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कुंडली के तीसरे भाव में राहु की उपस्थिति

वैदिक ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कुंडली का तीसरा भाव राहु/Rahu in 3rd House के लिए एक अद्भुत और सबसे उच्च स्थानों में से एक माना जाता है। जहाँ तक इससे किसी व्यक्ति के संबंध की बात आती है तो, यह स्थिति आमतौर पर व्यक्ति के लिए लाभकारी और सामान्य रूप से सहायक मानी जाती है। इस ज्योतिषीय स्थिति के कारण व्यक्ति को कुछ विशेष सिद्धि भी प्राप्त हो सकती है या उन्हें अपने किसी पसंदीदा काम में सफलता मिल सकती है। उन्हें अपने और दूसरों के काम में सहयोग देने के लिए भरपूर क्रेडिट भी समय-समय पर मिलता रहता है। 

कुंडली के तीसरे भाव में राहु की उपस्थिति का व्यक्ति पर पड़ने वाला प्रभाव

कुंडली के तीसरे भाव में राहु के प्रभाव से व्यक्ति अक्सर तकनीकी, राज्य स्तर पर होने वाली चर्चाओं और उसकी समझ, अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय या किसी भी दो क्षेत्रों में होने वाली पानी के बंटवारे के मामले, दो लोगों के बीच संपत्ति को लेकर होने वाले बंटवारे आदि की जानकारी रखने में एक्सपर्ट होते हैं। ऐसे व्यक्ति अपने काम को अच्छी तरह से दूसरों के सामने पेश करने में पूरी तरह सक्षम होते हैं। 

कुंडली के तीसरे भाव में राहु की उपस्थिति का व्यक्ति के सामाजिक जीवन पर पड़ने वाला प्रभाव 

कुंडली के तीसरे भाव में राहु की उपस्थिति/Rahu in 3rd House होने से व्यक्ति अपने दोस्तों, जानकारों या रिश्तेदारों या किसी ख़ास और करीबी लोगों के प्रति बिल्कुल भी सहायक नहीं होते हैं और न ही उनसे संबंधित किसी मामले में ईमानदारी रखते हैं। इन्हें किसी भी तरह का कानून तोड़ने, या कानून से समझौता करने और संपत्ति के हड़पने जाने की चिंता नहीं होती है क्योंकि उन्हें अपने सगे और चचेरे भाई-बहनों पर पूरा भरोसा रहता है। हालांकि ऐसा करने से उन्हें अक्सर अपनों की कमी का एहसास हो सकता है। इसके विपरीत दूसरी तरफ वह अपने जीवनसाथी, बच्चों और साथ में काम करने वाले लोगों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।

ऐसे व्यक्ति अपनी माँ या माँ सामान किसी भी अन्य महिला की सेवा के लिए हमेशा आगे रहते हैं। वह अपनी माँ और परिवार के प्रति सभी जिम्मेदारियों को अच्छी तरह से निभाने में विश्वास रखते हैं। इसके आल्वा व्यक्ति की नजर माँ और माँ सामान महिलाओं की संपत्ति  पर पूरी नजर रहती है और इसके लिए वह बिना मन आशीर्वाद लेने से भी पीछे नहीं हटते हैं। हालांकि ऐसे व्यक्ति आमतौर पर हार मनाने वालों में से नहीं होते हैं लेकिन कुछ मामलों में उनकी निडरता खत्म हो जाती है। कुंडली के तीसरे भाव में राहु की उपस्थिति होने से व्यक्ति दिखावा करने और जानबूझकर खुद को सबसे बड़ा दिखाने वाली प्रवृति अपने में विकसित कर लेते हैं।

कुंडली के तीसरे भाव में राहु की उपस्थिति का व्यक्ति के आर्थिक जीवन पर पड़ने वाला प्रभाव

कुंडली के तीसरे भाव में राहु की उपस्थिति/ Rahu in 3rd House होने से इसका प्रभाव व्यक्ति के आर्थिक जीवन पर भी व्यापक रूप से पड़ता है। ऐसे व्यक्ति नई गाड़ियां खरीदने में सबसे ज्यादा रुचि रखते हैं और समय के साथ बाजार में आने वाले नए मॉडल से उसे अपग्रेड भी करते रहते हैं। वे आधुनिक फैशन और तकनीकी को अपनी जिंदगी में शामिल करने के लिए काफी तत्पर रहते हैं। इस ज्योतिषीय स्थिति की वजह से व्यक्ति के भीतर एक बेहद अच्छी चीज यह विकसित होती है कि, वे किसी भी हाल में दूसरे से उधार नहीं लेते हैं चाहे वो व्यक्तिगत खर्च के लिए हो या फिर बिजनेस आय अन्य किसी काम के लिए। इसकी जगह पर वे बैंक से सभी आवश्यक कागज़ बनवाने के बाद उनसे लोन लेना ज्यादा उचित समझते हैं।

इसके साथ ही लिए गए लोन की ईएमआई भी वो समय से सुनिश्चित दिन पर भरने में सबसे आगे रहते हैं। उन्हें पर्सनली किसी भी तरह का उधार लेना पसंद नहीं होता है। यदि कोई ऐसे व्यक्ति को लोन देता भी है तो उनका पैसा किसी भी हाल में डूब नहीं सकता है। ऐसे इसलिए है क्योंकि व्यक्ति खुद ही दिए गए समय पर रकम चुकाने के प्रति ईमानदार रहता है। 

कुंडली के तीसरे भाव में राहु की उपस्थिति का व्यक्ति के स्वास्थ्य पर पड़ने वाला प्रभाव

वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली के तीसरे भाव में राहु की उपस्थिति/Rahu in 3rd House होने से व्यक्ति को किसी लड़ाई में लगने वाली शारीरिक चोट, गिरने या एक्सीडेंट में लगने वाली चोट की स्थिति में सबसे पहले उन्हें तत्काल रूप से एंटी-सेप्टिक उपचार लेना चाहिए। उन्हें तत्काल रूप से ड्रेसिंग और अन्य दवाईयों की जरुरत पड़ सकती है और इससे उन्हें तुरंत राहत भी मिल सकती है और इलाज के दौरान किसी तरह की अन्य परेशानियों का सामना भी नहीं करना पड़ सकता है।

ऐसे व्यक्ति को सेप्टिक होने से इसके काफी बुरे परिणाम भी कई बार झेलने पड़ सकते हैं। अधिकांश व्यक्ति को डायबिटीज की समस्या भी हो सकती है और इस हालत में उनके लिए किसी भी तरह की चोट गैंग्रीन का रूप ले सकती है। राहु से प्रभाव से व्यक्ति की सेहत में भारी गिरावट आ सकती है और वह अन्य संक्रमणों से भी पीड़ित हो सकते हैं। यह स्थिति तब और बढ़ जाती है जब राहु के बारह डिग्री की दूरी पर चंद्रमा और शुक्र की स्थिति होती है। 

अन्य राशियों में राहु के समस्त गोचरों के प्रभावों के बारे में पढ़ने के लिए राहु के गोचर पर क्लिक करें। साथ ही आप हमारी वेबसाइट से जन्मकुंडली, लव या अरेंज मैरिज में चुनाव, व्यवसायिक नामों के सुझावस्वास्थ्य ज्योतिषनौकरी या व्यवसाय के चुनाव के बारे में भी पढ़ सकते हैं।    

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