मुख्य पृष्ठ ग्रहों बुध बुध नवम भाव में

प्रीमियम उत्पाद

नवम भाव में बुध | Mercury in the Ninth House

वैदिक ज्योतिष के अनुसार बुध सूर्य के सबसे निकट ग्रह है। इस वजह से बुध ग्रह को ब्रह्मांडीय प्रणाली महाशक्ति द्वारा उत्सर्जित चमक और चमकदार प्रकाश की सबसे ज्यादा रौशनी प्राप्त होती है। पूरे सौर मंडल में सबसे छोटे ग्रह के रूप में, ज्योतिष में इसका बहुत बड़ा महत्व है। यह व्यक्ति की कुंडली में संचार, विश्लेषणात्मक क्षमताओं और बुद्धि के लिए जिम्मेवार ग्रह माना जाता है। इसके साथ ही नवम भाव में बुध/Mercury in the Ninth House की उपस्थिति होने से यह व्यक्ति के जीवन में विदेश और दूर की यात्राओं एवं उन्हें अपने सपने पूरे करने के लिए प्रोत्साहित करता है।  बहरहाल कुंडली के नवम भाव में बुध की उपस्थिति होने से व्यक्ति बुद्धिमान, जिज्ञासु, प्रेरक और संवादात्मक बनता है। नवम भाव में इस ग्रह की उपस्थिति के कारण व्यक्ति में जिज्ञासा की बढ़ोतरी, बातचीत में रुकावट और उनके ज्ञान एवं आध्यात्मिकता को भी प्रभावित करता है।  

नवम भाव में बुध की उपस्थिति का सकारात्मक प्रभाव/Positive Imapct of Mercury in the Ninth House 

व्यक्ति की कुंडली के नवम भाव में बुध/Mercury in the Ninth House की उपस्थिति से व्यक्ति को ज्यादा से ज्यादा ज्ञान प्राप्त करने की प्रबल इच्छा जागृत होती है। वे पढ़ने और सीखने की प्रवृत्ति रखते हैं और ऐसा इसलिए नहीं करते हैं क्योंकि उन्हें करना है, बल्कि इसलिए कि वह इसमें गहरी रुचि रखते हैं। इसके अलावा, वह दूसरों के साथ व्यक्तिगत दर्शन और विचारों का आदान-प्रदान करने का आनंद लेते हैं। वह उत्साही और प्रभावशाली वक्ता के रूप में भी उभर कर सामने आते हैं। हालांकि वे विवरणों पर ध्यान नहीं दे सकते हैं। इसके साथ साथ वह अच्छी तरह जानते हैं कि किसी भी समस्या का त्वरित समाधान कैसे प्राप्त किया जाए। कुंडली में बुध की उपस्थिति होने से व्यक्ति आने वाली जिंदगी की बड़ी तस्वीर देख सकता है और अपने विचारों को दूसरों के साथ साझा कर सकता है। वो अच्छी तरह से इस बात को समझते हैं कि एक अच्छी जानकारी किसी की जिंदगी को किस तरह से प्रभावित कर सकती है और वे यह भी सुनिश्चित करते हैं कि उनकी जानकारी से दूसरे भी लाभवंवित हो सकें। अगर उनके सुझाव या जानकारी दूसरों को कुछ नया करने के लिए प्रेरित करते हैं, तो उन्हें इस बात की बहुत खुशी होती है। उन्हें विभिन्न जगहों और संस्कृतियों को समझने में भी दिलचस्पी हो सकती है।  

