मुख्य पृष्ठ ग्रहों बुध बुध सातवें घर में

प्रीमियम उत्पाद

सातवें भाव में बुध | Mercury in Seventh House

ज्योतिषशास्त्र में कुंडली के सातवें भाव को सबसे ज्यादा प्रभावशाली माना जाता है इस शक्तिशाली भाव में बुध की स्थिति को सबसे अच्छा माना जाता है। कुंडली के सातवें भाव में बुध/Mercury in Seventh House व्यक्ति के विवाह के साथ ही साथ विवाहिक जीवन, यौन संबंध के साथ ही अन्य पहलुओं को भी तय करता है। सातवें भाव में बुध की स्थिति व्यक्ति के प्रेम संबंधों को भी दर्शाता है। प्रेमी के साथ अंतरंगता और उनकी यान प्रवृति को भी दर्शित करता है। इसके साथ ही यदि उनमें यौन प्रवृति को लेकर पूर्ण या आंशिक इलाज की जरुरत है, तो इसका आभास भी हो जाता है। प्रेम, विवाह, यौन संबंध के अलावा कई अन्य कारण भी हैं जो इस स्थान में बुध के विराजमान होने से प्रत्यक्ष प्रभाव में आते हैं। सातवें भाव में बुध की स्थिति होने से व्यक्ति विदेश में कोई भाव या जमीन खरीद या बिक्री कर सकता है। यह ज्योतिषीय स्थिति किसी भी प्रकार के झगड़े के निपटारे, विरोधी, शत्रु और चोट या घाव को भी दर्शाता है।

 

किसी भी कारण से व्यक्ति के विवाह का सफल या असफल होना जैसे किसी विशेष परिस्थिति के कारण, पति-पत्नी में समायोजन न बन पाने के कारण अलगाव होना, पति-पत्नी के बीच अनुकूलता के कारण तलाक, पति या पत्नी में से किसी एक की मृत्यु, विवाहित जीवन में किसी तीसरे व्यक्ति की दखलंदाजी और पति-पत्नी के चरित्र उन्मुखीकरण, यह सभी कुंडली के सातवें भाव में बुध की उपस्थिति होने के कारण हो सकता है। कुंडली में सातवां भाव विशेषरूप से पेट के निचले हिस्से, जननांगों और यौन विकारों को नियंत्रित करने के लिए जिम्मेवार होता है। व्यक्ति की कुंडली के सातवें भाव में बुध की स्थिति होने से व्यक्ति के वैवाहिक जीवन में पति-पत्नी अपने व्यक्तिगत जरूरतों के लिए अनैतिक कार्यों में लिप्त हो सकते हैं। खुद में किसी भी तरह की कमी के कारण सुविधा का विवाह, एक अनुबंध वाले विवाह में बंध सकते हैं। इसके साथ ही व्यक्ति का किसी के साथ अवैध संबंध में होने की स्थिति को प्रोत्साहित कर सकता है। 

 

सातवें भाव में बुध की उपस्थिति का नकारात्मक प्रभाव/ Negative Impact of Mercury in Seventh House 

सातवें भाव में बुध की उपस्थिति होने के कारण व्यक्ति किसी प्रकार के मुकदमेबाजी में फंस सकता है या किसी अवैध काम को करने में रुचि ले सकता है। इसके साथ ही वो अन्य गतिविधियां जो अपराध के अंतर्गत आती है, कुंडली में सातवें घर द्वारा शासित की जाती है।  सातवें घर जिंदगी में दोहराव और व्यक्ति द्वारा तत्काल ध्यान आकर्षित करने के लिए भी मुख्य रूप से जिम्मेवार माना जाता है। वैदिक ज्योतिष की गणनाओं के अनुसार कुंडली के सातवें घर में यदि बुध अकेले विराजमान हो तो इसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर सकारात्मक रूप से पड़ सकता है। ऐसा दावा किया जाता है कि, यह स्थिति व्यक्ति के लिए अच्छे परिणाम देने वाली साबित हो सकती है। हालाँकि यदि बारहवें घर में स्थित किसी ग्रह की बुध पर प्रत्यक्ष दृष्टि हो तो ऐसे में यह व्यक्ति के जीवन में हानिकारक और प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला साबित हो सकता है।  सातवें घर में बुध की स्थिति तभी नुकसानदेह मानी जाती है जब इस पर मंगल, शनि और सूर्य का स्वामित्व हो। अन्य स्थिति इतनी नुकसानदेह नहीं मानी जाती है। यह स्थिति व्यक्तियों को दूसरों को गुमनाम पत्र लिखकर ब्लैकमेल करने की प्रवृत्ति देती है। वह दूसरों को फर्जी-टेलीफोन कॉल या शरारत फोन कॉल करने जैसी प्रवृति में भी शामिल हो सकते हैं।  वे इंटरनेट के माध्यम से दूसरों को अनुचित संदेश भी भेज सकते हैं। वे इस तरह की गतिविधि दूसरों को नुकसान पहुंचाने के एकमात्र इरादे से करते हैं। एक महिला जिसके सातवें घर/Seventh house में कर्क है, वह भी किसी न किसी कारण से खुद को ब्लैकमेल करने के लिए प्रेरित कर सकती है।

 

सातवें भाव में बुध की उपस्थिति का जीवनसाथी पर प्रभाव/ Imapct of Mercury in Seventh House On Spouse 

वैदिक ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कुंडली के सातवें घर में बुध की स्थिति/Mercury in Seventh House  व्यक्ति को एक समझदार साथी और दोस्त का सांगत प्रदान करता है।  ऐसे व्यक्ति के साथी भले ही पढ़े-लिखे न हो लेकिन फिर भी वे सांसारिक ज्ञान, बुद्धि, मानव स्वभाव की गहरी और व्यापक समझ रखते हैं।  वे सामाजिक गतिविधियों में अच्छी तरह से खुद को सम्मिलित कर लेने में सक्षम रहते हैं। यह उनके चरित्र का एक महान और पर्यवेक्षक रूप को दर्शाता है। व्यक्ति के कुंडली के सातवें घर में बुध की स्थिति होने से व्यक्ति के जीवनसाथी के रूप में एक पेशेवर लेखक, कवि, पत्रकार, ज्योतिष, हस्तरेखावाद या बुध के गुणों के तहत उल्लेखित कोई अन्य क्षेत्र हो सकता है।  

 

सातवें भाव में बुध की उपस्थिति का सेहत पर प्रभाव/ Imapct of Mercury in Seventh House On Health 

कुंडली के सातवें भाव में बुध की स्थिति होने से व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। उन्हें विशेष तौर पर पेट के निचले हिस्से में किसी तरह की परेशानी या विकार का अनुभव हो सकता है। इसके साथ ही व्यक्ति अनुवांशिक रूप से पेट से जुड़ी और यौन समस्याओं से भी ग्रसित हो सकता है। जब बुध उपर्युक्त निवास में होता है तो ऐसी स्वास्थ्य समस्याएं व्यक्ति के लिए चिंता का विषय बन सकती है। पेट से समस्याओं में व्यक्ति को गैस, अपच, कब्ज आदि की समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है।

अन्य राशियों में बुध के समस्त गोचरों के प्रभावों के बारे में पढ़ने के लिए बुध के गोचर पर क्लिक करें। साथ ही आप हमारी वेबसाइट से जन्मकुंडली, लव या अरेंज मैरिज में चुनाव, व्यवसायिक नामों के सुझावस्वास्थ्य ज्योतिषनौकरी या व्यवसाय के चुनाव के बारे में भी पढ़ सकते हैं।

ज्योतिष रहस्य