मुख्य पृष्ठ वीडियो शादियाँ स्वर्ग में तय होती हैं, इसका प्रमाण देखें पं. विनय बजरंगी द्वारा

शादियां स्वर्ग में तय होती हैं

कई लोगों की यह समस्या होती है कि विवाह कब तक होगा? विवाह के योग हैं या नहीं? हमारे पास, ऐसे विभिन्न लोग इस प्रकार की समस्या लेकर आते हैं जो जानना चाहते हैं कि यदि विवाह के योग हैं तो कब तक हैं? हमारे द्वारा, इस तरह की विभिन्न समस्याओं का निवारण कैसे किया जाता है आइए, इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि विवाह का योग किस प्रकार पता चलता है। 

सप्तम भाव है विवाह का भाव

जालंधर से अरविंदर कौर जी ने फोन कॉल पर हमसे संपर्क किया- नमस्कार गुरु जी। मैं अपने भाई के बारे में जानना चाहती हूं। इस पर हमने उनसे कहा कि अगर आप अपने भाई के बारे में जानना चाहती हैं तो सबसे पहले, आपको उनकी जन्मतिथि और जन्म का समय बताना पड़ेगा ताकि हम उनकी कुंडली बना सकें। उनके भाई का 20 मार्च 1986 को सुबह 6:00 बजे चंडीगढ़ में जन्म हुआ था। तब, उनके भाई की कुंडली बनाकर हमने उन्हें बताया कि अरविंदर जी, कुंडली से ऐसा लगता है कि आपके भाई के लिए विवाह एक परेशानी का विषय होगा। क्या कुछ ऐसी बात है जो विवाह के संबंध में सप्तम भाव से संबंधित हो? इस पर उन्होंने जबाब दिया- हां जी, वास्तव में उसका विवाह नहीं हो पा रहा है। उसके लिए बहुत लड़कियां देख रहे हैं लेकिन, बात नहीं बन पा रही है। यह सुनकर हमने कहा- अच्छा, यदि आप बहुत सारी लड़कियां देख रही हैं और बात नहीं हो पा रही है तो जो यह कुंडली हम देख रहे हैं उसकी जन्मतिथि क्या आपने हमें सही दी है? क्या जन्मतिथि और समय सही है?

इस पर उन्होंने कहा- हां जी, बिल्कुल सही है। यह सुनकर हमने उनसे साफ शब्दों में पूछा कि हमें इस जन्मतिथि में कुछ समस्या और परेशानी नजर आ रही है। क्या आपके पास कोई और जन्मतिथि है या कोई ऐसी बात हो जो आप छुपा रही हों? अब, उन्होंने बताया कि गुरुजी, असल में मेरे भाई ने एक गुजराती लड़की से मंदिर में फेरे डालकर शादी कर ली है। मेरे पापा जी को पता चलने पर बहुत परेशानी हो जाने वाली है और उन्होंने तो उसे बिल्कुल मार ही डालना है। वो गुजराती लड़की, मेरे भाई को मिलने बुलाती है और उल्टी-सीधी गालियां सुनाकर बहुत झगड़ा करती है। हमने उसे समझाकर मना लिया है कि तू दूसरी जगह शादी कर ले। मैं तो चाहती हूं कि वह दूसरी जगह शादी कर ले बस। 

शादियां स्वर्ग में तय होती हैं

जी, हम आपकी जिस बात को देखने की कोशिश कर रहे थे वो बात सही निकली क्योंकि आपने बताया कि उसका विवाह नहीं हो रहा है और आप बहुत देख रहे हैं लेकिन, बात नहीं बनती है। लेकिन, जैसा कि हम इस कुंडली में देख पा रहे हैं कि इसमें विवाह का योग बनता है इसलिए विवाह तो हुआ होगा। अब जाकर आपने बताया कि हां, उसने शादी कर ली है। यहां, हम आपको यह बताना चाहेंगे कि इस कुंडली के अनुसार, वास्तव में विवाह के अंदर परेशानी और दिक्कत वाली जो बात है उसे आपको समझ लेना चाहिए। सप्तम भाव, विवाह का भाव होता है और अष्टम भाव, सप्तम भाव से द्वितीय भाव होता है यानि सप्तम भाव से जो लाभ होने वाला होता है उसे कुंडली के अंदर, अष्टम भाव से देखा जाता है। इस कुंडली में सप्तम भाव के अंदर बहु विवाह का योग नहीं है बल्कि, विलंब विवाह का योग है। इसके साथ ही, इस कुंडली में यह भी दिखाई रहा है कि यदि आपने इस शादी को भंग मान लिया या करा दिया तो लड़के का छठा भाव भी पीड़ित हो जाएगा। छठा भाव अदालती मामलों से संबंधित होता है क्योंकि छठा भाव, सप्तम भाव से बारहवें भाव में होता है। ऐसे में, अब इस विवाह को तुड़वाकर नई शादी करने की कोशिश करने पर, पहली बात तो उनका विवाह होना ही नहीं है और दूसरी बात यह कि आप अपने पिताजी से परेशान होकर जो डर रहे हैं कि पिताजी, उसको क्या कहेंगे या क्या नहीं कहेंगे लेकिन, जब यह मामला कोर्ट में चला जाएगा तब क्या होगा? कोर्ट में जाकर तो आपके परिवार की बदनामी ही होगी और उसके बाद, विवाह की यह परेशानी या तलाक संबंधी बातें खुल कर बाहर आ जाएगी। इसके बाद भी, जब तलाक नहीं होगा तो सोचिए कि आप लोग कितनी परेशानी के अंदर पड़ने वाले हैं।

