मुख्य पृष्ठ वीडियो नौकरी न होने का समाधान

आपको इसलिए नहीं मिल रही नौकरी |

प्रतिस्पर्धा के इस दौर में, आजकल अच्छी नौकरी मिलना किसी चुनौती से कम नहीं होता। कभी-कभी योग्यता होने के बावजूद, नौकरी मिलने में परेशानी होती है तो कई बार नौकरी पाने के अवसर हाथ से निकल जाते हैं। वहीं, कुछ लोगों को नौकरी मिलने में बाधा होती है तो कुछ को नौकरी मिलने के बाद कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सही नौकरी ढूंढना सबसे मुश्किल काम होता है जो परेशानी का सबब बन जाता है। ऐसे में, कई बार असफलता मिलने पर व्यक्ति हताश और निराश हो जाता है और व्यक्ति को समझ नहीं आता कि इतनी मेहनत के बावजूद भी सफलता क्यों नहीं मिल पा रही है।

ज्योतिष शास्त्र कहता है कि आपका कर्म करना जितना आवश्यक होता है उतना ही, आवश्यक भाग्य का साथ देना भी होता है। इसके पीछे वास्तु और ग्रह दोष भी हो सकते हैं क्योंकि ज्योतिष कहता है कि कर्म के साथ ग्रहों का अनुकूल होना अति आवश्यक है। कई बार ऐसा कुंडली में मौजूद ग्रहों की गलत दशाओं के कारण होता है। कुंडली देखकर पता किया जा सकता जा सकता है लोगों को नौकरी में परेशानियां क्यों आती है।

नौकरी पाने में असमर्थ रहने वाली परिस्थितियां

आज के इस विशेष लेख में, हम नौकरी पाने में असमर्थ हो रहे लोगों के सामने कुछ बातें रखने के साथ ही, उनको यह भी बताने की चेष्टा करेंगे कि वो ऐसा क्या करें जिससे उन्हें नौकरी मिल जाये? हमारा आज का विषय इसी से संबंधित है कि जिससे आपको पता लग जाये कि आपको नौकरी क्यों नहीं मिल रही। आइए, इससे संबंधित कुछ परिस्थितियों को समझते हैं-

• एक परिस्थिति यह होती है कि व्यक्ति के पास अच्छी शिक्षा और अनुभव तो है लेकिन, फिर भी वह बेरोजगार है।

• दूसरी परिस्थिति यह होती है कि व्यक्ति के पास साधारण शिक्षा के साथ कोई विशेष अनुभव नहीं है, तब वह बेरोजगार है।

• तीसरी परिस्थिति यह होती है कि व्यक्ति काफी समय तक तो रोजगार था लेकिन, अब काफी समय से कोई रोजगार नहीं है।

• एक अन्य परिस्थिति यह होती है कि व्यक्ति बहुत सी नौकरियां इसलिए ठुकरा देता है क्योंकि उसका उन्हें करने का मन नहीं करता।

इन सभी परिस्थितियों के अंतर्गत शनि विपरीत रूप से जागृत होकर, व्यक्ति को बिना कार्य के रखना चाहता है। जी हां, शनि चाहता है कि व्यक्ति बिल्कुल कार्य ना करे।

नकारात्मक शनि बनाता है कर्म विहीन

अब यहां, बहुत से ज्योतिष संबंधी बातों के उत्सुक लोग यह जानने के इच्छुक होंगे कि यह शनि विपरीत अवस्था में कैसे जागृत होता है? और इसका क्या मतलब होता है? इन सब लोगों की जिज्ञासा शांत करने के लिए हम बताना चाहते हैं की शनि इस अवस्था में कैसे पहुंचता है। कर्म का कारक शनि के दसवें भाव से किसी विपरीत भाव में होने पर, दसवें भाव के परिणामों के लिए शनि की भूमिका नकारात्मक हो जाती है लेकिन, शनि किया नकारात्मक भूमिका पूरे जीवनकाल नहीं रहती। यह नकारात्मक स्थिति उस कुछ-कुछ अंतराल के लिए रहती है, जब-जब नकारात्मक स्थिति का शनि जागृत हो जाता है। इसे एक उदाहरण से समझने की कोशिश करते हैं। मान लीजिए, किसी कुंडली में शनि पंचम भाव में केंद्रित है अर्थात् शनि की यह स्थिति दसवें भाव के लिए अत्यंत विपरीत है क्योंकि शनि दसवें भाव से आठवें भाव में आ गया है। अब, इस विपरीत स्थिति को ग्यारहवें भाव में स्थित केतु अपने नकारात्मक गोचर से जागृत करता है परिणामस्वरूप, शनि व्यक्ति को कर्म से विहीन या कर्म का फल ना देने वाला बना देता है।

