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कन्या राशि में बृहस्पति/Jupiter in Virgo sign

बृहस्पति उन ग्रहों में से हैं जो खुद सबसे कमज़ोर स्थिति में होने के बावजूद भी अच्छे परिणाम देती है। चलिए जानते हैं क्या होगा जब कन्या राशि में विराजमान होते हैं गुरू।

बृहस्पति का कन्या राशि में होने का प्रभाव 

बृहस्पति का कन्या राशि में होना व्यक्ति को एक बेहतर दृष्टिकोण एवं विचारशीलता प्रदान करता है। बृहस्पति जो ज्ञान के कारक हैं वह कन्या राशि में जाने पर अपने ज्ञान को और उत्कृष्ट रुप में देने में सहायक होते हैं। कन्या राशि बुध के स्वामित्व की राशि है और ऐसे में इस पर बुध का प्रभाव भी अवश्य पड़ता है। बुध को बुद्धि का कारक ग्रह माना गया है, इसलिए ज्ञान के बुद्धि के स्वामित्व में आने से स्वाभाविक होगा की विचारों पर सोचने समझने की क्षमता पर इसका प्रभाव पड़े। इसी के साथ इस बात पर भी ध्यान देना आवश्यक होता है कि बृहस्पति के साथ बुध का संबंध अधिक अनुकूल नहीं है ऐसे में यहां फल सामान्य रुप से प्राप्त होते हैं। 

कन्या राशि एक कोमल एवं सौम्य राशि में स्थान पाती है और बृहस्पति शुभता का सूचक माना जाता है, ऐसे में इन दोनों का साथ कई चीजों में सकारात्मक फल प्रदान करने में सक्षम होता है। गुरु का एक अहम एवं स्वयं के अस्तित्व का गुण कन्या में आकर कुछ धीमा भी पड़ता है। यहां व्यक्ति अधिक उदार एवं परोपकारिता के गुणों में शामिल भी दिखाई दे सकता है। आर्थिक स्थिति अनुकूल रहती है तथा समाज में प्रतिष्ठा पाने में भी सफल होते हैं।

 

कन्या राशि में बृहस्पति व्यक्तित्व में लाता है आकर्षण एवं संयम का रंग

बृहस्पति का कन्या राशि में होना व्यक्ति के गुणों पर गहरा प्रभाव डालता है। इसके प्रभाव द्वारा व्यक्ति में कुछ कोमलता, शालीन एवं संयमित रुप से आगे बढ़ने की अच्छी समझ आ सकती है। कई बार चीजों में असहज होने पर व्यक्ति अपने मार्ग को बदल लेने का विचार भी रखने के लिए स्वतंत्र हो सकता है। बृहस्पति आसानी से पथ को नहीं बदलना चाहता ऐसे में उसे जोखिम उठाना पड़ सकता है, लेकिन कन्या में बृहस्पति का होना व्यक्ति को अधिक धैर्यशील एवं सोच समझ कर फैसले लेने के लिए प्रेरित करता है। यह गुण व्यक्ति को कई जोखिमों से भी बचाने में सहायक बनता है। इसके साथ ही संसाधनों एवं परिश्रम की भी बचत होती है। आगे की रणनीति के प्रति भी काफी कुशलता से आगे बढ़ने का हुनर प्राप्त होता है। 

कन्या राशि में बृहस्पति की स्थिति व्यक्ति को सौम्य एवं संवेदनशील बनाती है। व्यक्ति चातुर्य पूर्ण कार्य करने में सक्षम होता है। कई मायनों में व्यक्ति समझदारी पुर्ण फैसले ले सकता है। चीजों को  इस प्रकार सहजता से करने का गुण रखता है जिसके चलते अनैतिक कार्यों को करने पर भी किसी को आसानी से इसका बोध नही हो पाता है। यदि गलत कार्य भी करता है तो उसमें सामाजिक प्रतिष्ठा आसानी से खराब नहीं होती है। व्यक्ति की योजनाएं काफी मजबूत होती हैं। 

 

करियर और व्यवसाय के क्षेत्र में मिलती है सफलता 

बृहस्पति का कन्या राशि में होना व्यक्ति को नौकरी एवं व्यवसाय दोनों ही स्थानों पर अच्छा प्रदर्शन करने की क्षमता प्रदान करता है। ज्योतिष शास्त्र सारावली के अनुसार व्यक्ति विद्वान होता है। वह किसी को शिक्षित करके धनार्जन करने में निपुण होता है। कन्या राशि वाले अपने ज्ञान के आधार पर कई चीजों में हाथ आजमा सकता है। कम शिक्षित होने पर बःई उच्च स्तर के कार्यों को कर पाने में सक्षम हो सकता है। सरकारी हो या फिर निजी दोनों स्थानों पर बेहतर करने में सफल होता है। इस राशि में जन्म व्यक्ति एक अच्छा प्रतिष्ठित बिजनेसमैन भी बन सकता है। बृहस्पति एवं बुध दोनों ही व्यवसाय के क्षेत्र में व्यक्ति को अवसर दिलाने में सहायक बनते हैं। अपनी संचार शैली के द्वारा लोगों को आकर्षित करने की कला होती है। 

 

धार्मिक गतिविधियों से जुड़ कर लाभ प्राप्त कर सकता है। कला एवं रचनात्मक स्थिति व्यक्ति की अच्छी होती है जिसके चलते वह अच्छा प्रसिद्ध कलाकार बन सकता है। विभिन्न कलाओं में शिक्षित होकर कार्य कर सकता है। चित्रकारी फाइन आर्ट, संचार से जुड़े काम, मीडिया से जुड़े काम, फैशन, डिजाइनिंग, इंटीरियर डिजाइनर, मैनेजमैंट, ब्रोकर, काउंसलर, शिक्षक, वैध, आचार्य, एडमिस्ट्रेशन से जुड़े कार्यों में अच्छा कर सकता है। 

 

प्रेम और विवाह संबंध 

कन्या राशि में जन्मे व्यक्ति रिश्तों के प्रति काफी समर्पण का भाव रखने वाला होता है। सामाजिक नियमों के अनुसार बेहतर आचरण अभिव्यक्ति इन्हें संबंधों में सफलता दिलाने में सहायक होती है। अपने प्रेम के प्रति निष्ठा और लगाव की भावना इनमें होती है। जीवन साथी के साथ लगाव मजबूत होता है। अपने रिश्तों कि उचित रुप से देखभाल करने वाले होते हैं। रिश्ते में निस्वार्थ भाव से आगे बढ़ते हैं और साथी से भी इसी तरह की आशा रखते हैं। प्रेम संबंधों को अपनी ओर से पूर्ण रुप से निभाने का प्रयास करते हैं। एक लम्बा साथ चाहते हैं तो रिश्तों में दूरी या अलगाव आसानी से सहन नहीं कर पाएंगे। अपने घर परिवार को साथ लेकर चलना पसंद करते हैं। 

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