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कुंडली के छठे भाव में बुध | Mercury in the Sixth House

वैदिक ज्योतिष के अनुसार जब किसी व्यक्ति की कुंडली पर बुध के प्रभाव के बारे में चर्चा की जा रही हो तो हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बुध एक निर्दोष और अहिंसक ग्रह है। यह ग्रह हमेशा खुद को किसी भी व्यक्ति को नुकसान और हिंसा की स्थिति से बचाने के लिए दूर रहने का प्रयास करता है। यदि बुध ग्रह के अधिकतम नकारात्मक प्रभावों की बात करें तो, इस ग्रह के प्रभाव से व्यक्ति किसी प्रकार के ब्लैकमेलिंग, जालसाजी या किसी अन्य व्यक्ति को धमकाने के स्तर तक पहुंच सकता है या ऐसे किसी गलत कामों में लिप्त हो सकता है। हालांकि वह कोशिश करते हैं कि ऐसे कामों में वे किसी तरह की हिंसा का प्रयोग न करें। एक प्राचीन कहावत के अनुसार एक पढ़ा लिखा दुश्मन एक मूर्ख दोस्त से अच्छा माना जाता है। कुंडली के छठे भाव में बुध ग्रह का पड़ने वाले प्रभाव के मामले में यह बात बिल्कुल अच्छी तरह से लागू होती है। व्यक्ति के जीवन में यह ग्रह योग बीमारी, प्रतिस्पर्धा, रोग आदि के लिए जिम्मेदार माना जाता है। 

कुंडली के छठे भाव में बुध की उपस्थिति का सेहत पर पड़ने वाला प्रभाव

जब सेहत से जुड़े मामलों की बात आती है तो, कुंडली के छठे भाव में बुध/Mercury in the Sixth House का प्रभाव पड़ने से व्यक्ति की बुद्धि और उनके सोचने की क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इस भाव में बुध व्यक्ति को चंचल-चित्तता, गलत फैसले, याददश्त का कम होना जैसे संकेत भी दे सकता है। यह खासतौर से बुध का चंद्रमा के साथ छठे, आठवें और बारहवें भाव में लग्न के साथ संबंध होने पर होता है। यहाँ चंद्रमा आमतौर से ज्यादा नकारात्मक प्रभाव देने वाला साबित हो सकता है, विशेष रूप से जब इसपर घटते क्रम में किसी मजबूत ग्रह का प्रभाव पड़ता है तो इसके परिणामस्वरूप व्यक्ति में आंशिक पागलपन के लक्षण भी देखे जा सकते हैं। हालांकि व्यक्ति का पूर्ण रूप से पागल होना उनके नवांश और सप्तांश चार्ट पर भी निर्भर करता है, इसके साथ ही साथ यदि उनके परिवार के तीन-चार पीढ़ियों का पारिवारिक इतिहास रहा हो। एक ज्योतिषीय परख के अनुसार बुध और चंद्रमा के बीच इस संबंध के कारण व्यक्ति में पूर्ण या आंशिक पागलपन, यादादश्त खोना या किसी दुर्घटना के शिकार होने की स्थिति भी देखी जा सकती है। ऐसी स्थति से बाहर निकलने के लिए व्यक्ति के पास चिकित्सा उपचार के अलावा और कोई अन्य उपाय नहीं रहता। हालांकि, ऐसे व्यक्तियों के लिए, चिकित्सा उपचार चंद्रमा के धार्मिक और आध्यात्मिक उपचार से पहले होना चाहिए और सकारात्मक परिणाम के संकेत मिलने पर बुध के लिए भी ऐसा ही दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। बुध घातक ग्रहों की सूची में नहीं आता, इसलिए पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु का कारण उसकी प्रकृति के विपरीत है। ब्रेन हेमरेज के मामले नजर आने पर भी, इससे पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु नहीं होगी। यह उसकी वास्तविक मृत्यु से पहले सनकी व्यवहार या व्यक्तियों के भ्रम के लिए जिम्मेदार हो सकता है, लेकिन यह मृत्यु का कारण नहीं होगा। बुध किसी को कोमा की अवस्था में तो ले जा सकता है, और यदि किसी अन्य तारे का कोई प्रभाव नहीं है जो व्यक्ति की मृत्यु का कारण बन सकता है, तो प्रभावित व्यक्ति के जीवित रहने की आशा है। ऐसी संभावना बन सकती है कि व्यक्ति कोमा की स्थिति से पूरी तरह या आंशिक रूप से ठीक हो सकता है। 

कुंडली के छठे भाव में बुध की उपस्थिति का शिक्षा पर पड़ने वाला प्रभाव

कुंडली के छठे भाव में बुध की उपस्थिति का शिक्षा के क्षेत्र पर पड़ने वाले प्रभाव की बात करें तो, इस मामले में छात्रों में आमतौर पर अपने चुने हुए विषय को पढ़ने में एक जगह ध्यान केंद्रित नहीं रहता है और उनमें पढाई के प्रति इच्छा का अभाव देखा जा सकता है। ऐसे में छात्रों में ना तो बहुत अधिक मेहनत करने की इच्छा होती है और ना ही वो परीक्षा में भी अच्छे अंक लाने के लिए पढ़ाई पर ध्यान देना उचित समझते हैं। उन्हें जो काम सौंपा जाता है, उसे वे पूरी ईमानदारी या दृढ़ संकल्प के साथ नहीं करते हैं। इस प्रकार वे अपना कार्य पूर्ण करने के लिए अनुचित साधनों का सहारा लेते हैं जैसे किसी और के काम की नकल करना तथा अन्य तरह के नक़ल के कामों में संलिप्त होना। वे परीक्षा के दौरान भी इस तरह के अनुचित साधनों का प्रयोग करना ही उचित समझते हैं।

