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मंगल का मेष राशि में होना | Mars in Aries Sign

मंगल का मेष राशि में होना ऊर्जावान, लीडर, तीव्र, गतिशील, साहस एवं पराक्रम से भरपूर होने का संकेत देता है। मेष राशि मंगल के लिए एक अनुकूल स्थिति माना गया है। मेष राशि मंगल के स्वामित्व की ही राशि है और इस कारण से मंगल का यहां होना काफी अच्छा और सकारात्मक प्रभाव देने वाला भी होता है। मंगल ग्रह ज्योतिष शास्त्र में अदम्य साहस का प्रतीक बनता है। व्यक्ति के भीतर जो भी हिम्मत और निर्णय लेने में तेजी होती है, वह मंगल के द्वारा ही प्राप्त होती है। मेष राशि एक अग्नि तत्व युक्त राशि और चलायमान गुण पाती है। इन दोनों गुणों का प्रभाव मंगल के साथ जब एक योग बनाता है तो यह स्थिति व्यक्ति में निस्संदेह रुप से तीव्रता, कामुकता और तेजी का गुण अवश्य देता है। 

 

मेष राशि और मंगल ग्रह दोनों ही अग्नि तत्व युक्त हैं और इन दोनों के भीतर की आग जब एक होती है, तो वह अवश्य ही अत्यधिक मात्रा में दिखाई भी देगी। मेष राशि और मंगल के भीतर जो समानताएं हैं वह व्यक्ति को गहराई तक प्रभावित करने वाली होती है। हर प्रकार की गतिविधियों में शामिल होने का जोश इन्हीं में दिखाई देता है। मंगल ग्रह अपनी स्वराशि मेष में रहकर काफी मजबूती भी पाता है। मेष राशि मंगल की मूल त्रिकोण राशि भी मानी जाती है, अत: इस कारण से भी मंगल को जो शुभता एवं ऊर्जा यहां प्राप्त होती है, वह अन्यत्र कहीं नहीं मिलती। मेष में स्थिति मंगल की छाप अलग से ही दिखाई देती है। 

 

ऊर्जावान व्यक्तित्व जो बदल सकता है दुनिया 

मंगल का मेष राशि में होना व्यक्तित्व को निखार देता है और यह निखार उस चमक को उत्पन्न करता है, जो दूर तक दिखाई देती है। व्यक्ति के कार्यों का प्रभाव भी काफी गहरा पड़ता है। वैसे यह लोग स्वभाव से क्रोध, अभिमान, अस्थिर, ईमानदार, उच्चाभिलाषी, परिवर्तनशील होते हैं। मेष राशि में मंगल का प्रभाव व्यक्ति को मुश्किलों में भी आगे निकल जाने का साहस प्रदान करता है। किसी भी प्रकार का डर यहां ज्यादा देर तक काम नहीं कर पाता। किसी भी स्तर पर अपनी सेवा देने में भी व्यक्ति परेशान नहीं होता। वह भीड़ का प्रतिनिधित्व करने में कुशल होता है। लोगों को संभाल लेने में भी उसकी दक्षता काफी अच्छे स्तर की होती है। इस स्थान पर मंगल व्यक्ति के भीतर जो जोश देता है, वह उसे बिना रुके आगे बढ़ने की हिम्मत भी देता है। एक अलग तरह का प्रभाव और तेज व्यक्ति में देखने को मिलता है। 

 

मेष में बैठा मंगल कठिन परिस्थितियों में भी डटे रहने की अच्छी हिम्मत देता है। मंगल और मेष का योग होने पर काम को करने की ललक और जुनून भी देता है। व्यक्ति चीजों को अंत तक न पहुंचा पाए, लेकिन शुरुआत को लेकर उसका जोश काबिले तारीफ हो सकता है, क्योंकि किसी काम की शुरुआत ही एक कठिन समय से होता है, जो मेष राशि में मंगल को होने पर सहजता के साथ प्राप्त होने वाला गुण बनकर उभरता है। यहां कमी इस बात में होती है की एक काम को अंत तक ले जाना मुश्किल सा हो जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि व्यक्ति में अपना एक अलग रुझान और रुचि हो सकती है और कुछ अलग करने की इच्छा हमेशा अधिक रहने से पुराने काम को अधर में छोड़ सकते हैं। 

