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कुंडली के ग्यारहवें भाव में राहु

वैदिक ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कुंडली के ग्यारहवें भाव में राहु की उपस्थिति एक देने वाले ग्रह के रूप में होती है जिसपर इस भाव के स्वामी का भी कोई ख़ास प्रभाव नहीं पड़ता है। राहु स्वयं ही व्यक्ति के लिए एक दाता ही भूमिका निभा सकता है और उसे किसी भी अन्य ग्रह की सहायता की आवश्यकता नहीं होती है। ऐसे व्यक्ति को यदि सही आदतों वाले दोस्त मिल जाए तो वो अपने जीवन में पैसों से ज्यादा उन्हें अहमियत देते हैं। ऐसे व्यक्ति तब तक कोई बड़ा निवेश नहीं करते हैं जब तक उन्हें बहुत कोई बेहद जरूरी काम करने हो। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, किसी भी व्यक्ति की कुंडली में राहु बिना किसी शर्त के उन्हें आर्थिक लाभ तभी प्रदान करता है जब वह कुंडली के प्रथम और दूसरे भाव में विराजमान हो। ग्यारहवें भाव में इसकी उपस्थिति/Rahu in the 11th House होने से व्यक्ति के जीवन पर कोई ख़ास प्रभाव नहीं पड़ता है, सिवाय कुछ ख़ास मामलों के जैसे कि, यह बच्चों की शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है और भी तब जब उनके जन्म के समय के सितारे उनके लिए फायदेमंद साबित हो। 

कुंडली के ग्यारहवें भाव में राहु की उपस्थिति का जीवन पर पड़ने वाला प्रभाव 

ज्योतिषशास्त्र के अनुमानों के अनुसार मेष और कुंभ के लग्न भाव में राहु की उपस्थिति न होकर ग्यारहवें भाव में हो तो ऐसे में यह व्यक्ति को एक आकर्षक व्यक्तित्व प्रदान करता है। ऐसे व्यक्ति स्वभाव से हंसमुख, सबके साथ हंसने बोलने वाले, बातचीत में व्यंग करने वाले, बिना वजह किसी का अपमान नहीं करना और अपने बातों पर अडिग रहने वाले होते हैं। हालांकि, ऐसी भी संभावना बन सकती है कभी-कभी उनके चरित्र में धोखा, चतुराई, चालाकी और पैसों को लेकर बेईमानी करने से वो बिल्कुल भी हिचकिचाएंगे नहीं। ऐसे व्यक्ति अन्य मामलों में समाज से अलग अपने मनोरंजन के लिए विशेष अवसर तलाशते हैं और अपने कर्तव्यों का सही तरीके से पालन करते हैं।

इसके साथ ही अगर व्यक्ति के पूर्व जीवन का उनके ऊपर कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है तो ऐसे व्यक्ति दूसरों के लिए मददगार, धार्मिक कामों में भागीदार और दूसरों के स्वयंसेवक और उन्हें शारीरिक सहायता देने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। सिर्फ इंसानों के लिए ही नहीं बल्कि वो पशु-पक्षी के प्रति भी काफी सौम्य और सरल भाव रखते हैं। बहरहाल ऐसा कहा जा सकता है कि, ऐसे व्यक्ति काफी दयालु होते हैं और बेवजह अपने कामों का डींग नहीं हांकते और न ही उन्हें किसी भी बात का घमंड होता है। इसके साथ ही यदि इस भाव में राहु के साथ किसी अन्य मजबूत ग्रह की उपस्थिति हो तो ऐसे में चाहे वो पुरुष हो या महिला उन्हें अपनी नौकरी, किसी ख़ास बिजनेस या जीवन चलाने के लिए अन्य श्रोतों से काफी फायदा मिल सकता है खासकरके तब जब राहु की अंतर्दशा महादशा चल रही हो। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, अगर व्यक्ति को किसी तरह की हानि भी होती है तो उनकी यह स्थिति राहु की अंतर्दशा और महादशा की अवधि में दूर हो जाती है।

राहु एक राशि में 18 महीनों तक रहता है और 18 महीनों के बाद फिर उसी राशि में वापिस आ जाता है। जिन लोगों की कुंडली के ग्यारहवें भाव में राहु की उपस्थिति होती है वे आमतौर पर काफी ज्यादा आकर्षक व्यक्तित्व के होते हैं और सार्वजानिक रूप से अपनी भावनाओं को व्यक्त करने से कभी बाज नहीं आते हैं। वे अपनी बातचीत के दौरान जरुरत पड़ने पर चतुर और चालाकी के भाव व्यक्त करने से कभी पीछे नहीं हटते हैं। ऐसे लोग अपने व्यक्तित्व से किसी को भी आकर्षित करने की क्षमता रखते हैं। ऐसे व्यक्ति काफी दयालु और उदार स्वभाव के हो सकते हैं, वे अपनी किसी भी उपलब्धि का दिखावा नहीं करते हैं।  

आप हमारी वेबसाइट से सभी भावों में राहु के प्रभावग्रहों के गोचर के बारे में भी पढ़ सकते हैं। साथ ही जन्मकुंडली, लव या अरेंज मैरिज में चुनाव, व्यवसायिक नामों के सुझावस्वास्थ्य ज्योतिषनौकरी या व्यवसाय के चुनाव के बारे में भी पढ़ सकते हैं।

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