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तुला राशि में बृहस्पति/Jupiter in Libra Sign

तुला एक वायु तत्व राशि है, जो शुक्र के अधिकार क्षेत्र में आती है। बृहस्पति और शुक्र के मध्य शत्रु भाव होता है। इस शत्रुतापूर्ण संबंध के बावजूद, बृहस्पति की यह स्थिति सकारात्मक हो जाती है, क्योंकि दोनों ग्रह शुभ होते हैं और इनकी प्रकृति काफी सकारात्मक मानी गई है, ऐसे में ज्योतिष के अनुसार ग्रहों की शुभता कुछ बेहतर फलों को देने वाली होती है। तुला राशि में बृहस्पति का होना व्यक्ति को आकर्षक बनाता है। कल्पनाओं में रंग भरने की क्षमता भी देता है। शुक्र जो सौंदर्य का ग्रह हैं वह बृहस्पति का योग पाकर यहां विस्तार का सूचक बन जाता है। 

 

बृहस्पति के तुला राशि में होने का व्यक्तित्व पर प्रभाव 

बृहस्पति का तुला राशि में होना स्वच्छंद उन्मुक्त, कल्पनाशीलता देने में सक्षम होता है। यहां व्यक्ति में रचनात्मक गुण अच्छे हो सकते हैं। किसी कलात्मक गतिविधि में अच्छी पकड़ भी हो सकती है। व्यवहार कुशलता भी प्राप्त होती है। सामाजिक रुप से मिलनसार एवं कार्यों को करने में गतिशीलता पाता है। 

 

वृहत जातक एवं सारावली में तुला राशि में स्थिति बृहस्पति व्यक्ति को अच्छी कद काठी एवं गठीला बदन देता है। स्वास्थ्य अनुकूल रहता है। कुछ चीजों की अधिकता के कारण ही परेशानी होती है अन्यथा स्थिति नियंत्रित होती है। आर्थिक स्थिति अच्छी रहती है। किसी न किसी रुप से धन प्राप्ति होती है। स्त्री पक्ष की ओर से अधिक लगाव एवं रुझान रह सकता है। महंगी वस्तुओं को खरीदने का शौक होता है। रहन सहन में धन खर्च करने वाले होते हैं। खुद पर इनका अधिक धन व्यय हो सकता है। मित्रों के साथ मेलजोल रहता है। घूमने का अच्छा अवसर मिलता है और अपनों के प्रति उदार होते हैं। 

 

स्वभाव उदार और सभी के प्रति प्रेम एवं स्नेह रहता है। बृहस्पति का तुला राशि में होना व्यक्ति को बुद्धिमान और चतुर बनाता है। अपनी विचारशीलता में उत्तम होंगे। नए आइडिया और नई जानकारियों को लेकर आगे बढ़ सकते हैं। नए कामों में आगे बढ़ कर शामिल होते हैं। समाज एवं परिवार को लेकर काफी आगे रहना पसंद करते हैं। दोस्तों के मध्य प्रसिद्ध होते हैं। अपनों को लेकर काफी समर्पित होते हैं, लेकिन अधिकार की भावना जब अपना असर डालती है तब स्थिति में कमी दिखाई दे सकती है। 

 

आर्थिक एवं सामाजिक पक्ष रहता है उत्तम  

बृहस्पति के तुला राशि में होने पर व्यक्ति जीवनशैली को बेहतर बनाए रखने के लिए प्रयास अधिक करते हैं। अधिक परिश्रम करते हैं और अच्छा धनार्जन करने में सक्षम होते हैं। खर्चों की अधिकता भी इनमें अधिक हो सकती है। सुंदर एवं कलात्मक चीजों के प्रति रुझान भी रहता है। भीड़ में अलग दिखने की चाह भी इनमें होती है। कोमल व्यवहार एवं सौम्य आचरण दूसरों को इनकी ओर खींच सकता है। तुला राशि में बृहस्पति की स्थिति व्यक्ति को अच्छा स्थान दिलाने वाली होती है। सामाजिक स्थिति अच्छी हो सकती है, ईमानदार एवं कर्तव्य को लेकर सजग रहते हैं। स्वभाव से कुछ अस्थिर एवं  चंचल हो सकता है। 