कुंडली के छठे भाव में बुध की उपस्थिति का आर्थिक जीवन पर पड़ने वाला प्रभाव

कुंडली के छठे भाव बुध की उपस्थिति//Mercury in the Sixth House  होने से व्यक्ति के किसी अनैतिक काम में शामिल होने पर बिना प्रशासनिक अधिकारीयों को पैसे दिए उन्हें सजा मिलने की संभावना बढ़ जाती है। वैदिक ज्योतिषशास्त्र के अनुसार इस भाव में बुध के होने से व्यक्ति के माता के पैतृक पारिवारिक सदस्यों के मतभेद होने की संभावना बनी रहती है। यह संभावना तब और भी बढ़ जाती है जब बुध मीन, वृषभ और कुंभ राशि में होता है। बुध की इस स्थिति से व्यक्ति को पिता की संपत्ति में भी नुकसान होने की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, क्योंकि यह तीसरे और बारहवें भाव का स्वामी होता है। बुध व्यक्ति में लेखन की रुचि को बढ़ावा देता है और ऐसे में व्यक्ति अदालत, किसी लीगल फोरम, पुलिस एफआईआर, पति-पत्नी के कानूनी मामलों की याचिका, किसी प्रकार का आवेदन और दूसरों के बयान आदि लिखने में रुचि रख सकते हैं। ऐसे में व्यक्ति जानबूझकर अपने लेखन में झूठ और कड़वाहट लाने का प्रयास करते हैं। यदि उनकी याचिका ख़ारिज हो जाए तो वे इसे अपने लिए बहुत बड़ा अपमान समझते हैं। हालांकि ऐसा बहुत ही कम देखा गया है कि, व्यक्ति अपनी हार होने पर किसी अन्य के खिलाफ झूठे आरोप लगाए या अन्य माध्यम से उन्हें धमकाने का प्रयास करें। 

कुंडली के छठे भाव में बुध की उपस्थिति का धार्मिक जीवन पर पड़ने वाला प्रभाव

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कुंडली के छठे भाव में बुध/mercury in the sixth house की उपस्थिति होने से व्यक्ति का झुकाव आध्यात्म और धार्मिक क्रिया कलापों की तरफ ज्यादा होता है। साथ ही उनका विश्वास भूत-प्रेत या आत्माओं द्वारा होने वाली परेशानियों में भी काफी बढ़ जाता है। इसलिए व्यक्ति स्वयं तंत्र, मंत्र या यंत्र के रूप में माने जाने वाले आध्यात्मिक मंत्रों की शिक्षा लेते हैं या ऐसे लोगों की मदद लेते हैं जो खुद को ऐसी गतिविधियों में विशेषज्ञ होने का दावा करते हैं। ये व्यक्ति कभी-कभी जनता के सामने परिष्कृत रूप में सामने आ सकते हैं और खुद को सभी ज्ञान के विशेषज्ञ के रूप में प्रकट कर सकते हैं; इतना कि वे बिना किसी या किसी अन्य विद्वान और अनुभवी व्यक्ति की निगरानी के, स्वयं मंत्र, तंत्र का अभ्यास भी कर सकते हैं। इसका परिणाम यह होता है कि वे खुद को नुकसान के रास्ते पर ले जाते हैं। गुरु वह होता है जो व्यावहारिक मार्गदर्शन प्रदान करते हुए पढ़ाता है, लेकिन ऐसे व्यक्ति अपने आप को सभी जानकारों के रूप में दिखाने की कोशिश करते हैं, और उन्हें किसी गुरु की मदद की भी आवश्यकता नहीं होती है। इन व्यक्तियों का मानना ​​है कि उन्हें जो भी जानकारी चाहिए वह किताबों में मौजूद है, और उन्हें किसी की  आवश्यकता नहीं है, ऐसी सोच निश्चित रूप से गलत है। देवी दुर्गा या भैरव या किसी राक्षस से संबंधित किसी भी धार्मिक उपाय में अक्सर ऐसा होता है। कुंडली के छठे भाव में बुध की उपस्थिति होने से व्यक्ति के जीवन पर सबसे बड़ा नुकसान यह पड़ता है कि, वे किसी भी चीज का ट्रैक रिकॉर्ड रखने में असमर्थ होते हैं,  फिर चाहे वो किसी व्यवसाय के लिए हो, अपने काम के लिए हो, किसी कंपनी के लिए हो, उन्हें ट्रैक रिकॉर्ड रखना याद नहीं रह सकता है। पैसों का अकाउंट सँभालने की स्थिति में भी वो ट्रैक रखने में गलतियां करते हैं जिसके कारण उन्हें काफी लताड़ मिल सकती है या कंपनी से निकाला भी जा सकता है। 

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