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क्या आपका पद और वेतन हैं शादी का रोड़ा?

आज हम विवाह की बात करेंगे कि क्या आपका पद और वेतन जिसकी आपको चाहत है, कहीं वही शादी का रोड़ा तो नहीं! इसे कुंडली के माध्यम से देखा जा सकता है। आईए, बताते हैं कैसे? एक कहावत है कि आदमी को कभी भी जमीन पूरी नहीं पड़ती। हो सकता है कि आपकी नौकरी या बिजनेस साधारण हो या असाधारण। फिर भी, कहीं मन में ऐसी लालसा तो नहीं होती कि विवाह तो बिल्कुल करेंगे लेकिन, विवाह से पहले बैंक में इतना धन होना चाहिए या यह गाड़ी होनी चाहिए या शादी तब तक नहीं करेंगे जब तक मैनेजर ना बन जाए या फिर बिजनेस का इतना टर्नओवर ना हो जाए। हमारे अनुभव में ऐसे कई लोग आते हैं जिनके मन में इसी तरह के विचार होते हैं लेकिन, नियति ने उन्हें विवाह विहीन कर दिया। क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है? आइए इसे समझने की कोशिश करते हैं।

कुंडली में ग्रहों की संरचना

अधिकांश लोगों की कुंडली में ग्रहों की संरचना ऐसी नहीं थी कि उनका विवाह ना हो पाए लेकिन, कभी-कभार संगति का असर भी पड़ता है। जी हां,  हमने सही कहा कि संगति का भी असर पड़ता है जैसे- एक बालक यदि नशे करने वालों की संगति में पड़ जाए तो कभी ना कभी वह भी नशा करने लगता है इसी भांति, कुंडली के अंतर्गत भी हो सकता है कि कुंडली के सप्तमेश, शुक्र व गुरु जैसे विवाह कराने वाले ग्रह बिल्कुल साफ सुथरे हों। परंतु, इन ग्रहों को नकारात्मक रूप से प्रोत्साहित करने वाले ग्रह, उन्हें भली-भांति कार्य नहीं करने देते या उन्हें निष्क्रिय कर दें। यानि कि  बालक तो अवगुण रहित था लेकिन, संगति उसे लेकर डूब गई। 

हमारे अनुभव में ऐसे कई व्यक्ति आए हैं जो 35 वर्ष पार के हो चुके हैं लेकिन, अभी तक ना तो विवाह सूत्र में बंधे हैं और ना ही विवाह होने के पहले वाला आत्मविश्वास जागृत कर पाए हैं अर्थात् उन्हें अभी भी अपना पद और धन विवाह के उपयुक्त नहीं लगता। यहां, आप सब को यह बात जानना आवश्यक है कि व्यक्ति का भाग्योदय कब होता है? व्यक्ति का भाग्योदय जीवनसाथी की कुंडली के कारण भी संभव होता है जिसे उन्होंने अभी तक इस्तेमाल नहीं करना चाहा।

सामान्य उपाय पर्याप्त नहीं 

ऐसे में, यदि ऐसी स्थितियां बन गई है कि चाहने के बाद भी विवाह नहीं हो रहा है तो यह देखना नितांत आवश्यक होता है कि कौन-कौन से ग्रहों ने अवरोध लगाया हुआ है तथा इन अवरोधों को नहीं हटाए जाने पर, बहुत संभव है कि विवाह ही ना हो। हमारे पास ऐसे कई लोग आते हैं जो सामान्य उपायों को बताने की प्रार्थना करते हैं लेकिन, अनिवार्य बात यह है कि जब बीमारी इतनी क्लिष्ट और गंभीर हो तो सामान्य उपायों से बात नहीं बन पाती। ऐसे में, आपको हमें कुंडली दिखाने की आवश्यकता है जिससे हम आपके मन में विवाह से पहले की जो चाह है कि मेरा पद विवाह से पहले यह हो जाना चाहिए या बैंक में मेरा कितना बैलेंस हो जाना चाहिए या मेरा बिजनेस इतना बड़ा हो जाना चाहिए आदि आपको बता पाएं कि क्या विवाह से पहले यह तर्कसंगत है भी कि नहीं। कहीं ऐसा ना हो कि आपकी आयु 32, 33 या 35 वर्ष की हो जाए और तब आप कुंडली लेकर हमारे पास आएं क्योंकि तब तो अवरोध लगे हुए ही हैं जिनके लिए अत्यंत बड़े-बड़े प्रयत्न करने पड़ सकते हैं। अतः इस स्थिति से बचने के लिए आपको 24, 25, 26 या 27 वर्ष की आयु में अपनी कुंडली की हमसे जांच अवश्य करा लेनी चाहिए और अपने मन के उद्गार हमारे समक्ष रखने चाहिए कि आप क्या चाहते हैं और क्या आपकी चाहत ठीक है या नहीं? निश्चित ही आपको अत्यधिक लाभ होगा और समय से विवाह हो पाएगा। बहुत संभव है कि जीवनसाथी का भाग्य आपके साथ जुड़ जाए और आपका भाग्योदय भी हो जाए। इसके अतिरिक्त, विवाह में अन्य कोई विघ्न आने पर भी, हमसे अवश्य ही संपर्क किया जा सकता है।