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कुंडली में छिपी होती हैं गुप्त बातें

हमारे पास ऐसे कई व्यक्ति आते हैं जो पार्टनरशिप में कोई बिज़नेस कर रहे होते हैं और उनका यह मानना होता है कि उनका पार्टनर कोई काम ही नहीं करता।  इस सोच के साथ वे अपना बिज़नेस अलग करना चाहते हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि भौतिक रूप से न सही लेकिन, आपकी कुंडली के योग से आप सिर्फ अपने पार्टनर की वजह से ही लाभ उठा पा रहे होते हैं? इस लेख के माध्यम से जानते हैं बिजनेस में पार्टनर का  किस तरह आंतरिक रूप से योगदान रहता है।

पार्टनरशिप के बिजनेस को लेकर द्वंद

पंचकूला से परमीत जी ने फोन करके हमसे कहा- गुरु जी, मैं अपने बारे में जानना चाहता हूं। उनका जन्म पंचकूला में 2 फरवरी 1974 दोपहर 3:20 बजे हुआ था। हमने उनकी कुंडली बनाकर बताया कि आपकी कुंडली का तुला लग्न आने के कारण, आपकी कुंभ राशि आती है और इस समय आपका लग्न विचलित नजर आता है जिसके चलते, आपका मन अत्यधिक चिंताग्रस्त नजर आता है। इन मानसिक चिंताओं को थोड़ी सी आंच देने पर, आमदनी वाले दसवां और ग्यारहवां दोनों भाव परेशान हो जाएंगे यानि आपको हानि होने की संभावना बन सकती है जो चिंता का विषय है। अब, आप क्या जानना चाहते हैं? क्या इस बारे में कुछ बताएंगे? इस पर उन्होंने जबाब दिया- गुरु जी, मुझे एक यही दिक्कत है कि मैं पार्टनरशिप में काम करता हूं और मेरा पार्टनर कोई काम तो नहीं करता पर, पूरा का पूरा लाभ दबा लेता है इसलिए मैं चाह रहा हूं कि मैं स्वयं का काम शुरू कर लूं। क्या मैं अपना काम शुरू कर सकता हूं? उनका प्रश्न सुनकर हमने कहा कि सबसे बड़ी बात आप आप स्वयं का बिजनेस करना चाहते हैं। दूसरी बात यह है कि पार्टनरशिप में आपको लगता है कि आपका पार्टनर प्रॉफिट ले लेता है लेकिन, आपको उतना लाभ नहीं मिल पाता है जबकि, आपकी पूरी मेहनत लग जाती है। यदि आप यह जानना चाहते हैं तो ठीक है। 

कुंडली में होता है बिजनेस करने का योग

आपकी कुंडली बनाते हुए हम यही सब देखने की कोशिश कर रहा थे कि आप क्या काम करते होंगे? कोई बिजनेस या कोई रोजगार करते होंगे? क्योंकि आपकी कुंडली के अंदर बिजनेस करने का योग स्पष्ट रूप से नजर नहीं आ रहा था। हां, यह जरूर नजर आ रहा था कि आपका सप्तम भाव काफी मजबूत है। 
सप्तम भाव, भार्या यानि पत्नी के साथ ही, पार्टनरशिप का भी होता है यानि कि हम वहां से बहुत कुछ लाभ ले सकते हैं तथा बिजनेस करने वाले योग के हल्का भी रह जाने पर भी, पार्टनर का भाग्य हमारे भाग्य के साथ जुड़ जाता है जिससे हम अच्छा-खासा लाभ ले सकते हैं। 

