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बृहस्पति का मकर राशि में फल/Capricorn in Jupiter

बृहस्पति का मकर राशि में होना व्यक्ति को योग्य, मेहनती, परोपकारी एवं दयालु बनाता है। व्यक्ति के भीतर सभी के कल्याण करने की भावना होती है। अपने काम को लेकर काफी मेहनत करता है। ज्योतिष शास्त्र में मकर राशि को बृहस्पति की नीच राशि के रुप में जाना जाता है। इस कारण लग सकता है की इस राशि में बृहस्पति का होना इसकी शुभता में कमी को दर्शाए, तो यहां इस बात को समझने की आवश्यकता है कि किन चीजों में यह कमी दे सकता है। क्योंकि मकर राशि काफी सजग विचारशील और अच्छी योजनाओं को बनाने में निपुण होती है, ऐसे में बृहस्पति का यहां होना कई मायनों से विशेष हो जाता है। बृहस्पति का योग व्यक्ति के ज्ञान को अधिक दिखावे से बचाता है। बाहरी रुप से काम करने की अपेक्षा चीजों को भीतर तक समझने की प्रवृत्ति देता है। 

 

बृहस्पति के मकर राशि में होने के कारण जातक व्यवहार कुशलता प्राप्त होती है। बृहस्पति का जो दंभ है यहां आकर नियंत्रित भी होता है। अभिमान की स्थिति भी कुछ नम्रता की ओर का रुख पाती है। सभी के साथ सहयोगात्मक रुप से काम करने की प्रवृत्ति मकर राशि में बृहस्पति के होने से मिल पाती है। इस स्थान पर रहते हुए ज्ञान की अवधारणा में अब परिपक्कता को देख पाने में भी सफल होते हैं। जातक मान सम्मान और परिवार के प्रति काफी विचारशील होता है संयमित रुप से व्यवहार करने वाला भी बनता है। 

 

व्यक्तित्व की गंभीरता तथा परोपकारी गुणों से होते हैं संपन्न 

मकर राशि में बृहस्पति के होने पर व्यक्ति का स्वभाव से कर्म के प्रति सजग होता है। अपने काम के प्रति समर्पण का भाव भी रखता है। मकर राशि का प्रभाव व्यक्ति में उचित समझ एवं बौद्धिकता को दर्शाता है। जातक नैतिकता के प्रति ध्यान अवश्य रखता है। जीवन दर्शन, उच्च ज्ञान, आध्यात्मिकता से संबंधित बातों पर भी विश्वास रखता है। अपने लक्ष्य को लेकर मेहनती भी होता है। अपने काम में बेहतर स्तर का प्रदर्शन करने की इच्छा शक्ति व्यक्ति में होती है। यहां दृढ़ संकल्प भी होता है और अभ्यास परिश्रम द्वारा चीजों को प्राप्त करने की इच्छा भी इसमें होती है। सामाजिक रुप से मेलजोल रखने वाला तथा आसपास की चीजों के प्रति जिम्मेदारी का भाव भी रहता है। 

 

मकर राशि में बृहस्पति के होने से व्यक्ति में साहस भरे निर्णय लेने में कमी देखने को मिल सकती है। बृहस्पति का बल कुछ कमजोर होता है जिसका प्रभाव फैसलों एवं निर्णय क्षमता पर पड़ सकता है। यहां चीजों को लेकर अत्यधिक जल्दबाजी नहीं होती है। सोच विचार कुछ अधिक हो सकता है। कई बार चीजों को पूरा करने में बःई अधिक समय़ लग जाता है। कुछ लापरवाही का भाव भी दिखाई दे सकता है। व्यक्ति दूसरों के प्रति काफी सहृदय का भाव रखता है जिसके चलते उसे कई बार नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। दया और परोपकारिता अत्यधिक होने से स्वयं को भी दरकिनार कर सकता है। 

 

