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मंगल का कन्या राशि में होना | Mars in Virgo Sign

मंगल के कन्या राशि में होने पर यह स्थिति आत्मविश्वासी, उदार, उत्साहजनक, करिश्माई, दृढ़ संकल्प शक्ति, जिद और अभिमान दे सकती है। मंगल ग्रह उत्साह, जोश, आत्मविश्वास, चंचल और गर्व प्रदान करने वाला होता है। कन्या राशि धैर्य, शांति, पोषण करने वाली राशि है। इन दोनों का एक साथ होना मिले जुले फल प्रदान करता है। कन्या राशि बुध ग्रह के स्वामित्व की राशि है। द्विस्वभाव युक्त पृथ्वी तत्व वाली राशि जो मंगल को एक मजबूत स्थिति भी प्रदान करती है। वैसे मंगल और बुध के मध्य परस्पर संबंधों का तटस्थ भाव रहा है किंतु मंगल के लिए यहां होना कई मायनों में खास भी हो जाता है। मंगल के कन्या राशि में आने पर बौद्धिकता को बल मिलता है। मंगल के करो मरो जैसे गुण यहां सोच विचार करके काम करने के गुण में बदल जाते हैं। जोश के साथ अब होश भी काम करता है।

 

जुनून का रंग अब कुछ निखार लिए होता है। मंगल के मध्य जो चंचलता है वह कन्या के साथ से कुछ स्थिर अभिव्यक्ति में ढलती दिखाई दे सकती है। यहां चीजें आक्रामक न होकर कुछ विचारशील भी दिखाई देती हैं। जहां मंगल उत्साह, इच्छा और ऊर्जा से भरपूर होता है वहीं कन्या उत्सुकता और बुद्धि के साथ उसे नई पहचान दिलाने में सहायक बनती है। कठोरता और सौम्यता का गुण साथ साथ काम करता है। यह कुछ एक डोर के दो अलग छोर के होने जैसा भी है अत: इसके कारण चीजें कई बार अव्यवस्थित सी भी लग सकती हैं।

 

कन्या राशि छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देने वाली राशि है केयर करने का स्वभाव इनमें हमेशा से होता है इसलिए मंगल का सहयोग पाकर यह सुरक्षा को ओर भी बेहतर ढंग से प्रदान कर पाती है। व्यक्ति सभी के मध्य लोकप्रिय होता है। उसकी परोपकारिता और उदारता सभी के मध्य उसे एक अच्छा स्थान दिलाने में सहायक होती है। जहां मंगल साहस का ग्रह है वहीं कन्या परिश्रम का गुण हैं दोनों मिलकर जीवन के लिए अच्छे विकल्प उत्पन्न कर सकते हैं। 

 

स्वभाव और व्यक्तित्व से होते हैं सहयोगी एवं उदार 

क्या कन्या राशि में मंगल होने से स्वभाव में विनम्रता और धैर्य का गुण विकसित होता है। कन्या का प्रभाव मंगल की आक्रामकता को करने में भी सहायक होता है। मधुर भाषी किंतु प्रभावी रुप से अपनी बात कहने में सफल रहते हैं।  जल्दबाजी के कार्यों से बचते हैं और सोच विचार करके आगे बढ़ना पसंद करते हैं। कन्या राशि का गुण है की ये सावधानीपूर्वक अपने कामों को करने की योजना बनाती है और मंगल को भी इसका ये गुण मिलता है तो मंगल की तेजी यहां थोड़ी स्थिरता को पर और भी अधिक बेहतर परिणाम दिखा सकती है। 

 

व्यक्ति कर्मठ होता है तथा भाग दौड़ बनाए रखते हैं। अपनी इच्छाओं के बारे में काफी आश्वस्त भी रहते हैं। सोच विचार के साथ काम करने वाले होते है। हर मुद्दे पर अपने विचार प्रकट करने में सक्षम होते हैं। अपनी जरूरतों के बारे में कभी भी बहुत अधिक दिखावा नहीं करते हैं। निजी जीवन में काफी अपने तक ही सीमित तक रहना पसंद करते हैं। सामाजिक रुप से सहयोगात्मक होते हैं। लोगों के साथ मिलजुल कर काम करने में भी काफी आगे रहते हैं। 