जैसा आपने बताया कि आपका पार्टनर कुछ नहीं करता फिर भी, आपको उसे प्रॉफिट देना पड़ता है तो आप यह बताइए कि तीन या सवा तीन साल पहले या साढ़े तीन  भी मान सकते हैं, आप जो काम करते हैं उसमें कोई बड़ी परेशानी आई थी क्या? यदि आई थी तो आप उस परेशानी से कैसे उभरे थे? क्या उससे बाहर निकलने में आपके पार्टनरशिप का कोई योगदान था? हम, आपसे ये सभी बातें जानना चाहते हैं। इन सवालों पर परमीत जी ने बताया- हां जी, परेशानी आई तो थी। इनकम टैक्स की रेड पड़ने वाली थी। इनकम टैक्स वाले आए थे हमारे पास लेकिन, मेरे पार्टनर की जान पहचान थी जिसके कारण मसला सुलझ गया था। इस पर हमने फिर से पूछा- अच्छा, यह तो हमने आपसे सवा तीन साल पहले करीब की बात की लेकिन, अगर तकरीबन छः या आठ माह पहले की बात की जाए तब भी, क्या आपके बिजनेस के अंदर कोई ऐसा कंसाइनमेंट रहा हो जो रुक गया हो? चूंकि, हम आपके बिजनेस के बारे में  नहीं जानते लेकिन, कभी-⁠कभी बिजनेस में कोई काम करने पर पैसा तो मिलना ही चाहिए इसलिए क्या कोई ऐसी बात हुई थी कि आपको कहीं से पैसा मिलना हो जो रुक गया हो? और फिर उस मामले में, आपके पार्टनर ने उचित समय पर अपना योगदान किया हो जिससे पुराने समय से फंसा हुआ वो पैसा निकल कर आ गया हो? क्या कुछ ऐसी बात थी? इस पर परमीत जी बोले- जी हां, ऐसा भी हुआ था। 

अब, हम आपको यह बताना चाहेंगे कि जैसा हमने पहले बताया था कि आपकी कुंडली के अंदर, बिजनेस करने के योग बहुत कम हैं लेकिन, पार्टनरशिप के माध्यम से लाभ मिलने के पूरे योग हैं। वास्तव में, कभी-⁠कभी यह होता है कि काम करते समय हम यह सोचने लगते हैं कि सभी शारीरिक कार्य मैं कर रहा हूं तो यह सारा का सारा बिजनेस मैं ही चला रहा हूं और इसमें मेरे पार्टनर का कोई भी योगदान नहीं है। अधिकांशतः, ऐसा होता है कि लोग शारीरिक रूप से  बहुत मेहनत करते हैं। आप में से कितने ही लोगों ने बिजनेस किया होगा और फिजिकली बहुत मेहनत भी की होगी लेकिन, फिर भी आप लोगों के बिजनेस नहीं चले होंगे क्योंकि किसी का भाग्य काम करता है तो किसी के रसूख काम करते हैं वहीं, किसी के उचित समय पर लिए गए निर्णय काम करते हैं जो बिजनेस के अंदर लाभ दे जाते हैं। ऐसे में, जैसा कि हमने आपसे  शुरुआत में ही कहा था कि आप समझ सकते हैं कि आपका दशम और ग्यारहवां दोनों भाव परेशानी के अंदर है इसलिए आपका मन विचलित होगा जिस कारण, इस समय अपने विचलित मन के चलते पार्टनरशिप को छोड़ देने पर, आप दिक्कत में आ सकते हैं। 

अतः, हम आपसे यही कहना चाहेंगे कि आपको अपने बिजनेस से जो भी प्रॉफिट मिल रहा है उससे ज्यादा लाभ के चक्कर में, अपने पार्टनर के साथ अनबन नहीं करनी चाहिए क्योंकि उसके साथ परेशानी खड़ी करने पर, आप बहुत बड़ी परेशानी के अंदर आ जाएंगे। यहां, हम आपको यह बात बताना भी आवश्यक समझते हैं कि आपने हमें मुझे फोन किया है इसलिए हमारी सहानुभूति भी आपके साथ हैं ना कि आपके पार्टनर के साथ। इसके अलावा, पार्टनर के आपसे अलग हो जाने पर भी उसके ऊपर हल्का सा भी फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन, आप बहुत परेशानी के अंदर आ जाएंगे। हालांकि, आपका सप्तम भाव बहुत बलिष्ठ है। हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारी बातें समझ में आ गई होंगी।
 
इसके साथ ही, आप एक छोटा सा काम कर लीजिएगा कि आप रविवार के दिन सीधे हाथ की रिंग फिंगर में सूर्य मुद्रिका धारण कीजिएगा इससे पांचवे महीने के अंदर ही, आपको काफी अच्छा बंपर प्रॉफिट मिलने वाला है। बंपर से मतलब है कि जो जितना लाभ आपको आज तक ना मिला हो। उसके बाद, हमे फोन करके बताइएगा कि आप उस समय कैसा महसूस कर रहे हैं।