 

करियर और व्यवसाय में रिस्क लेने का गुण होता है बेहतरीन 

मंगल का मेष राशि में होना कार्यक्षेत्र में अच्छा परिणाम दिखा सकता है। अपने काम को लेकर मेहनती और लगन इनमें हमेशा देखने को मिल सकती है। आलस्य से दूर रहते हुए काम करने के कारण सफलता और उपलब्धियों को पाने में सक्षम होते हैं। काम में मिलने वाली इनकी प्रतिक्रियाएं भी काफी उत्साह और जोश को दिखाने वाली होती है। अपने काम में ये लोग जोखिम लेने से भी नहीं चूकते हैं। कुछ मामलों में रिस्क लेना परेशानी दे सकता है लेकिन कहा जाता है कि रिस्क लेना ही सफलता की पहली सीढ़ी होने का काम भी करती है। इस मामले में मेष का मंगल काफी बेहतर माना गया है। इन्हें आसानी से हराया नहीं जा सकता है क्योंकि अपने काम के प्रति इनकी इमानदारी और उच्च महत्वाकांक्षा बेहतर ढंग से काम करती है।  

 

मंगल और मेष राशि का प्रभाव व्यक्ति को मजबूत, आक्रामक, प्रभावशाली, उर्जाशील बनाता है। ऎसे में इनके लिए  शारीरिक रूप से काम करना उत्तम होता है। सेना, पुलिस, सुरक्षा बल, सुरक्षा विभाग, लीडर, राजनीति से जुड़े काम, रोमांच और साहस से जुड़े कामों में इनका प्रदर्शन अच्छा होता है। इसी तरह के अन्य चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में ये लोग बहुत अच्छा कर सकते हैं। ऐसे लोग अपने तरीके से काम करने वाले भी होते हैं बिजनेस में सफल कारोबार को स्थापित करने में भी सक्षम हो सकते हैं। चीजों को अपने दम पर करने की क्षमता इनमें बेहतरीन होती है। यह लोग दूसरों का सहारा बनकर उभरते हैं। नए विचारों के साथ जुड़ना इन्हें पसंद होता है और इनके काम में ये एक अच्छा नज़रिया भी बनता है। 

 

प्रेम और विवाह संबंध में बना रहता है अंतरंगता का भाव 

प्रेम और विवाह संबंधों के मामले में यह स्थिति काफी जोशी और रोमांच से भरपूर हो सकती है। मेष राशि में मंगल का होना व्यक्ति को प्रेमी और एक उत्साही प्रेमी के रुप में भी दर्शाता है। प्यार को लेकर इनमें जो भावनाएं होती है उन्हें छिपाना इन्हें पसंद नहीं होता है। अपने दिल की बातों को खुले रुप से साथी के सामने रखना पसंद करते हैं। प्रेम और यौन संबंधों का आकर्षण भी इनके भीतर बहुत अधिक होता है। अपने संबंधों में इन्हें उदासीनता का भाव बिलकुल पसंद नहीं होता है। 

 

अपने साथी के साथ जीवन के हर पल को जीने की चाह इनमें होती है साथी के साथ रोमांच से भरपूर यात्राओं को करना पसंद करते हैं। साथी के साथ मिलकर अपने प्रेम को अभिव्यक्त करना पसंद करते हैं। प्यार में काफी इमोशनल भी होते हैं। इनके भीतर स्वतंत्र होकर विचरने की इच्छा होती है। ऐसे में जब साथी की ओर से इस पर नियंत्रण लगाया जाता है तब यह अधिर हो जाते हैं। वैवाहिक जीवन में यह अपनी ही जैसी ऊर्जा एवं अभिव्यक्ति वाला साथी चाहते हैं। प्यार में कामुक होते हैं सच्चे दिल के होते हैं बातें छिपाना इन्हें बिलकुल पसंद नहीं होता है। 

आप हमारी वेबसाइट से सभी भावों में मंगल के प्रभावग्रहों के गोचर और उसके प्रभावों के बारे में भी पढ़ सकते हैं।

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