 

करियर और व्यवसाय से जुड़े अनेक क्षेत्रों में पाते हैं सफलता

कन्या राशि में स्थित मंगल का प्रभाव व्यक्ति को कई कामों को करने की योग्यता प्रदान करने वाला होता है। व्यक्ति के भीतर छिपी प्रतिभाएं होती हैं जो समय के साथ साथ निखार भी पाती हैं। व्यक्ति अपने काम करने के साथ साथ दूसरों के लिए भी सहायक बनता है। व्यक्ति में रचनात्मक और कलात्मक गुण भी मौजूद होते हैं। व्यक्ति डॉक्टर, नर्सिंग, सर्जरी के क्षेत्र में जा सकता है। इसके अलावा, भाषण, वक्ता, उपदेशक, लेखन एवं संचार माध्यम के द्वारा अच्छा लाभ अर्जित कर सकता है। व्यक्ति किसी रंगशाला से जुड़ सकता है अभिनेता बन सकता, अपनी वाणी द्वारा लोगों को अच्छे से आश्वस्त भी कर सकता है। प्रशासनिक कार्यों सेवा कार्यों में भी अच्छे स्तर पर काम कर सकता है। 

 

मंगल का कन्या में होना व्यक्ति को बहुमुखी प्रतिभा भी दे सकता है। मशीनरी के कार्य हों या फिर कोमलता पुर्ण किए जाने वाले काम दोनों ही स्थानों पर अपनी योग्यता दिखाने का लाभ इन्हें मिलता है। अपने कार्यक्षेत्र में प्रसिद्धि पाता है। लक्ष्यों के प्रति ध्यान भी एकाग्र होता है। नई चीजों को खोजने कौई प्रतिभा भी इनमें हो सकती है। सामाजिक क्षेत्र में कई कल्याणकारी कामों से जुड़ कर लोगों के चहेते भी बन सकते हैं। इन लोगों में काम करवाने की कुशलता भी अच्छी होती है। चातुर्य भी होता है। अपनी योजनाओं से दूसरों को प्रभावित कर लेने का हुनर भी इनमें होता है।

 

प्रेम और विवाह संबंधों को लेकर होते हैं संवेदनशील 

मंगल का कन्या राशि में होने पर प्रेम में संवेदनशील होते हैं। अपने रिश्तों में ये काफी ईमानदार रहते हैं। रिश्तों को लेकर काफी सजग होते हैं। विवाह संबंध काफी मजबूत रहते हैं। साथी के प्रति इनका समर्पण का भाव होता है। प्रेम में अत्यधिक उत्साहित चाहे न दिखें लेकिन मन में कल्पनाओं और सपनों का संसार बसा होता है। ये जिनके साथ जुड़ते हैं उनके साथ एक गहरा आत्मीयता का संबंध चाहते हैं। किसी से प्रेम करने में अत्यधिक जल्दबाजी से नहीं बढ़ते अपितु अपने प्रेम को परखते भी हैं। 

 

भावनात्मक होते हैं इसलिए रिश्ते की अहमियत को जानते हैं। भरोसा ओर सुरक्षा ये दोनों ही बातें इनको रिश्ते में स्वीकार्य होती हैं। इन्हें दिखावे के संबंधों से दूरी बनाए रखना ही पसंद होता है। अपने साथी एवं परिवार के लिए हर समय तत्पर दिखाई देते हैं। परिवार की जरूरतों को पूरा करना इसका उद्देश्य होता है। अपनी जिम्मेदारियों से दूर नही भागते हैं बल्कि उसे पूर्ण रुप से निभाते हैं। उदारता एवं सेवाभाव इनके भीतर हमेशा रहता है। अपने जीवन को शांत और स्थिर रुप से जीना पसंद करते हैं। 

आप हमारी वेबसाइट से सभी भावों में मंगल के प्रभावग्रहों के गोचर और उसके प्रभावों के बारे में भी पढ़ सकते हैं।

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