कुंडली के नवम भाव में बुध की स्थिति होने से व्यक्ति का रूझान आध्यात्म की तरफ सबसे ज्यादा होता है। ऐसे में व्यक्ति एक धार्मिक गुरु या आध्यात्मिक उपदेशक के रूप में अपनी पहचान बना सकता है। हालांकि ऐसे लोगों में छोटी-छोटी बातों के बारे में भी गहनता से सोचने की प्रवृति होती है। अपने असीम ज्ञान की वजह से वे दूसरों के लिए प्रेरणा के काफी श्रोत बन सकते हैं। बुध की इस स्थिति के कारण विशेष रूप से छात्रों को विदेश जाकर पढाई करने का मौका मिल सकता है। उन्हें यह सुझाव दिया जाता है कि वे भाषा अध्ययन करें क्योंकि उनके इन क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन करने की संभावना है। बुध के प्रभाव के कारण व्यक्ति का झुकाव यात्रा, मुकदमेबाजी, विदेश मामलों, ध्यान, दर्शन और धर्म के प्रति अधिक रह सकता है। वे अच्छे शिक्षक, अनुवादक, आध्यात्मिक नेता, विज्ञापनदाता आदि के तौर पर अपना करियर बना सकते हैं। वे तेज-तर्रार, और किसी भी स्थिति के अनुकूल खुद को ढालने में अच्छी तरह से सक्षम होते हैं। नतीजतन, वे किसी भी संकट में एक मूल्यवान संपत्ति बन जाते हैं। विभिन्न संस्कृतियों और लोगों के बारे में विशेष ज्ञान रखने की वजह से इसका लाभ उन्हें जिंदगी के हर कदम पर मिल सकता है। चूँकि वे अपने विचारों के आदान-प्रदान में विशेषज्ञ होते हैं, इसलिए वे महान शिक्षक बन सकते हैं। उन्हें किसी ख़ास  विषय पर ध्यान देना चाहिए ताकि उन्हें इसके बारे में पूरी जानकारी मिल सके। वे उदाहरणों का हवाला देकर पढ़ाते हैं, और वे जानकारी देते समय चुनने के लिए कई तरह के अनुभव भी सामने वाले को प्रदान करते हैं।

नवम भाव में बुध की उपस्थिति का नकारात्मक प्रभाव/Negative Imapct of Mercury in the Ninth House 

कुंडली के नौवें भाव में बुध की उपस्थिति/Mercury in the Ninth House  होने से व्यक्ति अलग-अलग विषयों को सीखने की प्रबल इच्छा रखते हैं, इसलिए उनके पास समय या धैर्य की कमी हो सकती है। वे अपनी पसंदीदा चीजों को पाने के लिए हमेशा उत्सुक रहते हैं और बिल्कुल भी धैर्य से काम नहीं लेते। ऐसे लोगों को यह सलाह दी जाती है कि, वे जब तक सभी तथ्यों की विस्तार से जांच ना कर लें तब तक कोई भी आवश्यक निर्णय ना लें। ऐसे लोगों को अपनी आधिकारिक शक्ति, विश्वसनीयता और सम्मान के कारण खुद पर घमंड महसूस नहीं करना चाहिए। क्योंकि अगर वे ऐसा करते हैं तो उनकी छवि खराब होने की अधिक संभावना रहती है। ऐसे व्यक्ति बिना समस्या की गहरायी को समझे किसी भी मामले में शामिल हो जाते हैं और ऐसे सुझाव दे सकते हैं जो अक्सर दूसरों के लिए सहायक नहीं होते हैं। जबकि उन्हें उचित समस्या के लिए उचित समाधान या सुझाव देना चाहिए। इसलिए उन्हें  बुध की समस्याओं के उपचारात्मक उपायों की आवश्यकता है। हालांकि वे जिंदगी की बड़ी तस्वीर देख पाने में सक्षम होते हैं इसलिए हो सकता है कि वे सच्चाई को पूरी तरह से समसझने के लिए तथ्यों के साथ ना चलते हो। इसलिए, कोई भी राय देने से पहले, उन्हें स्थिति का उचित विश्लेषण करना चाहिए। यदि वे उत्तर से अपरिचित हैं, तो उन्हें इसका खंडन करना चाहिए।

संक्षेप में ऐसा कहा जा सकता है कि, कुंडली के नवम भाव में बुध अशुभ प्रभाव की तुलना में अधिक लाभकारी प्रभाव डालता है। तेज विचारक, तेज-तर्रार और बुद्धिमान होने के कारण व्यक्ति अपने जीवन में अच्छा मुकाम भी मिल सकता है। लेकिन उन्हें अपने अहंकार और आत्म-अतिशयोक्ति पर नियंत्रण भी रखना चाहिए।

आप हमारी वेबसाइट से सभी भावों में बुध के प्रभावग्रहों के गोचर और उसके प्रभावों के बारे में भी पढ़ सकते हैं।

ज्योतिष रहस्य