करियर और व्यवसाय में परिश्रम द्वारा करते हैं अपने भाग्य का निर्माण 

बृहस्पति ज्ञान और विस्तार का कारक होकर मकर राशि में जाने पर व्यक्ति को खोज करने के प्रति जिज्ञासा प्रदान करता है। अपने कामों में गोपनीयता को अपना सकता है। कुछ बातों में  ईर्ष्यालु हो सकता है। कई बार भावनात्मक रुप से आहत होने पर अधिक उदासिन भी हो सकता है। जातक को गुप्त विद्याओं में रुचि हो सकती है। अनुसंधान के क्षेत्र में काम करने पर अच्छी सफलता बःई प्राप्त कर सकते हैं। रिसर्च के काम अच्छे से कर सकते हैं। धार्मिक और आध्यात्मिक पक्ष मजबूत होता है। परंपराओं के प्रति जागरूक होते हैं। जातक हृदय से दयालु होता है।अपने कार्यस्थल पर भी लोगों का सहयोग करने से दूर नहीं भागता है। 

 

कई बार जातक आंतरिक सत्य को खोजने का प्रयास करते हुए सभी से कट सकता है और खुद में अधिक व्यस्त दिखाई दे सकता है। आध्यात्म एवं धर्म के बारे में काफी स्पष्ट विचार रखने वाला तथा नैतिक गुणों का पालन भी करता है। यदि कोई गलत कार्य भी करता है तो उसमें भी ईमानदारी जरूर दिखाता है। मकर राशि में बृहस्पति का होना व्यक्ति अत्यधिक परिश्रम करने की ओर ले जा सकता है। मेहनती होने पर ही सफलता और भाग्य निर्मित होता है। जीवन आसान नहीं होता है कुछ बातों में जातक को अपने भाग्य को लेकर कष्ट भी हो सकता है। जातक को गुप्त स्रोतों, अवैध तरीकों या अचानक से भी धन की प्राप्ति हो सकती है।

 

नैतिकता और अनुशासन का गुण इनमें और इनके कामों में दिखाई देता है। अपने काम में निष्ठा की भावना प्रदर्शित करते हैं। व्यवसाय के क्षेत्र में अपने इसी गुण के द्वारा आगे तक सफल हो सकते हैं। कार्यालय में अपने सहयोगियों का साथ देते हैं। कानून जैसे क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन करते हैं। कामकाज के क्षेत्र में व्यक्ति को अधिक परिश्रम करने की आवश्यकता होती है। मेहनत के द्वारा ही सफलता प्राप्त होती है। जातक वकालत, सेवा कार्यों, एनजीओ, प्रशासनिक सेवाओं, शिक्षा के कार्यों में शामिल हो सकते हैं। काम में आगे बढ़ने की इनकी महत्वाकांक्षा ही इनके लिए सबसे सहयोगी होती है क्योंकि जहां मकर में गुरु अपने कुछ गुणों में कमी पाता है और उसका फल भी देखने को मिलता है लेकिन यदि इच्छाएं रहेंगी तो अवश्य ही सफलताओं को भी प्राप्त कर पाएंगे। 

 

प्रेम और विवाह संबंध 

प्रेम संबंध सामान्य रहते हैं। प्यार के मामले में जितना यह करते हैं उतना शायद इन्हें अपने साथी की ओर से मिल पाने में कुछ कमी का अनुभव अवश्य हो सकता है। अपनी ओर से रिश्ते को निभाने के लिए काफी प्रयास भी करते हैं। इनके रिश्तों में दिखावे से अधिक आत्मीयता का भाव होता है। अपने मनोभावों को बहुत अधिक अभिव्यक्त न कर पाएं लेकिन साथी के प्रति इनका लगाव बहुत अधिक होता है। बृहस्पति का नीचस्थ होना वैवाहिक जीवन के सुख को कुछ कमजोर कर सकता है लेकिन इसके बावजूद रिश्तों में नजदीकियां बनी रहती हैं। 

आप हमारी वेबसाइट से सभी भावों में बृहस्पति के प्रभावग्रहों के गोचर और उसके प्रभावों के बारे में भी पढ़ सकते हैं।

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