विपरीत स्थितियों को प्रबंधित करना  

लेकिन, इन स्थितियों में घबराने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि इसके उपाय भी होते हैं जैसे- इस स्थिति को प्रबंधित करके स्थितियों के बारे में समझना कि परेशानी क्या है। सर्वप्रथम, यह समझना चाहिए कि नकारात्मक होने के कारण शनि कह रहे हैं कि कार्य नहीं करने दूंगा या कार्य नहीं करो। अब, इस स्थिति में सवाल उठता है कि ऐसे में क्या करना चाहिए? तो इसका जवाब यह है कि ऐसे में आपको मैनेजमेंट करना चाहिए यानि कि नौकरी पाने के लिए ज्यादा चरात्मक नहीं होना चाहिए। कहने का तात्पर्य यह है कि यहां नहीं करूंगा, यह नहीं करूंगा या यह छोड़ दूंगा आदि नहीं करना चाहिए बल्कि, सबसे पहले यह करने की आवश्यकता होती है  कि जो मिले उसे ले लेना चाहिए। आप इस दशा और गोचर की थोड़ी सी विपरीत परिस्थितियों का सामना क्यों नहीं कर पा रहे हैं? आपको कैसे बताया जाए कि आपको कैसे चलना है? ऐसे में, इस दशा और गोचर की थोड़ी सी विपरीत स्थितियों को सहन कर जाना चाहिए जैसे- तनख्वाह कम मिल रही है तो कोई बात नहीं या ऐसा हो रहा है तब भी कोई बात नहीं इत्यादि। इसके अलावा, सही बात तो कुंडली देखने के बाद ही पता चल पाती है। 

दृढ़ इच्छाशक्ति आवश्यक

ऐसे में, सवाल उठता है कि हमको क्या करना चाहिए? यहां समझने वाली बात यह है की शनि ने किसी ग्रह के साथ मिलकर आपको नौकरी से वंचित करने की ठानी है इसलिए आपको ऐसे कर्म करने की आवश्यकता है जिससे शनि की मर्जी ना चल सके और जिस ग्रह ने शनि को विपरीत रूप से जागृत किया हुआ है उसकी भी ना चल सके। हालांकि, उनकी मर्जी कुछ माह तक तो चलती ही है। लेकिन, महत्वपूर्ण बात यह है कि आपकी इच्छाशक्ति जितनी दृढ़ होगी उतनी ही, जल्दी उनका संकल्प टूट सकता है। अतः हम चाहते हैं कि आपकी इच्छाशक्ति, शनि और नकारात्मक ग्रहों के संकल्प को भंग कर दे और आपको नौकरी मिल जाए।

कुंडली द्वारा उचित समाधान संभव

यहां, हमारे द्वारा आपको यह दो-तीन बातें बताई गई हैं है कि आपको क्या करना चाहिए। हालांकि, अन्य कई उपाय भी होते हैं लेकिन, वह कुंडली देखने के बाद ही पता चलते हैं। कई लोग ऐसे ही देखा-देखी उपाय करने लगते हैं जैसे- उसके सर में दर्द था तो उसने सेरिडॉन खाई, तो मैं भी खा लेता हूं। यह सर्वथा गलत है क्योंकि उपाय ऐसे नहीं होते। ऐसे तो सिर्फ नकारात्मकता ही फैलती है। हो सकता है कि उस समय आपको एकदम तो लाभ मिल जाए लेकिन, उसके बाद जो अवरोध लगता है उसको हटाने वाला कोई नहीं मिल पाता। अतः, आप अपनी जन्मतिथि लिखकर हमें बता सकते हैं जिससे हम आपको बताएंगे कि आपकी नौकरी क्यों नहीं लग रही है और आपको क्या करना चाहिए। यदि काफी समय हो चुका है यानि शनि और नकारात्मक ग्रह अत्यधिक जागृत और बली हो चुके हैं तो आप एक बार हमारे कार्यालय में आकर हमसे संपर्क कर सकते हैं।

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