 

करियर और व्यवसाय में मिलती है चमक 

करियर और बिजनेस में काफी प्रभावी होते हैं। अपने काम को करने में आगे रहते हैं। लोगों के साथ मेलजोल करने वाले होने के कारण ही बिजनेस में अच्छे संबंध विकसित कर सकते हैं। अपने कार्यक्षेत्र में अधिकारियों के साथ रिश्तों को बेहतर बनाने में भी यह काफी आगे रहते हैं। व्यक्ति स्वयं की योजनाओं को लेकर काफी सजग होते हैं, इसी कारण काफी आगे रहते हैं। खोज करने, नई चीजों को जानने, बैंकिंग के क्षेत्र में, मनोविज्ञान से जुड़े कामों में अच्छा कर सकते हैं। 

 

व्यक्ति को कला के क्षेत्र में प्रसिद्धि दिला सकता है, इंटरनेट से संबंधित काम, फैशन, फिल्म, आर्ट, राजनीति, सिविल जज, सर्जन, नर्स, बागवानी, फाउंडर, बैंक मैनेजर, मार्केटिंग इत्यादि में शामिल हो सकते हैं। व्यक्ति के भीतर आत्म-नियंत्रण भी अच्छा होता है। किसी के प्रति अत्यधिक स्नेह में ही इनका भाव कुछ कमजोर होता है अन्यथा मजबूत स्थिति को पाते हैं। 

 

आर्थिक एवं सामाजिक रुप से होते हैं संपन्न 

बृहस्पति के तुला राशि में होने पर अच्छा लाभ प्राप्त करने में सफल होते हैं। लोगों के साथ अच्छे सहयोगी के रुप में काम करता है। यह अच्छे मित्र होते हैं और अपनों के लिए वह काफी सहायक बन कर सामने आते हैं। अभिव्यक्ति में आगे रहने वाले मनोभावों को दूसरे के सामने अच्छे से व्यक्त करना जानते हैं। कार्यशैली दूसरों को प्रभावित करती हैं। श्रेष्ठ लोगों के साथ संगत होती है, साधन संपन्न होते हैं। बुद्धिमान होते हैं और व्यापार करने में अच्छे भी होते हैं। यात्राओं को करते हैं, विदेश से धन प्राप्ति भी होती है। धन संचय करेगा और खर्च भी होगा। शास्त्रों के बेहतर जानकार हो सकते हैं। लोगों के आदर सत्कार की भावना भी इनमें होती है। 

 

प्रेम और विवाह संबंध 

बृहस्पति के तुला राशि में होने पर प्रेम के प्रति आकर्षण रहता है। अपने साथी के साथ अच्छे पलों को जीना चाहेंगे। साथी को आकर्षित करने में भी आगे रहते हैं। प्रेम में अधिकार भी अधिक दिखाते हैं। एक से अधिक संबंधों में भी शामिल रह सकते हैं। अपने रिश्तों में आनंद की तलाश इनके भीतर सदैव रहती है। यौन संबंधों में अधिक सक्रिय रह सकते हैं। फ्लर्ट करने में भी माहिर माने जाते हैं। विवाह बंधन काफी मजबूत होता है, अपने साथी के साथ सुख दुख के भागी होते हैं। विवाह के पश्चात भाग्य का अच्छा सहयोग भी प्राप्त होता है। परिवार में जिम्मेदारियों के निर्वाह को समझने वाले होते हैं। निर्भरता अधिक पसंद नहीं करना चाहेंगे तथा सभी के साथ आगे रहते हुए आगे बढ़ना पसंद कर सकते हैं। 

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