में समस्याएँ खड़ी करते हैं‌ जिससे समाज में इनकी छवि अच्छी नहीं रहती। हालांकि, रिश्तेदारों के साथ संबंध इनके लिए लाभकारी होते हैं। ये लोग, चीजों के प्रति कौतूहलवश बिना किसी उद्देश्य के अत्यधिक सोच-विचार करने वाले होते हैं तथा इनकी आर्थिक स्थिति भी अस्थिर रहती है। अच्छी सोच वाले ये व्यक्ति, लंबी अवधि तक अकेले रहते हैं। इसके अलावा, इन लोगों को आजीविका द्वारा आमदनी का प्रवाह बनाए रखने के लिए, कठोर परिश्रम के साथ  बेहतर प्रयास करने की आवश्यकता होती है। 

 

वहीं, छठे भाव के स्वामी के अशक्त और अशांत होने की स्थिति में, व्यक्ति स्वस्थ और तंदुरुस्त नहीं रहता। व्यक्ति को ऐसे गंभीर रोगों का सामना करना पड़ता है जिनका इलाज, आसानी से लंबे समय तक संभव नहीं हो पाता। जीवन के पहले भाग में शनि, कठोर और बुरे प्रभाव देगा जो जीवन के दूसरे भाग में और भी बदतर हो सकते हैं। शनि, मेष राशि में 23 डिग्री 20 मिनट और 26 डिग्री 40 मिनट बीच के स्थित होने पर, संकटपूर्ण और बुरे परिणामों को सुनिश्चित करता है। हालांकि, चार्ट में मंगल के मजबूत स्थिति में होने पर,  उत्तम परिणाम मिलते हैं और बुरे परिणामों में कमी आती है।

 

हालांकि, शनि इन लग्नों के लिए उत्तम और उपयुक्त ग्रह प्रतीत होता है, लेकिन यह बारहवें भाव में स्थित होने पर केवल कमजोर ही रहता है अतः, मेष लग्न होने पर यह बुरे परिणाम लाता है तथा वृषभ लग्न होने पर, व्यक्ति को अशुभ और दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है।

 

वहीं, कन्या लग्न होने पर, व्यक्ति की सामाजिक स्थिति में असाधारण रूप से उन्नति का साक्षी माना जा सकता है, लेकिन शनि की इस अवधि के दौरान, संतान का सुखी और संतुष्ट नहीं रहना, विषाद का कारण बन सकता है। इसके अलावा, तुला लग्न वाले व्यक्तियों को, वैवाहिक जीवन को आगे बढ़ाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है जिससे शनि की इस अवधि में व्यक्ति का तलाक या जीवनसाथी की मृत्यु होने की भी संभावनाएं रहती हैं तथा बच्चे भी सुखी और स्वस्थ नहीं रहते। हालांकि, धनु राशि वालों को आमतौर पर, शनि बुरे परिणाम नहीं देता तथा शनि की इस अवधि के दौरान, जहां मकर राशि वाले व्यक्तियों के पिता की स्थिति में आकस्मिक सुधार होगा वहीं, इन व्यक्तियों के बड़े संतान का समय खराब और कष्टमय रहेगा तथा माँ को भी अत्यधिक कष्टों और परेशानियों का सामना करने के कारण, उनका निधन होने की संभावना बनी रहेगी, जिससे ये व्यक्ति अंततः, बुरी तरह दुःख का अनुभव करते हैं। इसके अलावा, मीन लग्न वाले व्यक्ति बुरी तरह दीन और दरिद्र रहते हैं।

 

इसके अतिरिक्त, जहां सूर्य का शनि पर प्रभाव व्यक्ति को, धन-संपत्ति से संबंधित मामलों में आश्चर्यजनक परिणाम देता है वहीं, शनि पर बृहस्पति की दृष्टि अत्यंत शुभ फल देती है। लेकिन, महिलाओं के प्रति रुचि रखने वाले इन व्यक्तियों का अन्य महिलाओं के साथ अवैध संबंध होने के कारण, चंद्रमा का प्रभाव परिस्थितियों का विरोध करता है तथा मंगल का प्रभाव, व्यक्ति की विभिन्न आपराधिक प्रवृत्तियों पर प्रकाश डालने के अलावा, इस राशि में शनि के बुरे परिणामों को कम करता है।

आप हमारी वेबसाइट से सभी भावों में शनि के प्रभावग्रहों के गोचर और उसके प्रभावों के बारे में भी पढ़ सकते हैं।

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