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मिथुन राशि में केतु की उपस्थिति

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुध को ज्ञान और बुद्धि का प्रतीक माना जाता है। बुध मिथुन राशि का स्वामी ग्रह है जो इस राशि वालों को बुद्धि और ज्ञान की अनुभूति कराता है। मिथुन राशि में केतु की उपस्थिति/Ketu in Gemini होने से यह व्यक्ति को अपनी आजदी को प्राथमिकता देने के लिए प्रोत्साहित करता है क्योंकि यह दोनों ही वायु ग्रह ग्रह है। मिथुन राशि में  केतु की उपस्थिति होने से व्यक्ति क्लोस्ट्रोफोबिक वातावरण में रहने से खुद को काफी असहज महसूस कर सकते हैं। केतु को ज्योतिष शास्त्र में खासतौर से बिना सर रहित छाया ग्रह माना जाता है। 

इसके प्रभाव से व्यक्ति अपने जीवन में खुद को काफी भ्रमित और अनिश्चित महसूस कर सकते हैं। दूसरी तरफ मिथुन एक दोहरी राशि है जो व्यक्ति के जीवन में किसी भी चीज को लेकर तुरंत निर्णय करने की क्षमता से दूर रखता है। केतु की उपस्थिति मिथुन राशि में होने से यह व्यक्ति को काफी जिद्दी और अहंकारी बना सकता है। उन्हें खुद पर काफी गर्व होता है और इसके साथ ही उन्हें अपने गुस्से पर काबू नहीं रहता और वह अपना आपा जल्दी खो देते हैं। इस कारण से उनके करीबी रिश्तों में काफी मुसीबतें पैदा हो सकती है। किसी भी स्थिति में अनिश्चितता और निर्णय ना ले पाने  के कारण वे अपनी बुद्धि और ज्ञान का उपयोग नहीं कर पाते हैं। इस ज्योतिषी स्थिति के कारण व्यक्ति के मस्तिष्क में चिंता और निर्णय न ले पाने की समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। केतु के प्रभाव से मिथुन राशि वाले छोटी दूरी की यात्रा पर भी जा सकते हैं। प्रेम और वैवाहिक जीवन में मतभेद और तनाव की स्थिति पैदा हो सकती है और व्यक्ति को अपने करीबी दोस्तों की नाराजगी भी झेलनी पड़ सकती है। 

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