इस आशंका के चलते कि पापा नहीं मानेंगे और वह घर में कुछ कलेश कर देंगे, आप लोग उनकी शादी को तुड़वाने की जो चेष्टा कर रहे हैं उससे आप अपने भाई के साथ अन्याय कर रहे हैं। आपसे अनुरोध है कि कृपया, यह अन्याय मत कीजिएगा अन्यथा, आपको और आपके परिवार के साथ ही, उस लड़की (जिसके साथ विवाह किया है) दोनों को ही दिक्कत होनी है इसलिए आपको, अपने और अपने भाई के अंदर थोड़ा सा बल उत्पन्न करने की आवश्यकता है। 
अपने पिताजी के साथ, इन सभी बातों पर चर्चा करने के बाद एक अच्छा फैसला निकालना चाहिए। हमें पूरा विश्वास है कि हो सकता है कि आपको अपने पिताजी, परेशानी उत्पन्न करने वाले और कठोर नजर आते हों लेकिन, हम आपसे यह कहना चाहते हैं कि एक बार उनसे विचार-विमर्श करने पर, वह इस बात को बहुत अच्छे से समझेंगे या कोई ना कोई अच्छी सी राय या  ऐसी बात बता पाएंगे जिससे यह समस्या, हमेशा के लिए हल हो जाएगी।

उपाय

जहां तक, यह बात है कि आपका भाई दोबारा शादी करने को तैयार है तो आपको उन्हें गलत राह नहीं दिखानी चाहिए क्योंकि यह आपके भाई के लिए  दिक्कत वाली बात है क्योंकि उनका कोर्ट केस संबंधी छठा भाव, जल्दी ही सक्रिय हो सकता है या फरवरी-⁠मार्च के अंदर सक्रिय हो सकता है जिसमें निश्चित ही, उनकी हार होगी यानि उनका डिवोर्स नहीं होगा बल्कि, उनको हर्जाना और जुर्माना भी लग सकता है। यह सब जानते हुए, आपको यह सब नहीं होने देना चाहिए। साथ ही, उनसे कहिएगा कि रोज सुबह  हनुमान जी की पूजा करना शुरू कर दें और शनिवार के दिन एक समय भोजन ना करें क्योंकि ऐसा करने से, उनको अच्छा लाभ मिलेगा। इसके अलावा, आपको भी इस बात को दोबारा थोड़ा अच्छे और शांत मन से सोचना चाहिए क्योंकि कोई भी भविष्य को नहीं जानता बल्कि, सब सिर्फ वर्तमान को ही देखकर सोचते हैं कि वर्तमान के अंदर कुछ ऐसा काम हो जाए जिससे हमें,  तुरंत ही लाभ की प्राप्ति हो जाए।

लेकिन, ऐसा कभी नहीं होता क्योंकि भविष्य और वर्तमान, आपस में अच्छी तरह से जुड़े होते हैं। अतः, वर्तमान का कोई भी गलत कदम, भविष्य के ऊपर अच्छे तरीके से परेशानी के या अच्छे बादल डाल सकता है इसलिए आपसे, हमारा अनुरोध यही है कि आपको अपने भाई का जीवन खराब नहीं करना चाहिए तथा उनके विवाह को उजागर करना चाहिए। उसके बाद देखिएगा कि उनका आगे का जीवन कितना अच्छा हो सकता है।